एलटी (LT) ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा- 2025 पाठ्यक्रम (Sllyebus)
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा हाल ही में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है जिसके लिए आवेदन प्रारंभ होने की तिथि 28 जुलाई 2025 तथा आवेदन की अंतिम तिथि 28 अगस्त 2025 तक है।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की परीक्षा को ध्यान में रखकर आयोग की ऑफिशियल सिलेबस नीचे दिया गया है।
अभ्यर्थी गण इस सिलेबस को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं।
♦️💥एक आवश्यक सूचना💥♦️
G.S. फैक्ट्री प्रयागराज द्वारा जल्द ही एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती प्रिलिम्स परीक्षा के लिए नए सिलेबस के अनुसार टेस्ट सीरीज और नोट्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
इच्छुक अभ्यर्थी नीचे दिए गए वाट्सएप लिंक से जुड़ सकते हैं।
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https://chat.whatsapp.com/BczzxALJKS8C9YyLUATYgF?mode=r_c
G.S. फैक्ट्री प्रयागराज द्वारा जल्द ही एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती प्रिलिम्स परीक्षा के लिए नए सिलेबस के अनुसार टेस्ट सीरीज और नोट्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
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एलटी ग्रेड की प्री परीक्षा में 30 प्रश्न सामान्य अध्ययन से तथा 120 प्रश्न क्रमशः 60+60 प्रश्न दो विषयों के (उदहारण- भूगोल 60, नागरिक शास्त्र 60 = 120 प्रश्न) होंगे। अर्थात इस परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।
इस भर्ती परीक्षा के लिए विषयगत सिलेबस इस प्रकार है-
सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम
(1) भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन:- भारतीय इतिहास के अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की सामान्य जानकारी पर महत्व होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन, राष्ट्रीयता का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के सम्बन्ध में सारपरक जानकारी अपेक्षित है।
(2) भारत एवं विश्व का भूगोल, भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल :-
भारत के भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे। विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी अपेक्षित होगी।
(3) भारतीय राजनीति एवं शासन, संविधान, राजनीतिक, व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति एवं अधिकारिक मुद्दे आदिः-
भारतीय राजनीति एवं शासन के अन्तर्गत देश के संविधान, पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
(4) भारतीय अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकासः- अभ्यर्थियों के जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण से सम्बन्धित समस्याओं एवं पारस्परिक सम्बन्ध, भारतीय आर्थिक नीति एवं भारतीय संस्कृति के व्यापक स्वरूप के ज्ञान का परीक्षण किया जायेगा।
(5) राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें :- इसमें खेलकूद के प्रश्न भी सम्मिलित होंगे।
(6) भारतीय कृषि :-
भारत में कृषि, कृषि उत्पाद एवं उसके विपणन के सम्बन्ध में सामान्य जानकारी की अपेक्षा अभ्यर्थियों से होंगी।
(7) सामान्य विज्ञान:-
सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी ऐसे किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है। इसमें भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका से सम्बन्धित प्रश्न भी होंगे।
(8) प्रारम्भिक गणित हाईस्कूल स्तर तकः-
अंकगणित, बीजगणित व रेखागणित।
(9) उत्तर प्रदेश स्पेशल:- अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।
विषयवार पाठ्यक्रम
(सामाजिक विज्ञान)
(अ) भूगोल
1- भूगोल - अर्थ एवं विषय क्षेत्र ।
2- भौतिक भूगोल -
सौर मण्डल - परिचय, पृथ्वी की उत्पत्ति - कांट, लाप्लास जेम्स एवं जीन्स का सिद्वान्त, पृथ्वी का परिभ्रमण, चक्रमण एवं झुकाव और उनका प्रभाव, सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण, अक्षांश एवं देशान्तर, भौगोलिक संदर्भ प्रणाली एवं ज्योग्राफीक पोजीशनिंग सिस्टम, प्रधान मध्यान्ह रेखा, अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा और समय।
3- स्थल मण्डल -
पृथ्वी की आंतरिक संरचना - सियाल, सीमा एवं नीफे, चट्टानों के प्रकार और उनकी विशेषताएं, ज्वालामुखी किया, ज्वालामुखी और उनका विश्व वितरण, भूकम्प - उत्पत्ति एवं विवरण, महाद्वीपों एवं महासागरों का वितरण - चतुष्फलक सिद्वान्त (लोथियन ग्रीन) और महाद्वीपीय विस्थापन का सिद्वान्त (अल्फ्रेड वेगनर), पर्वतों का वर्गीकरण और पर्वत निर्माण - कोबर का सिद्वान्त और प्लेट टेक्टानिक, पठार - विशेषताएं एवं वर्गीकरण, मैदान - उत्पत्ति एवं वर्गीकरण, अपक्षय और अपरदन, डेविस की अपरदन चक्र की संकल्पना एवं नवोन्मेष, नदी वायु एवं हिमनद के कार्य और उत्पन्न स्थलाकृतियाँ।
4- वायुमण्डल - वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना, सूर्यताप और उसके वितरण को प्रभावित करने वाले कारक, तापमान का क्षैतिज एवं उर्ध्वाधर वितरण, वायुदाव, वायुदाव पेटियाँ और ग्रहीय पवनें, मानसून - वितरण एवं उत्पत्ति, वर्षण के स्वरूप और वर्षा के प्रकार, विश्व के जलवायविक प्रदेश- थार्नथ्वेट और ट्रिवार्था।
5- जलमण्डल -
महासागरीय नितल का उच्चावच, महासागरीय जल का तापमान और लवणता, महासागरीय जल धारायें - उत्पत्ति एवं उनका प्रभाव, ज्वार भाटा - प्रकार और उनकी उत्पत्ति का न्यूटन और हेवेल का सिद्वांत।
6 जैवमण्डल - अर्थ एवं संकल्पना, परिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना, परिस्थितिकी तंत्र के रूप में जैव मण्डल, जैव अनुक्रम - प्राथमिक एवं द्वितीयक, विश्व के प्रमुख जीवोम (बायोम)।
