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पृथ्वी का ऊष्मा बजट
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पृथ्वी का ऊष्मा बजट :- पृथ्वी का अंतिम ऊर्जा स्रोत सूर्य है। सूर्य की ऊर्जा वायुमंडल में लगभग 150 मिलियन किमी० की दूरी तय करके पृथ्वी तक पहुँचती है। इसका सम्पूर्ण भाग पृथ्वी पर न पहुँच कर मात्र 51% पृथ्वी तक पहुँचता है। शेष 49% ऊर्जा पृथ्वी पर आए बिना ही किसी न किसी कारणों से ऊपर ही ऊपर अवशोषण, एवं परावर्तन द्वारा वापस लौटा दिया जाता है। सूर्य से प्राप्त कुल ऊष्मा का 35% निम्न कारणों , 2% हिमाच्छादित धरातल के प्रवर्तन द्वारा 6% एयरोसोल्स द्वारा, 27% बादलो के प्रवर्तन द्वारा मूल रूप से वायुमंडल में मुक्त हो जाता है । इसी को पृथ्वी का औसत एल्विडो भी कहते हैं। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को लघु तरंग सौर विकिरण के नाम से जाना जाता है। और पृथ्वी द्वारा छोड़ी गई ऊर्जा को दीर्घ तरंग पार्थिव विकिरण के नाम से जानते हैं। सोचिये अगर प्रतिदिन सूर्य का ऊर्जा पृथ्वी पर आता रहे और पृथ्वी द्वारा उसे लौटाया नही जाए तो क्या होगा ? क्या जीवन सम्भव होगा? शायद नही पृथ्वी आग का गोला बन जायेगा । इसी क्रिया को अर्थात सूर्य से पृथ्वी को प्राप्त ऊर्जा और पृथ्वी से