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UPPCS, RO/ARO प्री परीक्षा का ऑफिसियल डेट जारी...

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग नें PCS व समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी प्री परीक्षा के लिए ऑफिसियल डेट जारी कर दिया है। 01.01.2024 के क्रम में विज्ञापित सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रा०) परीक्षा -2024, शासनादेश दिनांक - 19.06.2024 में विहित प्राविधानानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों के केन्द्र निर्धारण संबंधी समितियों द्वारा प्रेषित परीक्षा केन्द्रों की संख्या एवं क्षमता, अभ्यर्थियों की संख्या के सापेक्ष हर संभव प्रयास के बावजूद यथोचित मानक के अनुसार उपलब्ध न होने के दृष्टिगत प्रश्नगत परीक्षा दिनांक- 07 व 08 दिसम्बर, 2024 को दो सत्रों (प्रथम सत्र - पूर्वाह्न 9:30 से 11:30 बजे एवं द्वितीय सत्र - अपराह्न 2:30 से 4:30 बजे तक) में प्रदेश के 41 जनपदों में आयोजित की जायेगी। 09.10.2023 के क्रम में विज्ञापित समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रा०) परीक्षा -2023 हेतु अभ्यर्थियों की संख्या 5 लाख से अधिक होने के कारण एक से अधिक पालियों में कराने का निर्णय लिया गया है। उक्त प्रश्नगत परीक्षा दिनांक - 22 दिसम्बर, 2024 को प्रथम पाली पूर्वाह्न 09:00 से 12:00 बजे

2025 में होगी जनगणना बदल जाएंगी ये सारी चीजें..

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आपको बता दें कि भारत में पहली बार जनगणना की शुरुआत 1872 में गवर्नर जनरल मेंयो के शासन काल में हुई जो अधिक व्यवस्थित नहीं थी। 1881 से नियमित रूप से दस वर्षीय जनगणना कार्य प्रारंभ हुआ और तब से अब तक देश में 14 बार जनगणना कार्य सम्पन्न किया जा चुका है। प्रत्येक दशक में होने वाली जनगणना कोविड महामारी के चलते 2021 में नहीं हो सकी, क्योंकि सब कुछ ठप पड़ गया था, लेकिन अब जनगणना को लेकर नई डेट आ गई है, जो अब नई गाइडलाइन के अनुसार 2025 में होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनगणना 2025 से प्रारम्भ होकर 2026 तक सम्पन्न होगी। इसी बीच लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाना है जो कि जनगणना पूरी होने के बाद शुरू होगा। परिसीमन प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की संभावना है। जनगणना के 153 सालों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि भारत में जनगणना करीब 14 सालों के अंतराल पर शुरू होगी। हालांकि अब 2025 के बाद अगली जनगणना 2035, 2045, 2055 में होगी जिससे जनगणना साल ही नहीं, जनगणना चक्र भी बदलेगा। 2025 जनगणना में लोगों से पूछा जायेगा कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी हैं। साल 2025 से शुरू होने वाले जनगणना में कई वि

नवंबर के अंतिम सप्ताह तक UGC- NET के विज्ञापन आने की संभावना

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हाल ही में NTA नें जून-2024 UGC नेट पुनर्परीक्षा का परिणाम घोषित किया है। जून- 2024 UGC नेट की परीक्षा के निरस्त होने के बाद पुनर्परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम घोषित करने तक हुए विलम्ब के कारण आगामी दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा भी प्रभावित होगी। ऐसे में NTA दिसंबर- 2024 की परीक्षा हेतु आवेदन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा। संभावना जताई जा रही है कि NTA नवंबर के अंतिम सप्ताह तक अधिसूचना जारी कर सकता है। NTA के पास समय बहुत कम है इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि दिसंबर- 2024 की UGC नेट परीक्षा का आयोजन जनवरी 2025 में किया जाएगा। क्योंकि अगर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक विज्ञापन आता है तो कम से कम एक महीने तक आवेदन लिए जाएंगे। चूंकि इस बार भी पेपर ऑनलाइन मोड में ही संपन्न होंगे इसलिए NTA को पेपर बनाने तथा परीक्षा केंद्र का निर्धारण करने में आसानी होगी। आवेदन प्रारंभ होने की पश्चात NTA द्वारा इन कार्यों को पूरा किया जा सकता है। तथा जनवरी- 2025 में परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं। आपको बता दें कि दिसंबर- 2024 UGC नेट की परीक्षा 83 विषयों में अलग-अलग पालियों में आयोजित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के नियमावली में हुआ संशोधन.

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महामहिम राज्यपाल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) अधिनियम में संसोधन करते हुए एक गजट प्रकाशित किया गया है जिसमें धारा- 10 के स्थान पर निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं- (1) प्रत्येक प्रश्नपत्र चार भिन्न-भिन्न प्राश्निकों, जो एक ही स्थान के न हों, द्वारा बनाया जायेगा। (2) प्राश्निकों से प्राप्त मुहरबंद प्रश्न-पत्र परीक्षा नियंत्रक की अभिरक्षा में रखे जायेंगे। (3) चारों प्रश्न-पत्रों के मुहरबन्द लिफाफे सम्बद्ध अनुसीमकों को प्राश्निकों से उनसे रसीद लेकर दिये जायेंगे।  (4)अनुसीमक चारों प्रश्न-पत्रों का अनुसीमन करेगा, उन्हें पृथक-पृथक आवरणों में रखेगा जिन पर अपनी मुहर लगायेगा और आवरणों का पहचान का कोई चिन्ह नहीं लगायेगा और उन्हें परीक्षा नियंत्रक या उसके नाम किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को रसीद लेकर सौंप देगा। (5) परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के किन्हीं दो अनुसीमित प्रश्न-पत्रों को मुहरबन्द आवरण खोले बिना चुनेगा और उसे उसी रूप में दो भिन्न-भिन्न मुद्रणालयों को भेज देगा, जो प्रश्न-पत्रों का मुद्रण करने, जिसके अन्तर्गत प्रूफ पढ़ना भी सम्मिलित है, और परीक्षा नियंत

दो से अधिक पालियों में होगी टीजीटी, पीजीटी की परीक्षा।

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पेपर लीक मामले को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रावधान किए गए हैं। जिसमें तीन अलग-अलग एजेंसीयों के माध्यम से परीक्षाओं को सम्पन्न कराने तथा किसी भी निजी शिक्षण संस्थानों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाये जाने का भी प्रावधान है। ऐसे में प्रदेश के राजकीय तथा अशासकीय शिक्षण संस्थानों में परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर एक पाली में परीक्षा नहीं कराई जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी की व्यवस्था के साथ ही नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। इस बार होने वाली TGT, PGT परीक्षा में कुल 4163 पदों के लिए 13.19 लाख आवेदक हैं। ऐसे में नवगठित आयोग के लिए यह पहली परीक्षा होगी, जो आयोग के लिए अग्निपरीक्षा बना हुआ है। प्रश्न पत्रों की सुरक्षा, केंद्रों का निर्धारण और इतनी बड़ी अभ्यर्थी संख्या की परीक्षा सकुशल सम्पन्न कराना आयोग के लिए आसान नहीं होगा। प्रदेश के सभी 75 जिलों में सभी जगह परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर भी परीक्षा एक पाली में सम्पन्न नहीं हो पायेगी। आयोग को यह परीक्षा दो या तीन पालियों में कराना पड़ सकता है। क्योंकि इसके अलावा आयोग के पा