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जनवरी, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का परीक्षा कैलेंडर जारी.

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आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अपना वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया है। आयोग द्वारा जारी इस परीक्षा कैलेंडर में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं -  समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा - 2023 के लिए गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो जाने के बाद उक्त परीक्षा आरक्षित तिथियों में समायोजित की जाएगी। प्रवक्ता, राजकीय इण्टर कॉलेज, सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी), खण्ड शिक्षा अधिकारी का ई-अधियाचन संबंधित विभाग/शासन से प्राप्त होते ही आयोग द्वारा समयबद्ध रूप से प्रश्नगत पदों का विज्ञापन किया जाएगा तथा उक्त परीक्षाएं यथासंभव आरक्षित तिथियों में समायोजित की जाएंगी। असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक आचार्य), राजकीय महाविद्यालय के पदों पर चयन संबंधी परीक्षा योजना के संबंध में विभाग/शासन से अनुमोदन प्राप्त होते ही उक्त पद का विज्ञापन समयबद्ध रूप से किया जाएगा तथा उक्त पद की परीक्षा भी आरक्षित तिथियों में यथासंभव समायोजित की जाएगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उपर्युक्त वर्णित पदों हेतु अर्हता धारित करने वाले सभी अभ्यर्थियों से अपेक्षा की है कि वे तत्क...

जल्द ही जारी होगा झारखंड टीजीटी भर्ती का विज्ञापन

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झारखंड में माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त सचिव कुँवर सिंह पाहन ने एक पत्र लिखकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से टीजीटी के रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है। आपको बता दें कि झारखंड में अंतिम बार 2017 में टीजीटी की वैकेंसी आई थी। खास बात यह है कि 2017 से अब तक की रिक्त पदों को जोड़कर ही भर्ती का विज्ञापन जारी होगा। झारखंड टीजीटी में 7 साल के रिक्त पदों को जोड़ा जाएगा। इसमें पदों की संख्या अधिक रहेगी। इस शिक्षक भर्ती में झारखंड से बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा। टीजीटी शिक्षक भर्ती को इसी वर्ष फाइनल कराने को सरकार की प्राथमिकता होगी। क्योंकि चुनावी सभाओं में झारखंड के मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरने का आश्वासन दिया था। ऐसे में पिछले कई वर्षों से रुकी हुई शिक्षक भर्ती को पूरा करना सरकार लक्ष्य होगा। G.S. फैक्ट्री एलनगंज प्रयागराज द्वारा TGT, सामाजिक विज्ञान व PGT भूगोल विषय के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों माध्यमों में टेस्ट सीरीज शुरू की गई है। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें - टेलीग्राम   👉  https://t.me/GSFactory1...

2027 में हो सकती है भारत की जनगणना।

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पहले कोरोना महामारी और फिर लोकसभा चुनाव के कारण 2021 में तय जनगणना नहीं हो पाई।  माना जा रहा है कि यह जनगणना अब 2027 में हो सकती है। इसके बाद 2031 के बजाय 10 साल बाद 2037 और फिर 2047 में जनगणना कराई जा सकती है।  इससे जनगणना का चक्र 1947 में भारत की आजादी के साथ एकरूप हो जाएगा। उधर लोकसभा सीटों का परिसीमन भी शुरू होना है। जो कि जनगणना पूरी होने के बाद शुरू होगा।  परिसीमन प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की संभावना है। वैसे तो चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में कर वसूलने और सरकार की नीतियों के क्रियान्वय के लिए एक तरह से जनगणना कराए जाने का उल्लेख है। लेकिन, आधुनिक भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 में गवर्नर-जनरल लॉर्ड मेयो के शासन काल के दौरान आयोजित की गई थी।  1881 में भारत की पहली संपूर्ण जनगणना 1881 आयुक्त डब्ल्यू.सी. प्लोडेन ने कराई गई थी।  इसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही। स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना 1951 में की गई थी और अब तक कुल छह बार जनगणना हो चुकी है। पिछले 153 सालों में प्रत्येक 10 वर्ष पर करवाई जाती रही है जनगणना...

