माउंट एवरेस्ट पर विशेष जानकारी
एवरेस्ट शिखर महान हिमालय की महालंगूर श्रृंखला में स्थित है। इसकी स्थिति चीन एवं नेपाल सीमा पर है लेकिन एवरेस्ट पर्वत मुख्यतया नेपाल में ही है। माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागर माथा (विश्व जननी) तथा तिब्बत में इसे चोमूलुंगमा (बर्फ की देवी) के नाम से जाना जाता है। भारतीय संस्कृत साहित्य में इसे देवगिरि अर्थात देवताओं का पर्वत कहा गया है। 1850 के दशक में राधानाथ सिकदर नाम के एक बंगाली सर्वेयर ने एवरेस्ट के सबसे ऊँचे पहाड़ होने का पता लगाया था। तत्कालीन सर्वे ऑफ इण्डिया के महानिदेशक जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर इसका नाम मांउट एवरेस्ट रखा गया। एवरेस्ट की ऊँचाई समुद्रतल से लगभग 29029 फीट है जो 8848.86 मीटर है। एवरेस्ट पर चढ़ने के गंभीर प्रयास 1921 में शुरू हुए जब तिब्बत ने विदेशियों के लिए अपने देश के दरवाजे खोले, नेपाल में घुसना उस समय तक विदेशियों के लिए बहुत मुश्किल था क्योंकि नेपाल सरकार प्रवेश की अनुमति नहीं देती थी। 1921-22 में दो ब्रिटिश अभियान एवरेस्ट पर गये लेकिन दोनों असफल रहे। 29 मई, 1953 के दिन न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी एवं नेपाली शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने इस पर चढ़ने