क्यों कहा जाता है नॉर्वे को मध्यरात्रि का देश
अर्द्धरात्रि/मध्यरात्रि का सूर्य (Midnight Sun) जब 21 मार्च तथा 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत् चमकता है तब दोनों गोलार्द्धों में सभी अक्षांशों पर दिन व रात बराबर होता है। किन्तु 21 जून को सूर्य जब कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता है तब 23 अंश उत्तरी अक्षांश वृत्त का अधिकांश भाग प्रकाश प्राप्त करता है जिससे वहाँ 21 जून को दिन लम्बा (14 घंटे के लगभग) तथा रात छोटी होती है। इसके विपरीत 21 जून को मकर रेखा पर रात बड़ी तथा दिन छोटा होता है। इस प्रकार 21 जून की स्थिति में उत्तर जाने पर दिन की अवधि प्रत्येक अक्षांश पर उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है। यह अवधि आर्कटिक वृत्त पर तथा उसके उत्तर स्थित सभी स्थानों पर 24 घंटे की होती है। इसीलिए समूचा आर्कटिक वृत्त प्रकाश-वृत्त (Light Circle) में रहता है। इसके फलस्वरूप नार्वे में मध्यरात्रि/अर्द्धरात्रि को भी सूर्य दिखता है। स्मरणीय है कि आर्कटिक वृत्त पर सर्वप्रथम नार्वे में नार्वजियन सभ्यता का विकास हुआ जिससे भौगोलिक कहावत प्रचलित हो गई है कि नार्वे में अर्द्धरात्रि को सूर्य दिखता है। इसी लिये नॉर्वे को अर्द्धरा