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चक्रवात ताऊ ते (तौकते) से इन बातों को नोट कर लो आगामी परीक्षाओं में जरूर पूछा जायेगा।

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ताऊ ते (तौकते) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात आगामी परीक्षाओं में उष्ण कटिबंधीय चक्रवात तौकते (ताऊ-ते) से प्रश्न बनने की प्रबल संभावना है। ऐसा कई बार देखा गया है कि हर साल आने वाले चक्रवातों से परीक्षाओं प्रश्न बनते रहते हैं। ऐसा इस लिये कि भूगोल विषय के सिलेबस में चक्रवात को एक टॉपिक के रूप में शामिल किया गया है और हर साल आने वाले चक्रवातों को करेंट की घटनाओं से जोड़कर प्रश्न पूछा जाता है। तो आइए जानते है तौकते चक्रवात के बारे में चक्रवात की स्थिति:-       अरब सागर में चक्रवात का प्रकार:-        उष्ण कटिबंधीय चक्रवात गति:-                           175 km/h लगभग चक्रवात का नाम:-          तौकते (ताऊ ते) चक्रवात का नाम दिया:-   म्यांमार देश ने तौकते (ताऊ ते) का अर्थ:-    अत्यधिक आवाज करने                                            वाली छिपकली अरब सागर से चले उष्ण चक्रवात 'तौकते' (ताऊ-ते) का नाम म्यांमार ने दिया है.  इसका अर्थ होता है ‘छिपकली’ यह नाम बर्मा क्षेत्र में पायी जाने वाली गेको छिपकली के नाम पर आधारित है। यह भारत में इस तट पर वर्ष का पहला चक्रवात है।  भारत मौसम विज्ञा

लिख लो इस टॉपिक से आगामी परीक्षाओं में जरूर प्रश्न बनेंगे।

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वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 1. फिनलैंड लगातार चौथी बार रहा सबसे खुशहाल देश।भारत 139, जबकि 105 नंबर पर रहा पाकिस्तान। • एक मशहूर बॉलीवुड फिल्म के लोकप्रिय डायलॉग का एक हिस्सा है- खुश तो बड़े होगे तुम, जिसको आपने भी कई बार बोला होगा। खैर। यहां हम आपकी हमारी नहीं, बात कर रहे हैं दुनिया की जहां भारत काफी खुशहाल है लेकिन उतना नहीं, जितना कि यूरो जोन का सबसे महंगा देश फिनलैंड। • दुनिया के खुशहाल देशों की वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 2021 में फिनलैंड लगातार चौथी बार टॉप पर रहा है। यह रिपोर्ट आज 19 मार्च को यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क ने जारी की है। दूसरे से पांचवें नंबर तक डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड और हॉलैंड। • इस लिस्ट में क्रम से दूसरे से पांचवें नंबर तक डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड और हॉलैंड का नाम रहा है। खुशहाली के मार्चे पर सबसे बुरी स्थिति अफगानिस्तान की है, जो लिस्ट में जिम्बाबवे और रवांडा से भी नीचे रहा है।  खुशहाल देशों वाली टॉप 10 लिस्ट में क्रम से नॉर्वे, स्वीडन, लग्जमबर्ग, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया रहे हैं। • दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक

महाद्वीपों के विषय में महत्वपूर्ण तथ्य

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महाद्वीप (Continent) पृथ्वी पर भू भाग की सबसे बड़ी इकाई को महाद्वीप कहा जाता है। सम्पूर्ण पृथ्वी के स्थल भाग को सात महाद्वीपों में व जलीय भाग को 4 महासागरों में बाँटा गया है। SEVEN CONTINENT OF WORLD विश्व के सात महाद्वीप 1 एशिया 2 अफ्रीका 3 उत्तरी अमेरिका 4 दक्षिणी अमेरिका 5 अंटार्कटिका 6 यूरोप 7 ओशेनिया 1️⃣ एशिया महाद्वीप यह विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। इस महाद्वीप का कुलक्षेत्रफल 29.50% है। एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश चीन है।  इस महाद्वीप का क्षेत्रफल में सबसे छोटा देश मालदीव है जो प्रवाल से निर्मित एक द्वीप है।  मालदीव फेरोज प्रवाल भित्ति का उदाहरण है। मालदीव सार्क/दक्षेस (दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन) का संस्थापक देश है जिसका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है। इस महाद्वीप में विश्व का सर्वाधिक आधुनिकृत नगर (पाश्चात्य सभ्यता) हांगकांग है जो चीन में स्थित है। इस महाद्वीप में विश्व का सबसे ऊंचा पठार तिब्बत का पठार है। एशिया महाद्वीप में विश्व का सबसे लम्बा रेलवे प्लेटफार्म गोरखपुर का प्लेटफार्म है। इस महाद्वीप में विश्व का सर्वाधिक ड

भूगोल में सर्वेक्षण का महत्व तथा परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न।

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भूगोल में सर्वेक्षण भूगोल एक क्षेत्रीय विज्ञान है जिसमे स्थानों की सापेक्षिक स्थिति , क्षेत्रो का परिमाप एवं उसका धरातलीय वर्णन और मानचित्रण में में महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए भूगोल की मौलिक संकल्पनाओं में भौगोलिक अवस्थिति दूरी और मापन उल्लेखनीय है। धरातलीय वर्णन में विभिन्न स्थानों की सापेक्षिक स्थिति ज्ञात करने पर ही सम्भव होता है। इस सापेक्षिक स्थिति का निर्धारण दूरी ऊंचाई मापन पर निर्भर करता है। सर्वेक्षण में हम यंत्रों व उनके प्रयोग की विधियों के अनुसार कार्य करते है। इसलिए सर्वेक्षण धरातल पर विभिन्न स्थानों पर सापेक्षिक अवस्थिति निर्धारण की तकनीक है। इसके अंतर्गत प्रायः तीन प्रकार के तथ्यों का निरीक्षण किया जाता है। 1 दूरी मापन 2 दिशा बोध 3 सापेक्षिक ऊंचाई का निर्धारण। भौगोलिक तथ्यों की जानकारी उनका क्षेत्रीय विभेदीकरण मानव के आर्थिक व्यवहार का आधार है। इसलिए विभिन्न यंत्रों व विधियों की सहायता से भौगोलिक तथ्यों की सापेक्षिक अवस्थिति का ज्ञान आवश्यक है। सर्वेक्षण में तकनीकी विकास क्रम के साथ ही परम्परागत विधियों और आधुनिक तकनीकों हवाई छाया चित्रण दूर संवेद