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इन कारणों की वजह से हो रही है TGT, PGT परीक्षा में देरी।

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आपको बता दें कि जून 2022 में 4163 पदों के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयनबोर्ड के द्वारा टीजीटी, पीजीटी भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। उसके बाद प्रदेश सरकार ने चयनबोर्ड को भंग करके चयन आयोग के गठन का निर्देश दे दिया। आयोग का गठन तो हो गया लेकिन आयोग में कर्मचारियों और पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर लेट लतीफी के कारण अभी भी परीक्षा की तिथि का निर्धारण नहीं हो पाया है। नए आयोग के गठन के बाद अब तक अस्थायी अध्यक्ष, सदस्य, सचिव, क्लर्क के साथ- साथ आयोग के मुकदमे संबंधी कार्य को देखने के लिए अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है। लेकिन अभी तक पेपर तैयार कराने से लेकर एग्जाम सेंटर के निर्धारण करने, परीक्षा सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी जिसकी होती है उन अधिकारियों में परीक्षा नियंत्रक, स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है  जिसके कारण परीक्षा में विलम्ब हो रहा है। इन अधिकारियों के साथ- साथ एक संभागीय अधिकारी की भी नियुक्ति की जानी है जिसका कार्यकाल फ़रवरी 2025 तक होगा ऐसा प्रावधान किया गया है। आपको पता होगा कि इस भर्ती से पूर्व वर्ष 2021 में टीजीटी, पीजीटी की भर्ती आई थी जो तय सम

LT ग्रेड शिक्षक भर्ती में होगी द्वि स्तरीय परीक्षा, शासन से अनुमति मिलते ही जारी होगा विज्ञापन।

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अब एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती दो स्तरीय परीक्षा माध्यम से कराई जाएगी। सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में प्रतियोगी छात्रों ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिसमें अभ्यर्थियों ने एल टी ग्रेड शिक्षक व राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) प्रवक्ता के रिक्त पदों पर विज्ञापन संबंधी मांग को लेकर आयोग में प्रशासनिक अधिकारी पवन मौर्य को एक ज्ञापन सौंपा। प्रशासनिक अधिकारी ने वार्ता के दौरान बताया कि एलटी एवं प्रवक्ता जीआईसी के पदों की समकक्ष अर्हता विवाद का समाधान हो चुका है। सर्विस रूल पर अनुमति एवं एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती दो स्तरीय परीक्षा के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है अनुमति मिलते ही विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि द्वि स्तरीय परीक्षा ऑब्जेक्टिव होगी इसके संदर्भ में शासन की अनुमति मिलने के बाद ही आयोग द्वारा स्पष्ट जानकारी दी जायेगी। आपको बता दें कि वर्ष 2018 में LT ग्रेड शिक्षक भर्ती एकल परीक्षा के माध्यम से हुई थी। ज्ञात हो कि 2018 के बाद LT ग्रेड शिक्षक की तथा 2021 के बाद GIC प्रवक्ता

UGC नेट परीक्षा की तिथियां घोषित 21 अगस्त से 4 सितंबर तक चलेंगी परीक्षाएं

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NTA ने पूर्व में निरस्त हुई जून 2024 की नेट परीक्षा को दोबारा कराने के लिए पुनर्परीक्षा की तिथियां घोषित कर दी है। यह परीक्षा 21 अगस्त से 4 सितंबर तक दोनों पालियों में सम्पन्न होंगी। इस बार यह परीक्षा ऑनलाइन CBT मोड में आयोजित की जायेगी। इसके लिए आज NTA ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है। नोट :- सभी अभ्यर्थी ध्यान दें NTA ने सेड्यूल तैयार करते समय एक गलती की है जिसमें उन्होंने 28 और 29 अगस्त को आयोजित होने वाली परीक्षा को अगस्त की बजाय जुलाई में आयोजित होने का उल्लेख किया है। नीचे दिए गए चार्ट में लाल रंग के गोले को देख सकते हैं। मैंने इस संदर्भ में NTA को ई.मेल कर दिया है। उपरोक्त चार्ट में दिए गए 28/07/2024 और 29/07/2024 की परीक्षाएं 28 अगस्त और 29 अगस्त को ही सम्पन्न होंगी। इसलिए अभ्यर्थियों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यूजीसी ने नेट में दो बड़े बदलाव किये हैं ये बदलाव नेट जून 2024 की परीक्षा से ही लागू होंगे। यह जानकारी यूजीसी के चेयरमैन की तरफ से दी गई है। उन्होंने बताया कि पहला बदलाव यह है कि जो अभ्यर्थी चार साल

UP टीजीटी, पीजीटी 2022 के विषय में सूचना

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सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक बेरोजगारों का इंतजार दो साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इधर अभ्यर्थी 2022 से अबतक के रिक्त हुए पदों को पुरानी भर्ती में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर चयनबोर्ड/आयोग को कई बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन इस विषय पर अभी तक कोई आश्वासन भी नहीं मिला है। नई रिक्त पदों के लिए अलग से विज्ञापन जारी होगा ऐसी संभावना है। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 16 जुलाई 2022 तक टीजीटी-पीजीटी 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए थे। इसके लिए 13,33,136 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस भर्ती के लिए एक पद पर औसतन 320 दावेदार हैं। टीजीटी के 3539 पदों पर 868531 छात्रों ने आवेदन किया था। साफ है कि टीजीटी के एक सीट पर 245 दावेदार हैं। वहीं पीजीटी के 624 पदों पर 464605 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की थी   इसमें एक सीट पर 745 अभ्यर्थी मैदान में हैं। दो सालों में अभी तक नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा   चयन आयोग में पूरे कर्मचारियों की नियुक्ति तक नहीं हो पा

भू आकृति विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

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भू आकृति विज्ञान विचारधाराएं एवं विद्वान:- • फ्रांसीसी विद्वान कास्ते द बफन (1749) ने पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित तर्कपूर्ण परिकल्पना का प्रतिपादन किया। • जर्मन दार्शनिक कान्ट (1755) ने वायव्य राशि परिकल्पना प्रतिपादित की जो न्यूटन के गुरुत्व के नियम पर आधारित थी। • फ्रांसीसी विद्वान लाप्लास ने अपनी निहारिका परिकल्पना 1796 में "Exposition of the world system" नामक पुस्तक में प्रस्तुत की। • चैम्बरलिन ने सन् 1905 में पृथ्वी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में अपनी ग्रहाणु परिकल्पना प्रस्तुत की। • जेम्स जीन्स (1919) ने जार्ज डार्विन की ज्वारीय शक्ति की खोज से प्रेरणा पाकर ज्यारीय परिकल्पना प्रस्तुत की। • जेफ्रिज नामक विद्वान ने ज्वारीय परिकल्पना में 1929 ई. में कुछ संसोधन किया जिससे इस परिकल्पना का महत्व और अधिक बढ़ गया। • सूर्य तथा ग्रहों के बीच की वर्तमान दूरी एवं ग्रहों के वर्तमान कोणीय आवेग की अधिकता, इन दो समस्याओं के समाधान हेतु रसेल ने द्वैतारक परिकल्पना का प्रतिपादन किया। • रॉसगन की विखण्डन परिकल्पना के अनुसार एक सिकुड़ते हुए तारे की घूर्णन गति बढ़ जाती है। यदि घूर्ण