7- मानव भूगोल - अर्थ एवं विषय क्षेत्र - हंटिग्टन और बूंश, मानव-पर्यावरण अंतर्सम्बंध - निश्चयवाद, सम्भववाद और रूको एवं जाओ निश्चयवाद, जनसंख्या वृद्धि और विश्व वितरण, जनांकिकीय संक्रमण, मानव प्रजातियाँ - वितरण, विशिष्ट लक्षण और काकेशायड एवं मंगोलायड प्रजाति का वितरण, बुशमैन, एस्कीमो, खिरगीज, गद्दी, थारू और गोण्ड का निवास्य क्षेत्र, आर्थिक गतिविधियाँ एवं समाज।
8 – मानव अधिवास — मानव अधिवास का अर्थ और उसके आधारभूत तत्व, अधिवास के प्रकार एवं प्रतिरूप, ग्रामीण एवं नगरीय अधिवास में अन्तर, भारत में नगरों का वर्ग-विभाजन, विकसित और विकासशील देशों में नगरीयकरण, विश्व के वृहद नगर (मेगासिटी)
9- आर्थिक भूगोल - आर्थिक भूगोल का अर्थ और विषय क्षेत्र, प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थक उत्पादन, चावल, गेहूँ, गन्ना, चाय, कहवा और रबर का उत्पादन और विश्व वितरण, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन - कोयला, पेट्रोलियम, लौह अयस्क, बाक्साइट और गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन, उद्योगों के स्थानीयकरण के कारक -लौह-इस्पात, सूती, वस्त्रोद्योग, अल्यूमिनियम और तेल शोधन, औद्योगिक प्रदेश का सीमांकन और संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के औद्योगिक प्रदेश, विश्व के प्रमुख व्यापार मार्ग एवं पत्तन।
10 भारत का भूगोल- स्थिति, विस्तार और अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं, हिन्द महासागर का आर्थिक और सामरिक महत्व, धरातलीय स्वरूप और अपवाह, वर्षा और इसका वितरण, वनस्पति, जलवायविक प्रदेश- कोपेन ट्रिवार्था एवं आर०एल० सिंह, वन संसाधन और निर्वनीकरण, कृषि उत्पादन, प्रगति और समस्याएं, कृषि में हरित, नीली, श्वेत, पीली और गोल कांति, गेहूं, चावल, गन्ना, चाय का उत्पादन और वितरण, कृषि प्रदेश - ओ० स्लाम्पा और बी०एल०सी० जान्सन, खनिज एवं ऊर्जा संसाधन - लौह अयस्क, कोयला और पेट्रोलियम का उत्पादन, वितरण एवं उपयोग, ऊर्जा संकट और गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोत, लौह इस्पात, सूती वस्त्र और सीमेन्ट उद्योग की अवस्थिति एवं वितरण, पी०पी० करन द्वारा प्रस्तुत भारत-औद्योगिक प्रदेश, जनसंख्या वृद्वि एवं वितरण, भारत की जनसंख्या नीति, नगरीकरण, रेल एवं सड़क परिवहन, विदेशी व्यापार, वृहद नगर (मेगा सिटी) और प्रमुख बन्दरगाह।
(ब) नागरिक शास्त्र
राजनीतिक सिद्धांतः-
नागरिक शास्त्र, प्रकृति एवं क्षेत्र, परिभाषा
राज्य - परिभाषा, निर्माणक तत्व
राज्य की उत्पति- दैवीय सिद्धांत, संविदा सिद्धांत, विकासवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत
समानता, स्वतंत्रता एवं अधिकार, संप्रभुता एवं बहुलवाद, कानून एवं दंड के सिद्धांत
संविधान- परिभाषा एवं वर्गीकरण, सरकार - संसदात्मक और अध्यक्षात्मक, एकात्मक और संघात्मक, सरकार के अंगः व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका प्रजातंत्र एंव अधिनायकतंत्र, व्यक्तिवाद, उदारवाद, वैज्ञानिक समाजवाद, फासीवाद
राजनीतिक विचारकः-
प्लेटो, अरस्तू, हॉब्स, लॉक, रूसो, जर्मी बेन्थम, जॉन स्टुअर्ट मिल, कार्ल मार्क्स, मनु, कौटिल्य, गाँधी।
भारतीय शासन और राजनीति:-
गोखले, तिलक, गॉधी, नेहरू, सुभाष और डा० भीमराव अम्बेडकर का स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान।
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं:-
मौलिक अधिकार एवं नीति-निर्देशक तत्व, संघीय व्यवस्थाः केन्द्र-राज्य सम्बन्ध, राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद, संसद, सर्वोच्च न्यायालय, न्यायिक पुनर्निरीक्षण
राज्य सरकार- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानमंडल,
भारतीय राजनीति में जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं साम्प्रदायिकता, राजनीतिक दल एवं दबाव समूह, राष्ट्रीय एकीकरण की समस्या, निर्वाचन प्रणाली, चुनाव आयोग, चुनाव सुधार।
भारतीय प्रशासन:-
नौकरशाही की भूमिका, जिला प्रशासन- जिलाधिकारी, लोकतांत्रिक - विकेंद्रीकरण एवं पंचायती राज,लोकपाल एवं लोकायुक्त।
भारतीय विदेश नीति:-
विदेश नीति की प्रमुख विशेषताएं, भारत का पाकिस्तान, नेपाल व श्री लंका से सम्बन्ध।
(स) इतिहास
1 – भारतीय प्रागैतिहासिक संस्कृतियों की प्रमुख विशेषताएं।
2- सिन्धु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ :- (ए) नगर नियोजन - हड़प्पा एवं मोहन जोदड़ो (बी) प्रस्तर मूर्तियाँ, मृणमयी मूर्तियों एवं मुहरें, (सी) धर्म।
3- पूर्व- वैदिक कालीन राजनीतिक अवस्था, समाज, अर्थव्यवस्था एवं धर्म। उत्तर वैदिक काल में परिवर्तन।
4- जैन धर्म, बौद्ध धर्म, वैष्णव धर्म, एवं शैव धर्म की प्रमुख विशेषताएं।
5- मौर्यकालः-
(ए) मौर्यो की उत्पत्ति (बी) चन्द्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियाँ, (सी) उसका शासन - प्रबन्ध तथा सार्वजनिक कार्य (डी) अशोक के अभिलेख (ई) अशोक का धम्म एवं धम्म प्रचार (एफ) उसके कल्याणकारी कार्य, (जी) अशोक का मूल्यांकन (एच) मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण।
6- गुप्तवंश का राजनीतिक इतिहास :- (ए) चन्द्रगुप्त-। (बी) समुद्रगुप्त, (सी) चन्द्रगुप्त-।। (डी) कुमारगुप्त-। तथा (इ) स्कन्दगुप्त, (एफ) हूण आकमण तथा उसका प्रभाव, (जी) गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण।
7- चोल काल:-
(ए) राजराज प्रथम की उपलब्धियाँ,
(बी) राजेन्द्र चोल प्रथम की उपलब्धियाँ,
(सी) स्वायत्त स्थानीय शासन प्रणाली,
(डी) चोलकालीन कला एवं संस्कृति
8- विदेशी आक्रमण:-
(ए) अरबों का आक्रमण तथा उसका प्रभाव
(बी) गजनवी आक्रमण एवं उसका प्रभाव
(सी) मोहम्मद गोरी का आक्रमण तथा उसका प्रभाव।
9- दिल्ली सल्तनत (राजनीतिक तथा प्रशासनिक इतिहास ) - कुतुबुद्दीन ऐबक, इल्तुत्मिश, बलबन, अलाउद्दीन खिलजी, मोहम्मद बिन तुगलक, फिरोजशाह तुगलक, तैमूर का आकमण, सैय्यद एवं लोदी वंश।