LT ग्रेड GIC शिक्षक भर्ती पर कैबिनेट की लगी मुहर, जल्द जारी होगा विज्ञापन

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राजकीय इंटर कॉलेजों में LT ग्रेड शिक्षक भर्ती व प्रवक्ताओं की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।  कैबिनेट ने संशोधित नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब तक भर्ती का विज्ञापन केवल कैबिनेट की मंजूरी के वजह से रुका हुआ था। नियमावली में संशोधन के जरिये समकक्ष अर्हता शब्द हटा दिया गया है। अभ्यर्थी LT ग्रेड शिक्षक भर्ती का इंतजार पांच वर्ष से अधिक समय से कर रहें हैं। समकक्ष अर्हता संसोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने से न्यायालयों में भर्ती से जुड़े वाद लंबित नहीं होंगे और आसानी से भर्ती की जा सकेगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) राजकीय इंटर कॉलेजों में अधियाचित रिक्त पदों पर प्रवक्ता और LT ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अब शुरू कर सकेगा। उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) एलटी ग्रेड सेवा (षष्टम संशोधन) नियमावली, 2024 व उप्र विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (द्वितीय   संशोधन) नियमावली 2024 को लागू किए जाने के बाद अब सहायक अध्यापकों यानी एलटी ग्रेड शिक्षकों के   लिए स्नातक और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्था...

B.Ed प्रवेश परीक्षा अब NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के हवाले।

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एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) बीएड में दाखिले के लिए पूरे देश में एक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।  यह प्रस्ताव नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।  बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को दी सकती है।  यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो अगले वर्ष से यह प्रभावी हो सकता है। पिछले दिनों एनसीटीई की गवर्निंग बॉडी की हुई बैठक में एकीकृत प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव लाया गया था।  संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अलावा चार वर्षीय स्नातक और पीजी के बाद शुरू होने वाले एक वर्ष के बीएड के लिए भी प्रवेश परीक्षा होगी।  यह परीक्षा अप्रैल-मई में हो सकती है। अब तक बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन एनसीटीई द्वारा निर्धारित राज्यों के अलग-अलग विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है। प्रत्येक वर्ष एनसीटीई बीएड प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रदेश के किसी एक विश्वविद्यालय का चयन करती है। चयनित विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में प्रवेश परीक्षा का आयोजन करता है और एडमिशन के लिए काउंसलिंग करता है।...

UPTGT, PGT, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा टेस्ट सीरीज.(02)

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UP टीजीटी, पीजीटी, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी का आंकलन करने के लिए नीचे कुछ प्रश्नोत्तरी व्याख्या सहित दिए गए हैं। Q1:- निम्नलिखित विद्वानों में किसने जलवायु का वर्गीकरण वर्षण प्रभाविता अनुपात के आधार पर प्रस्तुत किया? (a) कोपेन (b) थार्नथ्वेट (c) ट्रीवार्था (d) स्ट्राहलर उत्तर - (b) व्याख्या :- थार्नथ्वेट ने जलवायु का वर्गीकरण वर्षण प्रभाविता अनुपात के आधार पर प्रस्तुत किया। थार्नथ्वेट - अमेरिकी जलवायु विज्ञानी सी डब्ल्यू थार्नथवेट ने 1931 में उत्तरी अमेरिका की जलवायु का 1931 में वर्गीकरण प्रस्तुत किया।  1933 में परिमार्जित करके पूरे विश्व की जलवायु को निश्चित प्रकारों से विभाजित किया 1948 में पुनः संशोधित रूप प्रस्तुत किया।  वनस्पति पर वर्षा की मात्रा तथा तापमान का पर्याप्त प्रभाव होता है, परन्तु वाष्पीकरण को भी ध्यान में रखना होगा।  इसी आधार पर उन्होंने वर्षण प्रभाविता को जलवायु प्रदेशों की सीमा निर्धारण में महत्व प्रदान किया। कोपेन- जर्मन वनस्पति विज्ञानी तथा जलवायु विज्ञानवेत्ता ब्लादिमीर कोपेन 1900 म...