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भूगोल किसे कहते हैं? (भूगोल का अर्थ एवं परिभाषा)

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भूगोल का अर्थ:- भूगोल यूनानी (ग्रीक) भाषा के शब्द Geo+Graphien से मिलकर बना है। जिसमें Geo का अर्थ पृथ्वी तथा Graphien का अर्थ वर्णन होता है। भूगोल की परिभाषा: - भूगोल भूतल की क्षेत्रीय विभिन्नताओं का वह अध्ययन है जिसके अंतर्गत भूमि उपयोग, उद्योग,जनसंख्या आदि का अध्ययन किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो भूगोल मानव और पर्यावरण के बीच अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन है। वर्तमान समय मे जिस भूगोल का अध्ययन-अध्यापन किया जाता है वह मौलिक रुप से विगत दो सौ वर्षों में यूरोपीय देशों जर्मनी,फ्रांस,ब्रिटेन आदि में विकसित विज्ञान है जो यूरोपीय प्रभुत्व के प्रसार के साथ-साथ विश्व में फैलता गया। इसके पहले प्राचीन काल में भारत,चीन,मिस्र,यूनान,रोम,अरब आदि कई देशों में भौगोलिक ज्ञान का प्रारंभ में विकास हुआ किंतु एक विज्ञान के रूप में भूगोल का अध्ययन उन्नीसवीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ जब इसे एक स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता मिली। भूगोल को एक अलग अध्ययन के रूप में स्थापित करने का श्रेय प्रसिद्ध यूनानी विद्वान इरैटोस्थनीज को जाता है जिन्होंने भूगोल के लिये सर्वप्रथम ज्योग्राफिका शब्द का प्रयोग

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत।

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महाद्वीपीय विस्थाप न सिद्धांत प्रो. अल्फ्रेड वेगनर जर्मनी के एक प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूगर्भशास्त्री थे। प्राचीनकाल में जलवायु संबंधी परिवर्तनों को स्पष्ट करने के लिये उन्होंने विश्व के समस्त महाद्वीपों का गहन अध्ययन किया। इस अध्ययन में उन्होंने महाद्वीपों के बीच आश्चर्यजनक समानता देखी, अतः महासागरों की तली तथा महाद्वीपों की स्थिरता की प्रचलित संकल्पना को गलत साबित करने के लिये वेगनर ने महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत का प्रतिपादन किया। वेगनर का मानना था कि कार्बनिफेरस युग में समस्त स्थल भाग आपस में एक पिंड के रूप में जुड़े हुए थे जिसमें स्थल भाग को वेगनर द्वारा पैंजिया नाम दिया गया। तथा पैंजिया के चारों ओर एक विशाल जलीय भाग था, जिसका नामकरण वेगनर ने पैंथालासा के रूप में किया।  पैंजिया का उत्तरी भाग लारेशिया/अंगारालैंड तथा दक्षिणी भाग गोण्डवानालैंड के नाम से जाना गया।  आगे चलकर पैंजिया का विभाजन हो गया तथा स्थल भाग एक-दूसरे से अलग हो गए, विभाजन दो दिशाओं में प्रवाह के रूप में हुआ। उत्तर की ओर या भूमध्यरेखा की ओर प्रवाह गुरुत्व बल तथा प्लवनशीलता  बल के द्वारा हुआ

Speed Test Geography {21}

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Q1:- निम्न में से कौन-सा वन्य जीव अभ्यारण कच्छुओं के लिये प्रसिद्ध है? (A) डम्पा वन्यजीव अभ्यारण्य (B) गहिरामाथा वन्यजीव अभ्यारण्य (C) पलामू वन्यजीव अभ्यारण्य (D) नागार्जुन सागर वन्यजीव अभ्यारण्य उत्तर:- (B) व्याख्या:- गहिरामाथा समुद्री वन्य जीव अभ्यारण्य, ओडिशा (केन्द्रपारा) कछुओं की अनेक प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। यह ओलिव रिडले (Olive Ridley) कछुओं के प्रजनन एवं प्रवास के लिए विश्व का एक प्रमुख समुद्री तट है। यह भारत का दूसरा सबसे अधिक क्षेत्रफल (143500 हे0) वाला समुद्री संरक्षित क्षेत्र है। Q2:- हाथी परियोजना की शुरूआत कब हुई थी? (A )1989 (B)2005 (C)1998 (D)1992 उत्तर:- (D) व्याख्या:- हाथियों की संख्या में भारी गिरावट आ जाने के कारण केन्द्र सरकार ने इस परियोजना का प्रारम्भ वर्ष 1992 में झारखण्ड के सिंह भूमि जिले से किया था। इसका उद्देश्य हाथियों की संख्या को बढ़ाना तथा उसके प्राकृतिक आवास में उसे प्रतिस्थापित करना था। हाथियों की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य कर्नाटक दूसरा असम तथा तीसरा केरल है। Q3:- भारत में 'राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण' की स्थापना कब क

Speed Test Geography {भूगोल}

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हमने एक  Free Program  तैयार किया है जिसमे आपको इस वेबसाइट पर हमेशा  5 MCQs  उत्तर व व्याख्या सहित मिलेंगे। अगर आप चाहते है कि आपको  भर्तियों के विज्ञापन  तथा  भूगोल  के  New Updates  मिलते रहें तो आप नीचे दिए गए  लिंक  का प्रयोग करके सीधे जुड़ सकते है।   फ़ेसबुक के लिये लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://www.facebook.com/groups/285249377017310/?ref=share_group_link वाट्सएप के लिए लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://chat.whatsapp.com/LBEa6YIu5zM5rvWB0J5hsj टेलीग्राम के लिये लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://t.me/bhugolvetta   आइए देखते है आज के प्रश्न Q1:- ध्रुवीय वाताग्र सिद्धांत निम्न में से किसकी उत्पत्ति की व्याख्या करता है? (a) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात  (b) शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (c) जेट स्ट्रीम (d) ओजोन छिद्र उत्तर-(b) व्याख्या:- ध्रुवीय वाताग्र सिद्धांत का प्रतिपादन बर्कनीज महोदय ने वर्ष 1914 तथा 1918 में किया। यह सिद्धांत शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति की व्याख्या करता है।  शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का आकार प्रायः  गोलाकार या अंडाकार होते हैं। जब दो भिन्न तापमान वा

