हमे भूगोल क्यों और कैसे पढ़ना चाहिए?


हमें भूगोल क्यों पढ़ना चाहिए?

भूगोल को सभी विज्ञानों की जननी कहा जाता है।

भूगोल जलवायु,मौसम,वर्षा, एवं भौगोलिक विशेषताओं को भलीभाँति समझने में मदद करता है।

और मानव आदि काल से जिज्ञासु रहा है। ब्रह्मांड में, ग्रह के रूप में पृथ्वी को समझने में भूगोल मदद पहुँचाता है।

भूमंडल पर अपने क्षेत्र अथवा देश की स्थिति की जानकारी भूगोल ही देता है, साथ ही यह विश्व के अन्य देशों से संबंध स्थापित करने में भी सहायक है। 
इसका अध्ययन अंतरराष्ट्रीय भावना को जन्म देता है।

मानव का पर्यावरण से घना संबंध है और भूगोल में पर्यावरणीय अध्ययन पर जोर दिया जाता है, अतः इन दिनों यह बड़ा ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है।

भूगोल का अध्ययन प्राकृतिक पर्यावरण और मानवीय क्रियाओं के संबंध में जानकारी देता है, साथ ही मानव की प्राकृतिक पर्यावरण के साथ हुई प्रतिक्रियाओं की विभिन्नताओं का स्पष्टीकरण करता है।
वर्तमान युग में विश्व का प्रत्येक क्षेत्र किसी-न-किसी राजनीतिक इकाई से संबद्ध है और वह राजनीतिक इकाई पूरी तरह भौगोलिक वातावरण पर निर्भर है।
उसका (राज्य/राष्ट्र का) जीवन, अंतरराष्ट्रीय संबंध या शक्तिसंपन्नता वहाँ के भौगोलिक वातावरण द्वारा न केवल प्रभावित होती है, वरन नियंत्रित और निर्धारित भी होती है। 

राज्यों और देशों का गठन भौगोलिक कारकों के प्रभाव से नहीं बच पाता। 
अतः, राजनीति और शासन व्यवस्था में भूगोल का अध्ययन काम आता है। 

अंतरराष्ट्रीयता के विकास में भी भूगोल मदद पहुँचाता है।

सदियों पूर्व जब नए-नए भूभागों और समुद्री मार्गों की खोज हुई तो नए स्थानों के बारे में एकत्रित किए गए भौगोलिक विवरण से ज्ञानवर्धन ही नहीं हुआ, लोगों को पथ-प्रदर्शन भी मिला। 

निस्संदेह, भूगोल का सहारा लेकर व्यापारियों को सुदूर जाने और वहाँ की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होती है।

भूगोल निरंतर विकसित होने वाला प्रगतिशील विषय है।

भूगोल का अध्ययन करते हुए जिज्ञासु पाठक अपनी रूचि के अनुसार अन्य विषय के भी विद्वान बन सकते हैं, जैसे इतिहासकार, पुरातत्त्ववेता, वनस्पतिविज्ञानी।

भूगोल के अध्ययन में जो तकनीक अपनाई जाती है, उनसे अन्य विषयों के अध्ययन में बड़ी सहायता मिल सकती है।

आधुनिक भूगोल विज्ञानसम्मत विषय है, न कि कल्पना का सहारा लेकर चलने वाला विषय।

भूगोल मानव और पर्यावरण के बीच अंतर्संबंधों के परिणामों का अध्ययन करता है।

भूगोल का अध्ययन मानव-कल्याण से जुड़ा होने के कारण मानवीय समस्याओं से जुड़ा है। 

समस्याओं के निराकरण हेतु पर्यवेक्षण, सघन अध्ययन आदि तकनीक काम में लाए जाते हैं।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एवं भूमंडलीय समस्याओं के समाधान में तथा विश्व शांति में भूगोल महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा है।

आज भूगोल ने एक ऐसे आधुनिक विज्ञान की विशेषता ग्रहण कर ली है जो गणित-सहित सबसे ज्यादा आधुनिक विधियों द्वारा जटिल कार्यों का समाधान खोजने में समर्थ है।

भूगोल ने रोजगार की अपार संभावनायें विकसित की है
जैसे:- मौसम विज्ञानी,जलवायुवेत्ता,अध्यापक,लेखक,मानचित्रकार आदि।

परीक्षाओं की दृष्टि से देखा जाय तो भूगोल एक अच्छा स्कोरिंग सब्जेक्ट है इसलिए यह अधिकांश लोगों का रुचिकर विषय माना जाता है।

सामान्य अध्ययन की अंतर्गत अच्छे अंक अर्जित करने में भूगोल विषय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
भूगोल को कैसे पढ़ना चाहिए?

भूगोल रटने वाला सब्जेक्ट नही है यह कॉन्सेप्ट बेस सब्जेक्ट है इस लिये इसे रटने की बजाय समझने पर ज्यादा जोर देना चाहिए।

भूगोल पढ़ने वाले अभ्यर्थी के पास एटलस,ग्लोब,मानचित्र आदि होने चाहिए जिससे चीजें आसानी से समझ आ सके।

भूगोल एक निरन्तर विकसित होने वाला एक प्रगतिशील विषय है इस लिये अभ्यर्थी को हमेशा अपडेट होते रहना चाहिए।
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