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UPPCS, RO/ARO परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अंततः आयोग को झुकना पड़ा.

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा यूपीपीसीएस तथा समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा को एक से अधिक शिफ्ट में आयोजित कराने तथा नॉर्मलाइजेशन की समस्या को लेकर प्रतियोगी छात्र  तीन दिनों से अपनी मांग को लेकर आयोग के गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। आयोग के द्वारा प्रतियोगी छात्रों के प्रदर्शन को समाप्त करने के हर संभव प्रयास करने के बाद भी प्रतियोगी छात्र आयोग के गेट पर डटे हुए हैं। आज सुबह कुछ प्रतियोगी छात्रों को पुलिस बलपूर्वक उठा ले गईं जिसको लेकर आंदोलन और तेज हो गया इसके बाद आनन-फानन में आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा यूपीपीसीएस, समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संबंध में नोटिस जारी किया गया  जिसमें यह बताया गया है कि यूपीपीसीएस की परीक्षा पूर्व की भांति एक दिन में आयोजित की जाएगी। UPPCS Notice 👇👇👇👇👇 समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को लेकर आयोग अभी भी असमंजस की स्थिति में है जिसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आयोग इस परीक्षा को लेकर कोई निर्णय देगा। RO/ARO Noti...

भारत के प्रमुख बंदरगाह तथा उससे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

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भारत में 13 बड़े प्रमुख बंदरगाह है जिसमें सबसे अधिक बंदरगाह तमिलनाडु (तीन) में हैं। बंदरगाह के प्रकार प्राकृतिक बंदरगाह - अधिकतर - पश्चिमी तट पर कृत्रिम बंदरगाह - अधिकतर -पूर्वी तट पर पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह कांडला बंदरगाह (गुजरात) यह गुजरात राज्य में कच्छ की खाड़ी के तट पर स्थित हैं इसका नया नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय बंदरगाह है। यह एक टाइडल बंदरगाह है। इसको भारत-विभाजन (स्वतंत्रता) के बाद विकसित किया गया था। यह पहला बंदरगाह है जिसको स्वतंत्रता के बाद विकसित   किया गया था। इससे पहले पश्चिमी देशों से व्यापार करने में   करांची बंदरगाह (वर्तमान पाकिस्तान) का उपयोग किया जाता था। मुंबई बंदरगाह (महाराष्ट्र) यह कोंकण तट पर स्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है। यह भारत का सबसे ज्यादा व्यापार करने वाला बंदरगाह है। इसे "भारत का प्रवेश द्वार" कहते है। यह देश का सबसे व्यस्त   बंदरगाह है। न्हावाशेवा बंदरगाह (महाराष्ट्र) इसका नया नाम जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह है। मुबई बंदरगाह के दबाव को कम करने के लिए इसे बनाया गया है। यह भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट" भी है। मोर...

2025 में होगी जनगणना बदल जाएंगी ये सारी चीजें..

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आपको बता दें कि भारत में पहली बार जनगणना की शुरुआत 1872 में गवर्नर जनरल मेंयो के शासन काल में हुई जो अधिक व्यवस्थित नहीं थी। 1881 से नियमित रूप से दस वर्षीय जनगणना कार्य प्रारंभ हुआ और तब से अब तक देश में 14 बार जनगणना कार्य सम्पन्न किया जा चुका है। प्रत्येक दशक में होने वाली जनगणना कोविड महामारी के चलते 2021 में नहीं हो सकी, क्योंकि सब कुछ ठप पड़ गया था, लेकिन अब जनगणना को लेकर नई डेट आ गई है, जो अब नई गाइडलाइन के अनुसार 2025 में होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनगणना 2025 से प्रारम्भ होकर 2026 तक सम्पन्न होगी। इसी बीच लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाना है जो कि जनगणना पूरी होने के बाद शुरू होगा। परिसीमन प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की संभावना है। जनगणना के 153 सालों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि भारत में जनगणना करीब 14 सालों के अंतराल पर शुरू होगी। हालांकि अब 2025 के बाद अगली जनगणना 2035, 2045, 2055 में होगी जिससे जनगणना साल ही नहीं, जनगणना चक्र भी बदलेगा। 2025 जनगणना में लोगों से पूछा जायेगा कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। साल 2025 से शुरू होने वाले जनगणना में कई वि...

नवंबर के अंतिम सप्ताह तक UGC- NET के विज्ञापन आने की संभावना

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हाल ही में NTA नें जून-2024 UGC नेट पुनर्परीक्षा का परिणाम घोषित किया है। जून- 2024 UGC नेट की परीक्षा के निरस्त होने के बाद पुनर्परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम घोषित करने तक हुए विलम्ब के कारण आगामी दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा भी प्रभावित होगी। ऐसे में NTA दिसंबर- 2024 की परीक्षा हेतु आवेदन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा। संभावना जताई जा रही है कि NTA नवंबर के अंतिम सप्ताह तक अधिसूचना जारी कर सकता है। NTA के पास समय बहुत कम है इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि दिसंबर- 2024 की UGC नेट परीक्षा का आयोजन जनवरी 2025 में किया जाएगा। क्योंकि अगर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक विज्ञापन आता है तो कम से कम एक महीने तक आवेदन लिए जाएंगे। चूंकि इस बार भी पेपर ऑनलाइन मोड में ही संपन्न होंगे इसलिए NTA को पेपर बनाने तथा परीक्षा केंद्र का निर्धारण करने में आसानी होगी। आवेदन प्रारंभ होने की पश्चात NTA द्वारा इन कार्यों को पूरा किया जा सकता है। तथा जनवरी- 2025 में परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं। आपको बता दें कि दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा 83 विषयों में अलग-अलग पालियों में आयोजित की जाएगी। ...

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के नियमावली में हुआ संशोधन.

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महामहिम राज्यपाल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) अधिनियम में संसोधन करते हुए एक गजट प्रकाशित किया गया है जिसमें धारा- 10 के स्थान पर निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं- (1) प्रत्येक प्रश्नपत्र चार भिन्न-भिन्न प्राश्निकों, जो एक ही स्थान के न हों, द्वारा बनाया जायेगा। (2) प्राश्निकों से प्राप्त मुहरबंद प्रश्न-पत्र परीक्षा नियंत्रक की अभिरक्षा में रखे जायेंगे। (3) चारों प्रश्न-पत्रों के मुहरबन्द लिफाफे सम्बद्ध अनुसीमकों को प्राश्निकों से उनसे रसीद लेकर दिये जायेंगे।  (4)अनुसीमक चारों प्रश्न-पत्रों का अनुसीमन करेगा, उन्हें पृथक-पृथक आवरणों में रखेगा जिन पर अपनी मुहर लगायेगा और आवरणों का पहचान का कोई चिन्ह नहीं लगायेगा और उन्हें परीक्षा नियंत्रक या उसके नाम किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को रसीद लेकर सौंप देगा। (5) परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के किन्हीं दो अनुसीमित प्रश्न-पत्रों को मुहरबन्द आवरण खोले बिना चुनेगा और उसे उसी रूप में दो भिन्न-भिन्न मुद्रणालयों को भेज देगा, जो प्रश्न-पत्रों का मुद्रण करने, जिसके अन्तर्गत प्रूफ पढ़ना भी सम्मिलित है, और परीक्षा न...