क्यों कहा जाता है नॉर्वे को मध्यरात्रि का देश

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अर्द्धरात्रि/मध्यरात्रि का सूर्य (Midnight Sun) जब 21 मार्च तथा 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत् चमकता है तब दोनों गोलार्द्धों में सभी अक्षांशों पर दिन व रात बराबर होता है।  किन्तु 21 जून को सूर्य जब कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता है तब 23 अंश उत्तरी अक्षांश वृत्त का अधिकांश भाग प्रकाश प्राप्त करता है जिससे वहाँ 21 जून को दिन लम्बा (14 घंटे के लगभग) तथा रात छोटी होती है। इसके विपरीत 21 जून को मकर रेखा पर रात बड़ी तथा दिन छोटा होता है। इस प्रकार 21 जून की स्थिति में उत्तर जाने पर दिन की अवधि प्रत्येक अक्षांश पर उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है। यह अवधि आर्कटिक वृत्त पर तथा उसके उत्तर स्थित सभी स्थानों पर 24 घंटे की होती है। इसीलिए समूचा आर्कटिक वृत्त प्रकाश-वृत्त (Light Circle) में रहता है। इसके फलस्वरूप नार्वे में मध्यरात्रि/अर्द्धरात्रि को भी सूर्य दिखता है।  स्मरणीय है कि आर्कटिक वृत्त पर सर्वप्रथम नार्वे में नार्वजियन सभ्यता का विकास हुआ जिससे भौगोलिक कहावत प्रचलित हो गई है कि नार्वे में अर्द्धरात्रि को सूर्य दिखता है। इसी लिये नॉर्वे को अर्द्धरा

परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण उद्योग व नगर।

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सभी तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के पेपर में उद्योगों व उनकी स्थिति आदि के विषय मे हमेशा प्रश्न पूछे जाते हैं। जिसको ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण उद्योगों व उससे जुड़ी जानकारियां नीचे दी जा रहीं है। विश्व के प्रमुख उद्योग व उनकी स्थिति अहमदाबाद  - सूती वस्त्र उद्योग। अनशान (चीन) - लोहा एवं इस्पात उद्योग। वेलफास्ट (आयरलैंड) - जहाज निर्माण (Ship building)। बर्मिंघम (संयुक्त राज्य अमेरिका) - लोहा एवं इस्पात। काडीज (स्पेन) – कॉर्क (Cork)। चेलियाबिंस्क (रूस) - लोहा एवं इस्पात तथा मांस उद्योग। चांग चुन (Chang Chun) -   ऑटोमोबाइल एवं मशीन टूल्स। शिकागो (USA) - लोहा एवं इस्पात तथा मांस उद्योग। ढाका (बांग्लादेश) - कालीन उद्योग। दार्जिलिंग (भारत) - चाय परिष्करण (Tea processing) डेट्रायट (संयुक्त राज्य अमेरिका) - ऑटोमोबाइल। डन्डी (स्कॉटलैंड) - पहला जूट मिल, सूती वस्त्र। भारत में Rishra ड्रेस्डेन (जर्मनी) – ऑप्टिकल एवं फोटोग्राफिक उपकरण। ब्यूनर्स-आयर्स (अर्जेंटीना) - डेरी उद्योग। डलेसडार्फ (जर्मनी) - लोहा इस्पात एवं इंजीनियरिंग उद्योग। एसेन (जर्मनी) -

क्या होता है चुम्बकीय भूमध्य रेखा (Magnetic Equator)

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चुम्बकीय भूमध्यरेखा  (Magnetic Equator) यह रेखा पृथ्वी को दो गोलार्द्धों में विभाजित करती है जिसका प्लेन पृथ्वी के चुम्बकीय अक्ष को 90° पर दो बराबर भागों   में विभाजित करता है।  यह पृथ्वी की भौगोलिक भूमध्यरेखा को दो बिन्दुओं पर काटती है। पृथ्वी की चुम्बकीय भूमध्यरेखा का  वैज्ञानिक महत्व है।  यहीं से भूस्थैतिक कक्षा वाले भू-उपग्रह (Geo-stationary orbit) छोड़े जाते हैं। कारण, इस पर पृथ्वी  का गुरुत्वाकर्षण कम लगता है।  भारत का थुम्बा, श्रीहरिकोटा तथा चाँदीपुर इसी के पास स्थित हैं। इस वेबसाइट पर भूगोल के तथ्यों के साथ- साथ अब राज्य व केंद्र सरकार के अधीन सरकारी नौकरियों के भर्ती के विज्ञापन व तैयारी की रणनीति आदि के विषय मे भी जानकारियां आपको मिलती रहेगी। आप सभी इस वेबसाइट पर प्रतिदिन अपडेट किये जाने वाले तथ्यों को नोट करते चलें और साथ साथ नोट्स बनाते चलें जिससे आपके पास नोट्स में तथ्य एकत्रित हो जाएगा जो आगे की परीक्षाओं में काम आएगा। हमेशा नए तथ्य इस वेबसाइट पर आपको मिलते रहेंगे हमेशा इस वेबसाइट को देखते रहें।  और अपने मित्रों  ,सम्बन्धियों को भी इसके बार