10- मुगल वंश (राजनीतिक तथा प्रशासनिक इतिहास ) - बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहांगीर, शाहजहॉ और औरंगजेब, मुगल साम्राज्य का पतन।
11- बहमनी साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य, मराठो का उदय एवं पतन, शिवाजी।
12 - मध्यकालीन संस्कृति - धार्मिक नीति, सूफीवाद, भक्ति आन्दोलन, कला एवं स्थापत्य, साहित्य।
13 - मध्यकालीन समाज एवं अर्थ-व्यवस्था - कृषि, उद्योग, व्यापार।
14 - ईस्ट इण्डिया कम्पनी का विस्तार।
15- आधुनिक भारत मे कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार।
16- आधुनिक शिक्षा का विस्तार तथा संवैधानिक विकास।
17- 1857 ई0 के विद्रोह के कारण, स्वरूप, परिणाम।
18- उन्नीसवीं शताब्दी में भारतीय पुनर्जागरण तथा सामाजिक-धार्मिक आन्दोलन।
19- राष्ट्रीय आन्दोलन - असहयोग, सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आन्दोलन।
20- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी, तिलक, गोखले तथा सुभाष चन्द्र बोस का योगदान।
21 - स्वतंत्रता की प्राप्ति - किप्स मिशन से माउंटबेटन योजना तक।
22- स्वतंत्रता के बाद का भारत् (सन् 1950 ई0 तक)
(द) अर्थशास्त्र
1- अर्थशास्त्र की प्रकृतिः - अर्थशास्त्र की परिभाषाएं चुनाव की समस्या, व्यष्टि एवं समष्टि विश्लेषण, स्थैतिक एवं प्रवैगिक अध्ययन की विधियाँ, संतुलन का विचार।
2- उपभोक्ता व्यवहार एवं मांग विश्लेषणः- उपभोक्ता का संतुलन, मार्शल का दृष्टिकोण, अनधिमान वक विश्लेषण (कीमत, आय तथा प्रतिस्थापन प्रभाव), मांग का नियम, मांग व पूर्ति की लोच, प्रकार एवं माप, उपभोक्ता अतिरेक ।
3- उत्पादन एवं जनसंख्या के सिद्धान्तः- उत्पादक का संतुलन, उत्पादन के नियम परिवर्तनशील अनुपात का नियम एवं पैमाना के प्रतिफल के नियम, लागत एवं आगम वक्रों का विश्लेषण, जनसंख्या के सिद्वान्त, माल्थस, अनुकूलतम जनसंख्या एवं जनांककीय संक्रमण सिद्वान्त।
4- बाजार की प्रकृति एवं विभिन्न बाजारों में कीमत निर्धारण:- पूर्ण प्रतियोगिता, अपूर्ण एवं एकाधिकारिक प्रतियोगिता, एकाधिकार।
5- वितरण के सिद्वान्तः- वितरण का सीमान्त उत्पादकता सिद्वान्त, पूर्ण व अपूर्ण प्रतियोगिता में मजदूरी दर का निर्धारण, लगान के सिद्वान्त, प्रतिष्ठित एवं कीन्स का ब्याज सिद्वान्त, नाइट, जे०के० मेहता, शुम्पीटर के लाभ सिद्वान्त।
6- मुद्रा, बैंकिंग तथा मुद्रा स्फीति एवं मौद्रिक नीतिः- मुद्रा का मूल्य निर्धारण - फिशर एवं कैम्ब्रिज दृष्टिकोण, केन्स का बचत-निवेश सिद्वान्त, केन्द्रीय बैंक के कार्य, व्यापारिक बैंको के कार्य, साख सृजन एवं नियंत्रण, मुद्रा पूर्ति की आवधारणा, मुद्रा-स्फीति की अवधारणाएं - प्रकार, नियंत्रण एवं नीति।
7- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं नीति:- निरपेक्ष लाभ सिद्वान्त, तुलनात्मक लागत का सिद्वान्त, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ एवं शर्ते, स्वतंत्र व्यापार व संरक्षण, विनिमय दर निर्धारण के सिद्वान्त, भुगतान संतुलन समस्या एवं निदान।
8- सार्वजनिक वित्त एवं राजकोषीय नीति :- सार्वजनिक बनाम निजी वस्तुएं, सार्वजनिक व्यय का महत्व एवं सिद्वान्त, कर की प्रकृति, प्रकार एवं करारोपण के सिद्वान्त, सार्वजनिक ऋण के प्रकार, उगाही एवं निर्मोचन।
9- आर्थिक विकास:- आर्थिक प्रणालियां, बाजार बनाम राज्य, आर्थिक विकास का माप तथा इस हेतु अंतर्राष्ट्रीय सूचकांकों का प्रयोग, आर्थिक विकास में बचत एवं पूंजी निर्माण का महत्व, आर्थिक विकास के सिद्वान्त - रोस्टोव के आर्थिक समृद्वि के चरण, न्यूनतम क्रांतिक प्रयास, प्रबल प्रयास सिद्वान्त तथा असंतुलित विकास का सिद्वान्त, प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थाएं, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन, ब्रिक्स देश आदि।
10- भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियां:- भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं पंचवर्षीय योजनाओं की प्रगति एवं समीक्षा, नीति आयोग एवं आर्थिक नीतियां, भारतीय कृषि में उत्पादकता वृद्वि के प्रयास एवं नीति, भारत में गरीबी, बेरोजगारी एवं कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य एव पोषण, भारत में जनसंख्या, लाभांश, नगरीकरण एवं प्रवजन, औद्योगिक विकास की नवीन प्रवृत्तियां एवं नीतियां, भारत में राजकोषीय नीति एवं बजट प्रबन्धन केन्द्र- राज्य वित्तीय संबंध एवं संघीय सहकारिता, समावेशी विकास की चुनौतियां, भूमण्डलीकरण, आर्थिक विकास एवं वैश्विक व्यापार के विभिन्न आयाम।
विषय- विज्ञान
(अ) भौतिक विज्ञान (फिजिक्स)
सामान्य भौतिकी (यांत्रिकी):-
इकाइयाँ और विमा, सदिश एवं अदिश राशियाँ, गुणनफल (स्केलर और वैक्टर प्रोडक्ट्स), प्रवणता, डाइवरजैन्स और कर्ल, गौस, स्टोक प्रमेय और प्रयोग।
गति, बल एवं त्वरण, गति के समीकरण, गतिज एवं स्थितिज ऊर्जा, रेखीय एवं कोणीय संवेग।
ऊर्जा एवं संवेग संरक्षण, संरक्षी और असंरक्षी बल, घूर्णन गति, अपकेन्द्री तथा अभिकेन्द्री बल, गुरूत्वीय बल, केन्द्रीय बल, कैपलर के ग्रहीय गति के नियम, भूस्थिर उपग्रह, गुरूत्वीय त्वरण, पलायन वेग, सरल तथा यौगिक लोलक, जड़त्व आघूर्ण, समान्तर एवं लम्बवत अक्षीय प्रमेय, गोला, रिंग चक्रिका व बेलन के जड़त्व आघूर्ण, कोणीय संवेग व बल आघूर्ण।
धारा रेखीय एवं विक्षोभ प्रवाह, कान्तिक वेग, स्टोक एवं पायजली के सूत्र, बरनौली प्रमेय और उपयोग।
पृष्ठ तनाव, द्रवों के वकतलों के अन्दर अतिरिक्त दाब, पृष्ठ ऊर्जा, केशिका में द्रव का प्रवाह।
प्रत्यास्थता, प्रत्यास्थता गुणांक, उनमें आपसी संबध, बेन्डिग मोमेंट, कैन्टी लीवर । सापेक्षता का सिद्वान्त, लम्बाई, समय तथा द्रव्यमान में परिवर्तन, द्रव्यमान ऊर्जा तुल्यता।
उष्मा - उष्मा एवं ताप की संकल्पना, विभिन्न ताप मापन पैमाने, परमताप, ठोस, गैस और द्रवों के उष्मीय प्रसार, सुचालक और कुचालक, उष्मा का विकिरण, कृष्णिका विकिरण, रेलेजीन्स तथा वीन्स का नियम, प्लांक विकिरण फार्मूला, न्यूटन का शीतलन नियम, स्टीफन नियम, आन्तरिक ऊर्जा, समतापी और रूदोष्म परिवर्तन, उष्मा गतिकी का प्रथम व द्वितीय नियम, कार्नो इंजन, एन्ट्रापी, मैक्सवेल के उष्मा गतिकी संबंध, जूल थामसन प्रभाव, क्लासियस - क्लेपिरान समीकरण।
