46वीं अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक की मेजबानी करेगा भारत
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MOES) राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR) के माध्यम से कोच्चि में लुलु बोलगट्टी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (LBICC) में 20 से 30 मई, 2024 तक 46वीं अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक (ATCM- 46) और पर्यावरण संरक्षण समिति (CEP- 26) की 26वीं बैठक की मेजबानी करेगा। CEP की स्थापना 1991 में अंटार्कटिक संधि (मैड्रिड प्रोटोकॉल) के पर्यावरण संरक्षण पर प्रोटोकॉल के तहत की गई थी। अंटार्कटिक संधि का स्थायी सचिवालय ब्यूनर्स आयर्स, अर्जेंटीना में है। भारत 1983 से अंटार्कटिक संधि का एक सलाहकार सदस्य रहा है। यह आज तक अंटार्कटिक संधि के अन्य 28 सलाहकार सदस्यों के साथ निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेता है। भारत का पहला अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्र, दक्षिण गंगोत्री, 1983 में स्थापित किया गया था। वर्तमान में, भारत दो अनुसंधान केंद्र मैत्री (1989) और भारती (2012) संचालित करता है। स्थायी अनुसंधान केंद्र अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिक अभियानों की सुविधा प्रदान करते हैं, जो 1981 से प्रतिवर्ष चल रहे हैं। वर्ष 2022 में, भारत ने अंटार्कटिक संधि के प्रति अपनी प...