बरसात का मौसम।

बरसात का मौसम।

मौसम के बारे में यूं कहें तो जुलाई के महीने में दक्षिणी पश्चिमी मानसून भारत मे सशक्त रहता है यही कारण है कि भारत के उत्तरी,उत्तर पूर्वी, आदि स्थानों पर भारी वर्षा होती है जो धान और गन्ने की खेती के लिये लाभ दायक होती है साथ ही जून में पड़ने वाली भयंकर गर्मी से निजात मिलती है। जुलाई के महीने को अपने यहाँ वर्षा काल के रूप में भी देखा जाता है परंतु यह सब होने के बाद भी जुलाई के महीने में भी किसी किसी दिन भारी उमस का सामना करना पड़ता है जैसे आजकल हमे ऐसा महसूस हो रहा है। कभी बारिश तो कभी धूप और हवाओं के बंद होने से बढ़ी उमस से लोगों को न घर के अंदर ही चैन मिल रहा है और न ही बाहर। 
इससे मानव जीवन पर दो प्रकार के प्रभाव हो रहें हैं पहला सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक।
सकरात्मक पक्ष में बात करें तो यह मौसम खरीफ की फसल के लिये उपयोगी माना जाता है।
अगर नकारात्मक पक्ष में बात करें तो यह मौसम बाढ़ के लिए जाना जाता है।
और अन्य रूपों में देखा जाय तो बरसात के दौरान होने वाले उमस का प्रभाव मानव के शरीर पर भी पड़ता है बुखार, एलर्जी, सिर दर्द ,चक्कर आना आदि जैसी बीमारियां जन्म लेती हैं।
विषैले किट पतंगों की सक्रियता बढ़ जाती है उनकी उत्पति में वृद्धि होने लगती है क्योंकि बरसात का मौसम उनके जीवन के अनुकूल होता है।


अमित शुक्ल

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