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नवंबर के अंतिम सप्ताह तक UGC- NET के विज्ञापन आने की संभावना

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हाल ही में NTA नें जून-2024 UGC नेट पुनर्परीक्षा का परिणाम घोषित किया है। जून- 2024 UGC नेट की परीक्षा के निरस्त होने के बाद पुनर्परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम घोषित करने तक हुए विलम्ब के कारण आगामी दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा भी प्रभावित होगी। ऐसे में NTA दिसंबर- 2024 की परीक्षा हेतु आवेदन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा। संभावना जताई जा रही है कि NTA नवंबर के अंतिम सप्ताह तक अधिसूचना जारी कर सकता है। NTA के पास समय बहुत कम है इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि दिसंबर- 2024 की UGC नेट परीक्षा का आयोजन जनवरी 2025 में किया जाएगा। क्योंकि अगर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक विज्ञापन आता है तो कम से कम एक महीने तक आवेदन लिए जाएंगे। चूंकि इस बार भी पेपर ऑनलाइन मोड में ही संपन्न होंगे इसलिए NTA को पेपर बनाने तथा परीक्षा केंद्र का निर्धारण करने में आसानी होगी। आवेदन प्रारंभ होने की पश्चात NTA द्वारा इन कार्यों को पूरा किया जा सकता है। तथा जनवरी- 2025 में परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं। आपको बता दें कि दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा 83 विषयों में अलग-अलग पालियों में आयोजित की जाएगी। ...

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के नियमावली में हुआ संशोधन.

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महामहिम राज्यपाल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) अधिनियम में संसोधन करते हुए एक गजट प्रकाशित किया गया है जिसमें धारा- 10 के स्थान पर निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं- (1) प्रत्येक प्रश्नपत्र चार भिन्न-भिन्न प्राश्निकों, जो एक ही स्थान के न हों, द्वारा बनाया जायेगा। (2) प्राश्निकों से प्राप्त मुहरबंद प्रश्न-पत्र परीक्षा नियंत्रक की अभिरक्षा में रखे जायेंगे। (3) चारों प्रश्न-पत्रों के मुहरबन्द लिफाफे सम्बद्ध अनुसीमकों को प्राश्निकों से उनसे रसीद लेकर दिये जायेंगे।  (4)अनुसीमक चारों प्रश्न-पत्रों का अनुसीमन करेगा, उन्हें पृथक-पृथक आवरणों में रखेगा जिन पर अपनी मुहर लगायेगा और आवरणों का पहचान का कोई चिन्ह नहीं लगायेगा और उन्हें परीक्षा नियंत्रक या उसके नाम किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को रसीद लेकर सौंप देगा। (5) परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के किन्हीं दो अनुसीमित प्रश्न-पत्रों को मुहरबन्द आवरण खोले बिना चुनेगा और उसे उसी रूप में दो भिन्न-भिन्न मुद्रणालयों को भेज देगा, जो प्रश्न-पत्रों का मुद्रण करने, जिसके अन्तर्गत प्रूफ पढ़ना भी सम्मिलित है, और परीक्षा न...

सहारा मरुस्थल आजकल चर्चा में क्यों है?

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दक्षिण-पूर्वी मोरक्को के सहारा रेगिस्तान में वर्षा की वजह से बाद आई है, जिससे यह नीले लैगून में तब्दील हो गया है। यह एक दुर्लभ घटना है। सहारा शब्द अरबी भाषा से लिया गया है जिसका तात्पर्य रेगिस्तान होता है। सहारा विश्व का सबसे बड़ा गर्म मरुस्थल है। यह अंटार्कटिका और आर्कटिक मरुस्थल के बाद तीसरा सबसे बड़ा मरुस्थल है। गौरतलब है कि अंटार्कटिका और आर्कटिक मरुस्थल शीत मरुस्थल है। इसका क्षेत्रफल 9,200,000 वर्ग किलोमीटर (पृथ्वी के भू-भाग का 8%) है। इसे 'ग्रेट डेजर्ट' के नाम से भी जाना जाता है। भौगोलिक दृष्टि से यह उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है। यह पूर्व में लाल सागर और उत्तर में भूमध्य सागर से लेकर पश्चिम में अटलांटिक महासागर तक फैला हुआ है। दक्षिण में यह साहेल प्रदेश से घिरा हुआ है, जो अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय सवाना की एक पट्टी है। कर्क रेखा, सहारा के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। इसके साथ ही, प्रधान मध्याह्न रेखा भी इसके एक हिस्से से होकर गुजरती है। सहारा की सबसे ऊंची चोटी 'एमी कौसी' (3,415 मीटर) है, जो चाड़ के तिबेस्ती पर्वत में स्थित एक ज्वालामुखी है। इसका विस्तार मोर...

विश्व भुखमरी सूचकांक 2024 के महत्वपूर्ण तथ्य

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) यानी भुखमरी के शिकार लोगों की आबादी की 2024 की लिस्ट में इस साल भारत 127 देशों में 105वें नंबर पर है। वहीं नेपाल 68, श्रीलंका 56 और बांग्लादेश 84वें नंबर पर हमसे आगे हैं। सिर्फ़ पाकिस्तान 109 वें रैंक के आधार पर हमसे भी पीछे है । 'कंसर्न वर्ल्डवाइड' और 'वेल्टहंगरहिल्फ' की ओर से संयुक्त रूप से प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट दुनिया भर में भुखमरी पर नजर रखती है, खासकर उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है जहां तत्काल कारवाई की आवश्यकता है। हंगर इंडेक्स में जो देश जितने ऊंचे पायदान पर होता है, वहां भुखमरी उतनी कम मानी जाती है। इस आधार पर चीन, चिली, कुवैत, रोमानिया, तुकी, रूस, जॉजिया, यूएई और उज्बेकिस्तान समेत 22 देश संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। यानी इन देशों में सबसे कम भुखमरी है। भुखमरी की सबसे चिंताजनक स्थिति सोमालिया, यमन, चाड, मेडागास्कर, हैती और नाइजर आदि देशों में है। ये देश ग्लोबल हंगर इंडेक्स में सबसे निचले स्थान पर हैं। अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :- • 2014: 55वां रैंक • 2023: 111वां रैंक • कुपोषित आबादी: 13.7% • बच्‍चे ज‍...