लिख लो इस टॉपिक से आगामी परीक्षाओं में जरूर प्रश्न बनेंगे।


वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट

1.फिनलैंड लगातार चौथी बार रहा सबसे खुशहाल देश।भारत 139, जबकि 105 नंबर पर रहा पाकिस्तान।

• एक मशहूर बॉलीवुड फिल्म के लोकप्रिय डायलॉग का एक हिस्सा है- खुश तो बड़े होगे तुम, जिसको आपने भी कई बार बोला होगा। खैर। यहां हम आपकी हमारी नहीं, बात कर रहे हैं दुनिया की जहां भारत काफी खुशहाल है लेकिन उतना नहीं, जितना कि यूरो जोन का सबसे महंगा देश फिनलैंड।

• दुनिया के खुशहाल देशों की वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 2021 में फिनलैंड लगातार चौथी बार टॉप पर रहा है। यह रिपोर्ट आज 19 मार्च को यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क ने जारी की है।

दूसरे से पांचवें नंबर तक डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड और हॉलैंड।

• इस लिस्ट में क्रम से दूसरे से पांचवें नंबर तक डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड और हॉलैंड का नाम रहा है। खुशहाली के मार्चे पर सबसे बुरी स्थिति अफगानिस्तान की है, जो लिस्ट में जिम्बाबवे और रवांडा से भी नीचे रहा है। 

खुशहाल देशों वाली टॉप 10 लिस्ट में क्रम से नॉर्वे, स्वीडन, लग्जमबर्ग, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया रहे हैं।

• दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति अमेरिका 19 नंबर जबकि जापान 56, चीन 84 और भारत 139 नंबर पर है। 

दिलचस्प बात यह है कि खुशहाल देशों वाली लिस्ट में नेपाल 87, मालदीव 89, बांग्लादेश 101, पाकिस्तान 105 जबकि श्रीलंका 129 नंबर पर है।

कोविड-19 को देखते हुए वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट में दो लिस्ट बनाई गई थी।

• दुनिया भर के देशों पर कोविड-19 के असर को देखते हुए वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 2021 में दो लिस्ट तैयार की गई थी। एक लिस्ट 2018 से तीन साल के लिए गैलप की तरफ से तैयार किए गए सर्वे के औसत पर आधारित है।

• दूसरी लिस्ट में सिर्फ 2020 पर फोकस किया गया है ताकि देशों की खुशहाली पर कोविड के असर का पता किया जा सके। 

टॉप 10 देशों में 9 देशों- फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, हॉलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया का नाम दोनों लिस्ट में है।

खुशहाली कायम रखने और कोविड-19 से निपटने में भरोसे का अहम रोल

• लिस्ट को देखने से पता चलता है कि खुशहाली कायम रखने और कोविड-19 से निपटने में भरोसे का अहम रोल रहा है। जिन देशों में आर्थिक असमानता कम है और जहां के लोगों का अपनी सरकार पर ज्यादा भरोसा रहा है, उन्हें कोविड को काबू करने में दूसरों से ज्यादा कामयाबी मिली है। 

खास बात यह है कि फिनलैंड लॉकडाउन किए बिना कोविड-19 पर काबू पाने में कामयाब रहा है।

लॉकडाउन से दुनियाभर में खुशहाली घटी, फिनलैंड में कोविड से काफी कम मौतें

• वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट के मुताबिक, जिन देशों में कोविड-19 पर रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगा, वहां खुशहाली घटी। फिनलैंड में कोविड के चलते हुए मौतें दुनिया भर में काफी कम रही हैं। 

कोरोनावायरस के चलते वहां अस्पताल में भर्ती होने वाले हर 10 लाख मरीजों में मरने वालों की संख्या 150 से कम रही है। इसकी तुलना में ग्लोबल लेवल पर हर 10 लाख संक्रमित मरीजों में मरने वालों की संख्या लगभग 980 रही है।


मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) के बारे में आप क्या जानते हैं?

-मानव विकास सूचकांक की अवधारणा का विकास भारत के अर्थशास्त्री अमृत्य सेन एवं पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा किया गया।

-पहला मानव विकास सूचकांक वर्ष 1990 में जारी किया गया।

- इसको प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम UNDP द्वारा जारी किया जाता है।

इसके 3 आयाम हैं

1. दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन
2. ज्ञान
3. जीवन निर्वाह स्तर

सूचकांक की गणना 4 प्रमुख संकेतकों- 

1. जीवन प्रत्याशा, 
2. स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष, 
3. शिक्षा के औसत वर्ष  
4. प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के अंतर्गत की जाती है।

इसके 3 आयाम सूचकांक 

1. जीवन प्रत्यक्षा सूचकांक
2. सयुंक्त शिक्षा सूचकांक
3. आय सूचकांक

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme- UNDP):
-UNDP संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास का एक नेटवर्क है।

-इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में अवस्थित है।

-UNDP गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने हेतु लगभग 70 देशों में कार्य करता है।

- इसके अलावा देश के विकास को बढ़ावा देने के लिये नीतियों, नेतृत्व कौशल, साझेदारी क्षमताओं तथा संस्थागत क्षमताओं को विकसित करने और लचीलापन बनाने में मदद करता है।

नेट ज़ीरो उत्पादक मंच (Net Zero Producers Forum) क्या है?

संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, कतर और नॉर्वे ने मिलकर ‘नेट ज़ीरो उत्पादक मंच’ (Net Zero Producers’ Forum) का निर्माण किया है।

‘नेट ज़ीरो उत्पादक मंच’, एक सहकारी मंच (कोआपरेटिव फोरम) है।

इस सहकारी मंच के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, कतर और नॉर्वे मिलकर सम्मिलित रूप से नेट ज़ीरो उत्सर्जन हेतु व्यावहारिक रणनीतियों पर कार्य करेंगे।

गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब, कतर और नॉर्वे सामूहिक रूप से 40% वैश्विक तेल और गैस उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। इससे वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन का जोखिम बढ़ा हुआ है।

इसीलिए ये देश ‘नेट ज़ीरो उत्पादक मंच’ के अंतर्गत सामूहिक रूप से निम्नलिखित गतिविधियों को बढ़ावा देंगे, ताकि जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को कम किया जा सके-

मीथेन का न्यूनीकरण (methane abatement),
सर्कुलर कार्बन इकोनॉमी दृष्टिकोण को बढ़ावा,
स्वच्छ-ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा,
कार्बन कैप्चर और भंडारण हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास,
हाइड्रोकार्बन राजस्व पर निर्भरता में कमी,
क्षेत्रीय परिस्थितियों के हिसाब से पर्यावरण फ्रेंडली प्रथाओं को अपनाने हेतु प्रोत्साहन,
वनों के क्षेत्र को बढ़ाना,
जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना।

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक - 2021 (Energy Transition Index - 2021) में भारत किस पायदान पर है?

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में ‘विश्व आर्थिक मंच’ ने 115 देशों को शामिल किया है। 2021 के सूचकांक में विभिन्न पहलुओं के आधार पर 115 देशों की ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन का मूल्यांकन व सर्वेक्षण किया गया है।

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में 115 देशों की सूची में भारत को 87वां स्थान प्राप्त हुआ है।

वहीं इस सूचकांक में स्वीडन पहले स्थान पर जबकि नार्वे और डेनमार्क क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। 

अगर देखा जाये तो ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में पश्चिमी और उत्तरी यूरोप के ही देश हैं।


चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स - 2021 (Chandler Good Government Index - 2021) में भारत को कौन सा स्थान प्राप्त है?

चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स-2021(Chandler Good Government Index-2021) में भारत को 104 देशों की सूची में 49 वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।

जबकि चांडलर गुड गवर्नमेंट इंडेक्स-2021 में फिनलैंड को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। 

वहीं स्विट्जरलैंड को दूसरा और सिंगापुर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

इसके अतिरिक्त, इस इंडेक्स में शीर्ष दस देशों में यूरोप के सात देश शामिल हैं।

अगर भारत के पड़ोसी देशों को देखा जाए तो इस सूचकांक में श्रीलंका 74 वें, पाकिस्तान 90 वें और नेपाल 92 वें स्थान पर है।


विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है तथा आप इसके बारे में क्या जानते हैं?

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मई को मनाया जाता है।

विश्व प्रेस दिवस 2021 के लिए थीम “एक सार्वजनिक सूचना के रूप में सूचना” है।

दिसंबर 1993 में यूनेस्को के आम सम्मेलन की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा  ने 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया था।

इसके बाद वैश्विक स्तर पर 3 मई को प्रत्येक वर्ष  विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

यह प्रेस की स्वतंत्रता और मानव के मौलिक अधिकारों के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु यह दिवस मनाया जाता है।

यूनेस्को द्वारा 1997 से प्रत्येक वर्ष  3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज भी दिया जाता है। 

यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता हेतु उल्लेखनीय कार्य किया हो। 

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के मह‍त्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। 

इसके अलावा प्रेस की स्वतन्त्रता और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना है। 

गैर-लाभकारी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने हाल ही में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सुचकांक, 2021 प्रकाशित किया था।

इसने 180 देशों को रैंक किया था । 

इस सूचकांक में भारत 142वें स्थान पर था।

प्रेस की स्वतंत्रता? 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

जो वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संबंध में कुछ अधिकारों के संरक्षण से संबंधित है। 

 यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित है, जिसमें कहा गया है – “सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा”।

अंतराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत की स्थिति है?

अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक में भारत 40वें स्थान पर।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक इस वर्ष भारत 40वें स्थान पर रहा । 

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर के अंतर्गत जारी किया गया है । 

संगठन द्वारा जारी आईपी इडैक्स द्वारा मापी गई 53 अर्थव्यवस्थाओं में से 32 के सकारात्मक रिजल्ट पाए गए हैं । 

यह जीआईपीसी द्वारा जारी नोवा आईपी इंडेक्स है । 

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का मुख्यालय -जिनेवा 

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना - वर्ष 1967 

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के अध्यक्ष - डैरन टैंग



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