तरंग एवं दोलन- सरल आवर्त गति, प्रगामी, अप्रगामी तरंगे, कला व समूह वेग, अवमंदित आवर्तगति, प्रणोदित दोलन तथा अनुनाद, अनुनाद तीव्रता, तरंगो का अध्यारोपण, विसपन्द तथा लिसाजूस आकृतियाँ, डाप्लर का प्रभाव।
प्रकाशिकी - गोलीय दर्पण एवं लेन्स, अपवर्तनांक, फोकस दूरियों के सूत्र, समक्षीय निकाय, पतले लेंसो का संयोजन, नेत्रिका, रेम्सडन और हाइजीन्स नेत्रिकायें, लैंसो के वर्ण दोष, मानव की आँख, दूरदृष्टि, निकट दृष्टि, व्यतिकरण, विवर्तन और ध्रुवण की मूल अवधारणायें, बाइप्रिज्म, न्यूटनरिंग, फेसनल - फानहापर विवर्तन, रैलेकाइटेरियन, विभेदन क्षमता, जोन प्लेट तथा ग्रेटिंगो के कार्य सिद्वान्त, द्विअपवर्तन, समतल वृत्तीय तथा दीर्घ वृत्तीय ध्रुवण, चतुर्थांश एवं अर्द्वतरंग पट्टिका, लेसर की सामान्य अवधारणा, रूबी तथा हीलियम नियोन लेसर।
विद्युत तथा चुम्बकत्वः - प्राथमिक व द्वितीयक सेल, आन्तरिक प्रतिरोध, विद्युत वाहक बल प्रतिरोध एवं धारित्रों के संयोजन के नियम, धारा, अनुगमन वेग तथा चालकता, गैल्वनोमीटर, अमीटर एवं वोल्टमीटर, व्हीट स्टोन ब्रिज और प्रयोग, बायो सेवर्ट नियम, एम्पियर का परिपथीय नियम, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण, फैराडे और लेंज के नियम।
स्वप्रेरण एवं अन्योन्य प्रेरण, प्रत्यावर्ती धारा, श्रेणी तथा समान्तर (LCR) परिपथ, प्रति - अनु-लौह चुम्बकत्व की प्रारम्भिक जानकारी, विद्युत चुम्बकीय मैक्सवेल समीकरण, विस्थापन धारा, विद्युत चुम्बकीय तरंगे।
आधुनिक भौतिकी - परमाणु की सरंचना, परमाणु के वेक्टर तथा बोहर माडल, पाउली का अपवर्जन सिद्वान्त, प्रकाशी और एक्सरे स्पैक्ट्रा, प्रकाश विद्युत प्रभाव, काम्पटन प्रभाव, जीमान, पाश्चेनबेक तथा रमन प्रभाव, डिब्राग्ली तरंग, अनिश्चतता का सिद्वान्त, श्रोडिंजर समीकरण, रेडियोधर्मिता, धातु, अर्द्धचालक और कुचालक, पी. एन. सन्धि, जीनर डायोड, ट्रांजिस्टर तथा इनके उपयोग, तार्किक द्वार, सत्य सारणी बूलियन बीजगणित।
(ब) रसायन विज्ञान
सामान्य कार्बनिक रसायन - अतिसंयुग्मन, प्रेरणिक प्रभाव, अनुनाद एवं ऐरोमैटिकता तथा उनके अनुप्रयोग।
अभिकर्मकः - इलेक्ट्रानस्नेही, नाभिकस्नेही अभिकर्मक तथा अभिक्रिया मध्यवर्ती (कार्बधानायन, कार्बऋणायन, मुक्त मूलक, कार्बीन तथा बेन्जाईन)
अभिक्रियाओं की कियाविधि :- SN1, SN2, E1 और E2 अभिक्रियायें।
ऐल्कीन तथा ऐल्काइन की इलेक्ट्रानस्नेही योगात्मक अभिक्रियाएं।
ऐल्कीनों की मुक्तमूलक योगात्मक अभिक्रियायें।
कार्बोनिल यौगिकों की नाभिकस्नेही योगात्मक अभिक्रियायें।
ऐरोमैटिक इलेक्ट्रानस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियायें - ArSE में आर्थो / मेटा / पैरा निर्देशक समूह तथा उनका संकियण तथा निष्क्रियण प्रभाव।
एल्डोल, पर्किन, कैनिजारो, विटिंग, राइम-टीमान, हॉफमान, नोवेनेगेल, माइकेल अभिक्रियायें एवं बेंज्वायन संघनन।
कार्बोहाइड्रेट: केवल ग्लूकोस एवं फक्टोस, परिवर्ती ध्रुवण घूर्णन, ओसैजोन का निर्माण, उपचयन एवं अपचयन।
बहुलक – प्राकृतिक (स्टार्च, सेल्युलोस, रबर तथा सिल्क) एवं संश्लेषित बहुलक (नॉयलान, टेरिलीन, पॉलिथीन, पी०वी०सी० और टेफ्लान)
समावयवताः- सरंचनात्मक एवं त्रिविम समावयवता (एनैंशियोमेरिज्म, डायास्टीरियोमेरिज्म, R/S तथा E/Z नामकरण)
अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी:- पराबैंगनी स्पेक्ट्रोस्कोपी- कोमोफोर (वर्णमूलक), आक्सोकोम (वर्णवर्धक), वर्णोत्कर्षी तथा वर्णोपकर्षी प्रभाव।
Amax पर संयुग्मन तथा स्थायित्व का प्रभाव, वुडवर्ड-फीजर नियम से पॉलिईनों के Amax की गणना।
इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी - विभिन्न क्रियासमूहों की अवशोषण आवृत्ति तथा max पर विभिन्न कारकों का प्रभाव।
परमाणु की संरचना:- बोहर मॉडल, क्वांटम संख्या तथा आधुनिक परमाणु सिद्वान्त।
तत्वों के आवर्ती गुण- परमाणु एवं आयनिक त्रिज्यायें, आयनन विभव, इलेक्ट्रान बन्धुता तथा विद्युत ऋणात्मकता।
जालक ऊर्जा तथा जलयोजन उर्जा एवं इनका आयनिक यौगिकों के विलेयता से सम्बन्ध।
रसायनिक आबन्धन- वैद्युत, सहसंयोजक, उपसहसंयोजक तथा हाइड्रोजन आबन्ध/अणुओं की आकृति।
कोआर्डिनेशन रसायन- 3डी ब्लाक के तत्व, संकुल यौगिकों का नामकरण, लिगैण्ड, (एक दन्ती, द्विदन्ती, बहुदन्ती), वर्नर का सिद्वान्त तथा संयोजकता आबन्ध सिद्वान्त।
जैव- सकिय संकुल यौगिक (हेमोग्लोबिन, मायोग्लोबिन, विटामिन बी-12, क्लोरोफिल)
अपचयन तथा उपचयन:- आक्सीडेशन संख्या, रिडाक्स अभिक्रिया और अर्द्धसेल मानक विभव एवं अकार्बनिक रसायन में इसका अनुप्रयोग।
रेडियो सक्रियता:- प्राकृतिक रेडियो सक्रियता, रेडियोसकिय क्षय, a, B औरy किरणों के गुण, अर्द्ध आयु काल, नाभिकीय विखन्डन एवं नाभिकीय संलयन।
रसायनिक वलगतिकी तथा उत्प्रेरणः- अणुसंख्यता, अभिक्रिया की कोटि, शून्य, प्रथम तथा द्वितीय कोटि की अभिक्रियाओं का उदाहरण, उत्प्रेरकी एवं एन्जाइमी अभिक्रियाओं के उदाहरण।
उष्मागतिकी :- उष्मागतिकी के प्रथम एवं द्वितीय नियम, निकाय की एनथैल्पी तथा स्थिर आयतन और दाब पर धारिता। Cp और Cv में संबन्ध विस्तीर्ण और गहन गुण
रसायनिक साम्यावस्था:- द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम, लीसातले का सिद्वान्त एवं इसका अनुप्रयोग, वियोजन - मात्रा, Kp और Kc में सम्बन्ध, सक्रियता एवं सक्रियता गुणांक।
आयनिक साम्यावस्था :- दुर्बल अम्ल एवं क्षारक का वियोजन (Ka और Kb), दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक, दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक तथा प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक से प्राप्त लवणों का जल अपघटन, विलेयता और विलेयता गुणफलन, जल का अपघटन स्थिरांक (Kw), बफर विलयन और उसका pH.
