चक्रवात ताऊ ते (तौकते) से इन बातों को नोट कर लो आगामी परीक्षाओं में जरूर पूछा जायेगा।

ताऊ ते (तौकते) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात

आगामी परीक्षाओं में उष्ण कटिबंधीय चक्रवात तौकते (ताऊ-ते) से प्रश्न बनने की प्रबल संभावना है।

ऐसा कई बार देखा गया है कि हर साल आने वाले चक्रवातों से परीक्षाओं प्रश्न बनते रहते हैं।

ऐसा इस लिये कि भूगोल विषय के सिलेबस में चक्रवात को एक टॉपिक के रूप में शामिल किया गया है और हर साल आने वाले चक्रवातों को करेंट की घटनाओं से जोड़कर प्रश्न पूछा जाता है।

तो आइए जानते है तौकते चक्रवात के बारे में

चक्रवात की स्थिति:-       अरब सागर में

चक्रवात का प्रकार:-        उष्ण कटिबंधीय चक्रवात

गति:-                           175 km/h लगभग

चक्रवात का नाम:-          तौकते (ताऊ ते)

चक्रवात का नाम दिया:-   म्यांमार देश ने

तौकते (ताऊ ते) का अर्थ:-    अत्यधिक आवाज करने                                            वाली छिपकली

अरब सागर से चले उष्ण चक्रवात 'तौकते' (ताऊ-ते) का नाम म्यांमार ने दिया है.  इसका अर्थ होता है ‘छिपकली’ यह नाम बर्मा क्षेत्र में पायी जाने वाली गेको छिपकली के नाम पर आधारित है।

यह भारत में इस तट पर वर्ष का पहला चक्रवात है। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र के 17 मई को ”अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान” में तब्दील होने और एक दिन बाद इसके गुजरात तट को पार करने की संभावना है। 
मौसम स्थिति गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गई है।

केंद्रित जल आयोग ने केरल तमिलनाडु में गंभीर बाढ़ की चेतावनी जारी की है , बीते दिन केरल में तूफ़ान पहुँचने से पूर्व तेज हवाओं और बारिश ने क्षति पहुँचायी है, NDRF तूफ़ान प्रभावित 5 राज्यों केरल, तमिलनाडु, गुजरात, और महाराष्ट्र में मुस्तेदी से तैनात है, चक्रवात का प्रभाव राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी रहेगा, शनिवार शाम प्रधानमंत्री ने राहत कार्यों एवं तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। 

जानें कैसे चक्रवातों के नाम क्यों रखे जाते हैं?

तूफान को नाम इसलिए दिया जाता है ताकि आम लोगों और वैज्ञानिकों में इसे लेकर असमंजस न बना रहे.

जाने चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?

दुनिया भर में तूफानों के नाम 5 कमेटियां फाइनल करती हैं. इन कमेटियों के नाम हैं:-

(1) इस्‍केप टाइफून कमेटी 
(2) इस्‍केप पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइक्‍लोन 
(3) आरए 1 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी 
(4) आरए- 4 
(5) आरए- 5 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी.

सबसे पहले विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने चक्रवातों के नाम रखने की शुरुआत की।

वहीं, भारत में तूफानों का नाम देने का चलन 2004 से शुरू हुआ. भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया।

इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं।

इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है।

इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए।

इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.

इन आठ देशों में अगर चक्रवात आता है तो भेजे गए नामों में बारी-बारी एक नाम चुना जाता है।

भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्‍तेमाल नहीं किया जाता।

साथ ही ज्‍यादा तबाही मचाने वाले चक्रवातों के नाम को निरस्‍त कर दिया जाता है।

इस बार म्यांमार की तरफ से भेजे गए तूफान का नाम चुना जाना था।

अमेरिका हर साल तूफानों के 21 नामों की सूची तैयार करता है। 

हालांकि अंग्रेजी के हर एल्‍फाबेट से एक नाम रखा जाता है. लेकिन Q,U,X,Y और Z एल्‍फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है।

अगर एक साल में 21 से ज्‍यादा तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट अल्‍फा, बीटा, गामा के नाम से रख दिया जाता है।

इन नामों में ऑड-ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाता है।

जैसे ऑड सालों में चक्रवात का नाम औरतों के नाम पर रखा जाता है, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों पर आधारित होते हैं।

कहने का मतलब है कि ऑड साल जैसे कि 2019, 2021 और 2023 में आने वाले तूफानों के नाम औरतों के नाम पर रखे जाएंगे।

वहीं ईवन साल जैसे कि 2018, 2020 और 2022 में आने वाले तूफानों के नाम पुरुषों के नाम पर आधारित होंगे।


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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)


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