विषय- जीव विज्ञान
(अ)- जन्तु विज्ञान
1- वर्गीकरण के सिद्वान्त, जाति और उपजाति की धारणा, द्विपद नाम पद्वति
2- निम्नलिखित संघो का वर्गीकरण तथा विशिष्ट लक्षण: प्रोटोजोआ, पोरीफेरा, निडेरिया, टीनोफोरा, प्लेटीहेलमिन्थेस, एस्कहेलमिन्थेस, ऐनेलिडा, आर्थोपोडा, मोलस्का, इकाइनोडरमेटा तथा कॉर्डेटा
3- निम्नलिखित संघो के प्रतिनिधियों की सामान्य संरचना तथा जीवन चक्र: (i) प्रोटोजोआ - एन्टअमीबा, युग्लिना, प्लाजमोडियम एवं पैरामिशियम (ii) पोरीफेरा - लयूकोसोलेनिया एवं साइकॉन (iii) निडेरिया - हाइड्रा, औरेलिया एवं ओबेलिया (iv) टीनोफोरा - प्ल्यूरोब्रेकिया (V) प्लेटीहेलमिन्थेस - फैसिओला एवं टीनिया (vi) एस्कहेलमिन्थेस - एैसकैरिस (vii) ऐनेलिडा - नेरिस, फेरिटिमा एवं हिरुडिनेरिया (viii) आर्थोपोडा - कॉकरोच, मस्का, मच्छर एवं प्रॉन (ix) मोलस्का - युनिओ एवं पाइला (x) इकाइनोडरमेटा - तारा मछली तथा (xi) कॉर्बेट - हर्डमानिया, एम्फियॉक्सस, स्कोलियोडॉन, राना, युरोमेस्ट्रिक्स, कोलम्बा एवं खरगोश।
4- निम्नलिखित का संक्षिप्त ज्ञानः -- (i) प्रोटोजोआ तथा उनके द्वारा उत्पन्न रोग, (ii) निडेरिया में बहुरूपता (iii) हेलमिन्थेस तथा रोग (iv) हानिकारक और लाभप्रद कीट (V) विषैले तथा विषहीन सांप (vi) स्तनधारियों का आर्थिक महत्व।
5- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका, जन्तु कोशिका की सूक्ष्म संरचना, कोशिकांगो के कार्य, गुणसूत्र के प्रकार, जीन की संरचना तथा आनुवंशिक कूट, समसूत्री एवं अर्धसूत्री कोशिका विभाजन।
6- मेन्डेल के वंशागति के नियम, सहलग्नता एवं जीन विनिमय, सुजननिकी, जैव विकास, जैव विकास के प्रमाण, विकास के सिद्धांत, लेमार्कवाद, निओ-लेमार्कवाद, डार्विनवाद, निओ-डार्विनवाद, विकास की क्रिया विधि, उत्परिवर्तन, कालांतर में विकास, मानव का विकास।
7 - पारिस्थितिकी - पारिस्थिति तन्त्र के अवयव तथा प्रमुख पारिस्थिति तन्त्र, पर्यावर्णीय प्रदूषण।
8 – निम्न का प्रारंभिक ज्ञान:- (i) पाचन क्रिया (ii) श्वसन क्रिया (iii) रूधिर एवं परिसंचरण (IV) उत्सर्जन (V) तंत्रिकीय संचारण (vi) मांसपेशी में संकुचन (vii) अन्तःस्त्रावी ग्रंथि तथा उनके कार्य।
9- निम्नलिखित की विशेषता तथा वर्गीकरण:- (i) कार्बोहाइड्रेट्स (ii) प्रोटीन्स (iii) वसा (iv) एंजाइम तथा (V) हार्मोन्स
10- युग्मक जनन, डिम्ब के प्रकार और विदलन, एम्फियॉक्सस, मेंढक एवं कुक्कुट का भ्रूणीय परिवर्धन, स्तनियों में अपरा
11- जैवभूगोल, प्राणिभौगोलिक परिमंडल एवं उनके विशिष्ट प्राणी
(ब) वनस्पति विज्ञान
विषाणु - परिभाषा, प्रकृति, पारगमन, टी०एम०वी० की संरचना, बैक्टिरियोफेज, बाइरायड्स, प्रियान्स, विषाणुओं के आर्थिक महत्व।
जीवाणु - जीवाणु कोशा की संरचना, पोषण, प्रजनन और आर्थिक महत्व।
कवक - सामान्य लक्षण, संरचना, पोषण, प्रजनन और कवकों का आर्थिक महत्व।
वर्गीकरण (ऐलेक्सोपोलस और मिम्स), विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण।
रायजोपस, पीथियम, एल्बूगो, एस्परजीलस, एगैरिकस, पक्सीनिया, अस्टीलागों एवं अल्टरनेरियां के सरंचना और जीवनचक्र।
शैवाल - सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण, शैवाल वर्णक एवं शैवालों का आर्थिक महत्व।
क्लैमाइडोमोनास, वालवाक्स, उडोगोनिया, वाउचेरिया, कारा, एक्टोकार्पस, बैट्राकोस्पर्मम, पालीसाइफोनिया और नील हरित शैवाल ( नास्टाक और एनाबिना) के संरचना और जीवनचक।
लाइकेन - प्रकृति, प्रकार, संरचना, प्रजनन एवं आर्थिक महत्व।
ब्रायोफाइट्स - सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों का विशिष्ट लक्षण, प्रजनन और ब्रायोफाइट्स का आर्थिक महत्व।
रिक्सिया, मारकेन्सिया, एन्थोसेरास और फ्यूनिरिया के संरचना और जीवनचक।
टैरिडोफाइट्स - सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों का विशिष्ट लक्षण, रम्भीय तंत्र और टैरिडोफाइट्स का आर्थिक महत्व।
लाइकोपोडियम, सिलेजिनेला, इक्बीसीटम और मार्सिलया के संरचना और जीवनचक।
ट्रोस्पोरी एवं बीजीय स्वभाव।
अनाबृतबीजी- सामान्य लक्षण और सजातीयता, जीवन चक्र वर्गीकरण विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण, वितरण एवं आर्थिक महत्व, साइकस, पाइनस एवं इफेड्रा के संरचना और जीवनचक।
जीवाश्म विज्ञान - जीवाश्म, प्रकार, जीवाश्मीकरण, भू वैज्ञानिक समय सारणी एवं इसका महत्व । राइनिया का संरचना एवं प्रजनन।
आवृत्तबीजी वार्णिकी - द्विनाम पद्धति, बेन्थम एवं हूकर का वर्गीकरण पद्वति, महत्वपूर्ण वनस्पतिक उद्यान और हरबेरिया।
रैननकुलेसी, पापावरेसी, ब्रैसिकेसी, मालवेसी, फैबेसी, रोजेसी, कुकुरबिटेसी, एपीएसी, एस्टरेसी, रूबीएसी, एपोसायनेसी, सोलोनेसी एकैंथेसी, लैमिएसी, यूफोब्रिएसी, लिलिएसी एवं पोएसी कुलों के विशिष्ट विशेषताएं।
आवृत्तबीजी आन्तरिकी - ऊतक एवं ऊतक तंत्र, असामान्य द्वितीयक वृद्धि, जड़ एवं तनें की आन्तरिकी टिनोस्पोरा जड़, ड्रेसिना तना, बिगनोनिया तना, बोरहाविया तना और निक्टैन्थिस तना के आन्तरिक संरचना।
आर्थिक वनस्पति विज्ञान- इमारती लकड़ी, रेशे, तेल, औषधीय पौधे, पेय, मसाले, पैदा करने वाले पौधे।
श्रौणिकी - पुमंग की संरचना, लघु बीजाणुजनन और नर युग्मकोभिदी का विकास, बीजाण्ड की सरंचना दीर्घ बीजाणुधानी का विकास, भ्रूणपोश का विकास एवं संगठन, परागण, प्रजनन, भ्रूण का विकास, पारथनोकार्पी, एपोमिकसिस एवं बहु भ्रूणता।
कोशिका विज्ञान- पादप कोशिकीय संरचना और उसके विभिन्न कोशिकांगो का अध्ययन, कोशिका विभाजन और कोशिका चक।
आनुवंशिकी - गुणसूत्र की संरचना, क्रोमोसोमल एबीरेसन आनुवंशिकता का नियम, जीन इन्टेक्शन, सहलग्नता, जीन विनिमय, उत्परिवर्तन एवं पालीपोलाइडी।
पादप शरीर किया विज्ञान - जल का अवशोषण, रसारोहण, वाष्पोसर्जन, खनिज लवण पोषण और कमी, प्रकाश संश्लेशण, श्वसन, पादप हारमोन्स, वर्नेलाइजेशन, बीजो का अंकुरण एवं संसुप्ता, नाइट्रोजन चक्र, दीप्त कालिता।
जैव रसायन विज्ञान- कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, लिपिड, न्यूक्लिक अम्ल और एनजाइम्स का वर्गीकरण, गुण और जैविक महत्व।
पर्यावरणीय वनस्पति विज्ञान- पर्यावरणीय कारक, मृदा संरक्षण पौधो में परिस्थितिक अनुकूलन, परिस्थितिक पिरैमिड्स, खाद्य श्रृखंला एवं खाद्यजाल पारिस्थितिकी तंत्र, पादप अनुक्रमण, प्रदूषण, पादप समुदाय और जैव विविधता, इनसीटू और एक्ससी संरक्षण।
पादप रोग विज्ञान - जीवाणु, कवक और विषाणु जनित रोगों का सामान्य लक्षण, पादप रोगों के नियंत्रण के विभिन्न प्राविधियाँ।
आलू का पीछैती झुलसा, आलू का अगति झुलसा, कुरूसीफेरी का व्हाइट- रस्ट गेहूँ का किट्ट रोग, गेहूँ का लूजस्मट, सिट्स कैंकर, वैंगन का लिटिल लीफ्स और भिन्डी का एलो वेन मूजैक बिमारियों के लक्षण, रोग चक और नियंत्रण।
जैव प्रौद्यागिकी एवं आनुवंशिक अभियंत्रिकी - मानव कल्याण में महत्व, वेक्टर रिकामबिनेन्ट डीएनए तकनीक, परजीनी पौधे टिशू कल्चर, बायोपेस्टीसाइड्स और जैव उर्वरक।
आणविक जैव विज्ञान- जीन कन्सेप्ट, आनुवांशिक कूट, न्यूक्लिक अम्ल, डीएनए का विखण्डन, जीन एक्प्रेशन एवं रेग्युलेशन।
विषय - गणित
1- बीजगणित
समीकरण सिद्वान्त, समान्तर गुणोत्तर एवं हरात्मक श्रेणियाँ, प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों एवं घनों का योग, कमचय एवं संचय, द्विपद प्रमेय, चरघातांकीय एवं लघुगणकीय श्रेणियाँ।
समुच्चय का बीजगणित संबंध एवं फलन, संबंधो के प्रकार, तुल्यता संबंध, फलनों के प्रकार, फलनों का संयोजन, प्रतिलोम फलन, समुच्चय पर द्विआधारी संक्रियायें, समूह, उपसमूह, प्रासामान्य समूह, आशिंक समूह, चकीय समूह, समूह के अवयव की कोटि, कमचय समूह, सम एवं विषम क्रमचय, लाग्रांज प्रमेय और इसके परिणाम, समूह समाकारिता।
सारणिक, आव्यूह के प्रकार, आव्यूहों पर बीजगणितीय संक्रियायें, सममित एवं विषम सममित आव्यूह, हर्मिटीय एवं विषम हर्मिटीय आव्यूह, आव्यूह का प्रतिलोम, आव्यूह की जाति, आव्यूह का रेखीय समीकरणों के निकाय को हल करने में अनुप्रयोग, आव्यूह के आईगेनमान एवं आईगेन सदिश, कैले हैमिल्टन प्रमेय और इसके अनुप्रयोग।
2- वास्तविक विश्लेषण
वास्तविक संख्याओं के अनुक्रम, परिबद्ध एवं एकदिष्ट अनुक्रम, अभिसारी अनुक्रम, धनात्मक पदों की श्रेणीयों का अभिसरण, तुलनात्मक परीक्षण, काशी का वां मूल परीक्षण, अनुपात परीक्षण, रबे परीक्षण, लघुगणकीय और द मार्गन एवं बर्टेण्ड परीक्षण, एकान्तर श्रेणी एवं लैबनिट्ज परीक्षण।
3- सदिश विश्लेषण
सदिशों पर संक्रियायें, दो और तीन सदिशों का अदिश एवं सदिश गुणन और उनके अनुप्रयोग, सदिश अवकलन, ग्रेडियन्ट, डाईवर्जेन्स एवं कर्ल।
4- सम्मिश्र विश्लेषण
सम्मिश्र संख्यायें, एक सम्मिश्र चर के फलन, द मायवर प्रमेय और इसके अनुप्रयोग, ईकाई के nवें मूल, एक सम्मिश्र फलन के चर घातांकी, सीधे एवं व्युत्क्रम त्रिकोणमितीय, हाईपरबोलिक एवं लघुगणकीय फलन, सम्मिश्र फलनों की सांत्यता एवं -अवकलनीयता, काशी रीमान समीकरण, वैश्लेशिक फलन, प्रसंवादी फलन।
5- कलन
फलन की सीमा, सांतत्यता एवं अवकलनीयता रोल का प्रमेय, लाग्रान्ज का मध्यमान प्रमेय, लापिताल नियम, उत्तरोत्तर अवकलन, स्पर्शी एवं अभिलम्ब, उच्चिष्ठ एवं निम्निष्ठ, वर्धमान व ह्रासमान फलन, दो चरों के फलन की सीमा, सांतत्यता एवं अवकलनीयता, आंशिक अवकलन समाकलन की विधियाँ, निश्चित समाकल वक्रों द्वारा परिबद्ध क्षेत्रफल, वक्र की लम्बाई, घूर्णन द्वारा बने ठोसों का पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन को ज्ञात करने में समाकलन का अनुप्रयोग।
प्रथम कोटि एवं प्रथम घात के अवकलन समीकरणों का हल।
16- ज्यामिति
द्वितीय घात के व्यापक समीकरण तथा इसका रेखायुग्म, वृत्त, परवलय, दीर्घवृत्त एवं अतिपरवलय के रूप मे वर्गीकरण, अतिपरवलय के अनन्तस्पर्शी, मूल बिन्दु का विस्थापन एवं निर्देशांक अक्षों का घूर्णन, रेखा की दिक्कोज्यायें एवं दिक्अनुपात, समतल का कार्तीय एवं सदिश समीकरण, रेखा का कार्तीय एवं सदिश समीकरण, समतलीय एवं असमतलीय रेखायें, दो रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी, दो समतलों के बीच, दो रेखाओं के बीच, एक रेखा एवं एक समतल के बीच के कोण, एक बिन्दु की एक समतल से दूरी, गोला, शंकु एवं बेलन।
7- सांख्यिकी एवं प्रायिकता
बरंबारता बंटन, सांख्यिकीय आंकड़ों का आलेखीय निरूपण, केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें, सामूहिक तथा असामूहिक आकड़ों के माध्य, माध्यिका एवं बहुलक, प्रायिकता के योग एवं गुणन की प्रमेय।
विषय - वाणिज्य (कॉमर्स)
1- लेखांकन:- अर्थ, सिद्वान्त और मान्यताएं, दोहरा लेखा प्रणाली - जर्नल, लेजर, तलपट, अन्तिम खाते समायोजन प्रविष्टियों सहित, साझेदारी प्रवेश, अवकाश एवं मृत्यु खाते, कम्पनी खाते - अंशों के प्रकार, अंशो का निर्गमन एवं हरण लेखांकन, अधिकार शुल्क, किराया कय पद्वति एवं विभागीय खाते।
2- व्यवसाय संगठन एवं प्रबन्धः - व्यापार एवं वाणिज्य का आशय एवं प्रकृति, व्यवसाय संगठन के स्वरूप - एकल, साझेदारी एवं कम्पनी, विपणन की प्रकृति एवं कार्य, देशी एवं विदेशी व्यापार, प्रबन्ध - प्रकृति, क्षेत्र एवं सिद्वान्त, एफ डब्ल्यू टेलर एवं हेनरी फेयोल का योगदान, प्रबन्ध के कार्य नियोजन, संगठन, स्टाफिंग, निर्देशन एवं नियंत्रण।
व्यवसाय पर्यावरण- आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक।
3- व्यावसायिक अर्थशास्त्र:- अवधारणा एवं क्षेत्र, मॉग वक विश्लेषण, मॉग की लोच, सीमान्त उपयोगिता, कुल उपयोगिता एवं सीमान्त उपयोगिता हास नियम, उत्पत्ति के नियम, उत्पादकता नियम, पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकार के अन्तर्गत मूल्य निर्धारण, व्यापार चक्र, जनसंख्या का सिद्वान्त, भारतीय अर्थव्यवस्था - स्थिति, समस्या एवं सुझाव।
4- मुद्रा एवं बैंकिंग:- मुद्रा की परिभाषा, क्षेत्र एवं कार्य पूंजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्था में मुद्रा का महत्व, ग्रेश्म का नियम, मुद्रा का परिमाण सिद्वान्त, मुद्रास्फीति एवं संकुचन, बैंक के प्रकार, वाणिज्यिक बैंक एवं रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के कार्य, डिजिटल बैंकिग एवं ई-बैंकिग।
5- सांख्यिकी - अर्थ, क्षेत्र एवं महत्व, आंकड़ों का संग्रहरण, वर्गीकरण एवं सारणीयन, केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप - माध्य, माध्यिका, बहुलक, अपकिरण की माप।
8- अंकेक्षण:- अंकेक्षण की परिभाषा, उद्देश्य तथा महत्व, प्रमाणन का अर्थ, प्रकार एवं महत्व, प्रारम्भिक बहियों के प्रमाणन की विधि।
विषय- गृह विज्ञान
यूनिट -1
प्रसार शिक्षा - तात्पर्य, अर्थ, उद्देश्य, सिद्धान्त और कार्य, औपचारिक, अनौपचारिक और व्यवहारिक शिक्षा
शैक्षणिक मनोविज्ञान - तात्पर्य, अर्थ, उद्देश्य और इसका प्रसार, शिक्षा से सम्बन्ध और प्रसार शिक्षा में इसकी उपयोगिता।
युनिट-2
सामुदायिक विकास तात्पर्य, अर्थ, उद्देश्य और संगठन।
पंचायत राज प्रणाली- तात्पर्य, संगठन, मूल्यांकन और इसके कार्य।
राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के अन्तर्गत चलाये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रम।
नेतृत्व - तात्पर्य, परिभाषा, प्रकार, कार्य और सिद्धान्त, नेता की गतिशीलता।
यूनिट - 3
संचार प्रक्रिया - तात्पर्य, अर्थ, दृष्टिकोण, तत्व मोडल, माध्यम, सिद्धान्त समस्याएं और संचार की बाधाएं, संचार कौशल, बोलना, लिखना, और हाव-भाव।
यूनिट -4-
प्रसार शिक्षण विधियों और श्रृव्य- दृश्य साधन और इनका वर्गीकरण।
यूनिट - 5
कार्यक्रम नियोजन - तात्पर्य, अर्थ, उद्देश्य, सिद्धान्त और प्रकार नियोजन नियन्त्रण, सतत निरीक्षण और मूल्यॉकन।
यूनिट- 6
पी० आर० ऐ० (सहभागी ग्रामीण अध्ययन) तात्पर्य, अर्थ, उपकरण और विधियाँ।
यूनिट -7-
महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता ।
2- गृह प्रबन्ध और उपभोक्ता शिक्षा:-
यूनिट -1-
गृह और परिवार गृह की परिभाषा, प्रकार और घर चुनने के आधार परिवार की परिभाषा, परिवार के प्रकार और उनके गुण व दोष। परिवार का समाज में योगदान, आदर्श भारतीय घर और परिवार से तात्पर्य।
गृहणी एक उपभोक्ता है- उपभोक्ता की परिभाषा, समस्याएं, अधिकार, जिम्मेदारियों और उनसे सम्बन्धित कानून और अधिनियम।
यूनिट - 2 -
समय और ऊर्जा का प्रबन्ध समय और ऊर्जा सम्बन्धित के बचत के सिद्धान्त, समय का महत्व बचत के स्रोत । कार्य, सरलीकरण, महत्व, सिद्धान्त, कार्य चार्ट और कार्य बँटवारा।
यूनिट - 3
मुद्रा प्रबन्ध और उपभोक्ता शिक्षा, पारिवारिक आय परिवार की आय के विभिन्न स्रोत और आय के प्रकार जैसे मुद्रा और वास्तविक आय, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आय, अनुपूरक पारिवारिक आय, घरेलू खाता की आवश्यकता, विधि और रखने के विभिन्न तरीके।
यूनिट -4-
बजट, बचत और निवेश— आय और बचत का महत्व, निवेश के विभिन्न तरीके जैसे बैंक, प्राईवेट और राष्ट्रीय बैंक, डाकखाना, एल०आई०सी० पी०पी०एफ०, पीएल०आई०, म्यूचल फन्ड, विभिन्न बीमें कर बचत और जी०एस०टी० कानून।
यूनिट - 5
घर की आन्तरिक सज्जा- घर की आन्तरिक सज्जा में कला के विभिन्न सिद्धान्तों और तत्वों का प्रयोग।
3- आहार एवं पोषण
पोषण, भोज्य पदार्थ, भोजन समूह, प्राप्ति के साधन, कार्य, पोषक तत्व, सन्तुलित आहार, उचित पोषण, कुपोषण, अत्यधिक पोषण, भोज्य पदार्थों का संगठन, मिलावट, फुड एडिटिव्स भोजन की सुरक्षा, भोजन संरक्षण, पाक कला, रसोई के प्रकार, फूड माइक्रोबायलाजी (सूक्ष्म जैविकी) - सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियां, सामान्य शरीर किया।
विज्ञान – विभिन्न तन्त्रों का अध्ययन, पाचन तंत्र, उर्त्सजन तंत्र, परिसंचरण तंत्र, रक्त, रक्तसमूह, हिमोग्लोबीन, विभिन्न बिमारियों में आहार अतिसार, कब्ज, रक्तचाप, मधुमेह, वृक्क सम्बन्धी बिमारियाँ प्रारम्भिक रसायन कार्बोज प्रोटीन, वसा के कार्य प्राप्ति के साधन, वर्गीकरण एवं खनिज एवं विटामिन्स की कमियों के लक्षण सामुदायिक पोषण, पोषण शिक्षा,
उद्देश्य, कार्य, पोषण के स्तर का मापन, आर. डी. ए., पोषण शिक्षा सम्बन्धी कार्यक्रम, भोज्य पदार्थों की दैनिक आवश्यकतायें।
4- मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन अर्थ, धारणा, महत्व, विकासात्मक नीयत कार्य एवं अवस्थाएं विकास के सिद्धान्त, गर्भावस्था में विकास जन्म की प्रक्रिया एवं अवस्थायें जीवन पर्यन्त विकास- शारीरिक क्रियात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक, नैतिक, संज्ञानात्मक, भाषा,
खेल रचनात्मक एवं व्यक्तित्व विकास पूर्व पाठशालीय शिक्षा- आवश्यकता विशिष्टता एवं महत्व, शैक्षणिक फिलासफीज एवं कार्यक्रम।
मानव विकास की थ्योरीज- फ्रायड, इरिकसन, पियाजे, पेवलाव एवं स्किनर, कोल्हबर्ग, मैसलाव।
पारिवारिक सम्बन्ध परिवार का प्रभाव, अभिभावकों का दृष्टिकोण, बाल प्रशिक्षण विधियों, विघटित परिवार, एकल अभिभावक परिवार एवं पुनः गठित परिवार, बाल अपराध असाधारण आवश्यकताओं वाले बालक- परिभाषा, लेबलिंग, मुख्य धारा से जोड़ना, वर्गीकरण, शारीरिक विकलांगता, मानसिक विकलागंता, बोलने में असमर्थता, सुनने में असमर्थता, देखने में असमर्थता, सीखने में असमर्थता।
5 वस्त्र एवं परिधान
वस्त्र परिधान का महत्व, रेशों का वर्गीकरण, उनके रसायनिक गुण एवं उत्पादन, वस्त्रों का इतिहास, पारम्परिक वस्त्र, कताई बुनाई, निटिंग, कपास, लिनीन, ऊन, सिल्क, रेयान, नायलोन का इतिहास एवं गुण, निर्माण, सिलाई मशीन एवं उसकी देखरेख, पैटर्न बनाना, धुलाई, रख-रखाव, वस्त्रों को रंगना, विभिन्न अवसरों के लिये वस्त्रों का चुनाव, कढ़ाई, टाई एवं डाई, बाटिक प्रिंटिंग, वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले कारक, धुलाई के तरीके, धब्बे निकालना।
6- मानव शरीर किया विज्ञान
कोशिकाएं और ऊतक अर्थ, परिभाषा और संरचना, कोशिकाओं के प्रकार (उदाहरण सहित ) कंकाल - पेशी तंन्त्र संरचना, प्रकार, कार्य, जोड़ों के प्रकार, पेशी की कालेज संरचना |
पाचन तन्त्र मनुष्य की आहार नाल तथा पाचन तन्त्र के अवयव, मुख व मुख गुहा ग्रसनी, ग्रास नली, आमाशय और औत।
7- शोध और सांख्यिकी
शोध और इसका अर्थ क्षेत्र, उद्देश्य, ऑकड़ों के स्रोत, शोध के उपकरण और विधियाँ, शोध के प्रकार और उसका प्रयोग, अंक, मीन, मोड और मीडियन ऑकड़ों का चित्रों और ग्राफ द्वारा दिखाना, प्राइमरी और सेकेन्ड्री ऑकड़े।
8- स्वास्थ्य और स्वच्छता
यूनिट -1-
स्वास्थ्य और स्वच्छता की परिभाषा, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के सिद्धान्त, सामान्य दुर्घटनाएं और घर पर होने वाली देखभाल ब्लड प्रेशर, नब्ज और शरीर के तापमान का मापन, प्रदूषण के प्रकार और उसकी रोकथाम, स्वास्थ्य परीक्षण।
यूनिट -2- वातावरणीय सुरक्षा-
(1) ऊर्जा - विभिन्न प्रकार के धुआं रहित चूल्हें, सोलर कुकर का प्रयोग एवं बिजली प्लेट।
(2) जल सुरक्षा और बचत- जल को सुरक्षित करने की विधियों, पानी की गुणवत्ता का महत्व, पानी के शुध्दिकरण की विधियों जैसे छानना, फेकट टैप वाटर, वाटर अलार्म, क्लोरिन द्वारा और आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके।
(3) - खाद्य सुरक्षा अनाज भंडारण विधियों व खाना बनाने की विधियों और खाद्य संरक्षण की तकनीकें।
(4) जीविकोपार्जन सुरक्षा सरकारी और प्राइवेट विभागों में नौकरी के अवसर, स्वरोजगार जैसे स्टार्ट अप इत्यादि।
9- प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य प्राथमिक उपचार- अर्थ, सिद्धान्त और प्राथमिक उपचार के डिब्बे की आवश्यक सामग्री।
पट्टियों प्रकार, उपयोग, फ्रैक्चर के प्रकार, मोच, कृत्रिम श्वसन, खिसकना, खून का बहना और प्रेशर केन्द्र।
देखभाल और रखरखाव - मरीज की देखभाल और मरीज का कमरा, सामान्य बीमारियों के घरेलू उपचार।
विषयः– संस्कृत
गद्य, पद्य एवं नाटक-
अधोलिखित ग्रन्थों के निर्धारित अंशो के आधार पर शब्दार्थ चरित्र-चित्रण से सम्बद्ध प्रश्नः
विवेचन, सूक्ति, व्याकरणात्मक टिप्पणी एवं
कठोपनिषद् (प्रथम वल्ली), श्रीमद्भगवद्गीता (द्वितीय अध्याय), अभिज्ञानशाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक), मेघदूतम (पूर्वमेघ), किरातार्जुनीयम् (प्रथम सर्ग) कादम्बरी - (शुकनासोपदेश), नीतिशतकम् (सम्पूर्ण) उत्तररामचरितम् (तृतीय अंक) एवं शिवराजविजयम्, (प्रथम निःश्वास)।
व्याकरण-
लघुसिद्वान्तकौमुदी के आधार पर प्रत्याहार, सन्धि, समास, कारक, प्रत्यय एवं शब्दरूपों तथा धातु - रूपों से सम्बद्व प्रश्न।
प्रत्याहार - प्रत्याहारों का परिचय।
सन्धिः - अच् सन्धि, व्यंजन सन्धि एवं विसर्ग सन्धि।
समासः - अव्ययीभाव तत्पुरूष, कर्मधारय, द्विगु द्वन्द्व एवं बहुव्रीहि समास।
कारक:- विभकत्यर्थ - प्रकरण।
प्रत्ययः- क्त्वा (ल्यप), क्त, क्तवतु, शतृ, शानच, ल्युट, तुमुन, ण्वुल, तृच, अनीयर, तव्यत्, घञ, क्तिन, मतुप एवं अण् प्रत्यय।
शब्द- रूप अकारान्त, इकारान्त, उकारान्त एवं ऋकारान्त पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुसंकलिंग शब्दों के रूप।
सर्वनाम - शब्दः - सर्व, यत्, तत्, किम, एतत् इदम् अस्मद् युष्मद् शब्दों के रूप।
धातु - रूपः - भू, गम्, पठ्, दृश्, अस्, पा, लभ्, हन्, दा, कथ्, प्रच्छ्, लिखु, वद्, कृ, तथा ज्ञा धातुओं के लट्, लोट्, लृट, लड् और विधिलिड़ में रूप।
संख्यावाचक शब्द:- एक से सौ तक की संख्याओं के संस्कृत शब्दों का ज्ञान।
वाच्य - परिवर्तन अशुद्वि - परिमार्जन।
सुभाषित एवं सूक्तियाँ:- संस्कृत सुभाषित एवं सूक्तियों का परिज्ञान।
साहित्य का इतिहास:- रामायण, महाभारत, रघुवंश, कुमारसम्भव, किरातार्जुनीय, शिशुपालवध, नैषधीयचरित, प्रतिमानाटक, स्वप्नवासवदत्त, मुद्राराक्षस, अभिज्ञानशाकुन्तल, दशकुमारचरित, कादम्बरी एवं पंचतंत्र काव्यों का सामान्य परिचय।
विषय:- हिन्दी
हिन्दी साहित्य का इतिहास - आदिकाल, भक्तिकाल - संत काव्य, सूफी काव्य, रामकाव्य, कृष्ण काव्य, रीतिकाल, आधुनिक काल - भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता।
हिन्दी गद्य साहित्य का विकास निबन्ध, नाटक, उपन्यास, कहानी, जीवनी, आत्मकथा, संस्मरण, रेखाचित्र, यात्रा - साहित्य, व्यंग्य।
हिन्दी के रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ, काव्य का स्वरूप, रस- अवयव, भेद, छन्द (दोहा, रोला सोरठा, चौपाई, बरवै, छप्पय, हरिंगीतिका, इन्द्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, वंशस्थ, बसंततिलका, कवित्त, सवैया) - लक्षण और उदाहरण, अलंकार (अनुप्रास, यमक, श्लेष, वकोक्ति, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, प्रतीप, संदेह, भ्रांतिमान, अत्युक्ति, अनन्वय) काव्यगुण, काव्य दोष।
हिन्दी की विभाषाएं, बोलियाँ, हिन्दी की शब्द सम्पदा, हिन्दी की ध्वनियाँ, देवनागरी लिपि - नामकरण, विकास, विशेषताएं, सीमाएं, सुधार के प्रयत्न।
व्याकरण- कारक लिंग वचन, उपसर्ग, प्रत्यय, वर्तनी एवं वाक्य-शुद्धीकरण, पर्यायवाची, विलोम, श्रुति समभिन्नार्थक शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, मुहावरा, लोकोक्ति।
संस्कृत साहित्यः
(क) संस्कृत के प्रमुख रचनाकार एवं उनकी रचनाएं कालिदास, भवभूति, भारवि, माघ, दण्डी, श्रीहर्ष, बाणभट्ट।
(ख) सन्धि - स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग, समास, शब्द रूप, सर्वनाम रूप एवं धातु रूप, कारक प्रयोग।
(ग) अनुवाद
विषय- कला
खण्ड-1
चित्रकला के तत्व, मध्यम, तकनीक एवं संयोजन के सिद्धान्त
(अ) चित्रकला के प्राचीन, पारम्परिक एवं आधुनिक माध्यम एवं विधियाँ।
खण्ड - 2
भारतीय एवं पाश्चात्य सौन्दर्यशास्त्रीय दृष्टिकोण, परिभाषायें, विचारक, चिन्तक, कला के तत्व एवं कलाओं के अन्तर्सम्बन्ध
(अ) भारतीय चित्र शडंग
खण्ड-3
भारत की प्रागैतिहासिक, प्राचीन, शास्त्रीय एवं मध्यकालीन कलाः- विकास कम, शैलियाँ एवं क्षेत्र
(अ) भारतीय आधुनिक एवं समकालीन कला:- विकास क्रम, महत्वपूर्ण कला संगठन, चित्रकार, छापाकार,
विचारक एवं अवधारणायें।
खण्ड - 4
योरोप की प्रागैतिहासिक, प्राचीन शास्त्रीय एवं मध्यकालीन कला- विकास क्रम, शैलियाँ एवं क्षेत्र
(अ) योरोप की आधुनिक कला- कला - संगठन, चित्रकार, मूर्तिकार, छापाकार, विचारक एवं अवधारणाएं।
खण्ड-5
भारत के समसामयिक कला परिदृश्य, कलाकार, गतिविधियाँ एवं आधुनिक प्रयोग
(अ) कला वाजार, कला समालोचना एवं कला वैचारिकी।
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पं० अमित कुमार शुक्ल "गर्ग"
Amit Kumar Shukla
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