जानिए अर्द्ध कुम्भ, पूर्ण कुम्भ और महाकुम्भ में क्या अंतर होता है।
कुंभ मेला के आयोजन की तीन श्रेणियाँ हैं- अर्धकुंभ जो कि प्रत्येक 6 वर्ष बाद, पूर्ण कुंभ प्रत्येक 12 वर्ष बाद और महाकुंभ 144 वर्ष बाद लगता है। कुंभ मेले का आयोजन चार स्थानों- प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में होता है। जिसमें महाकुंभ का आयोजन इन चार स्थानों में से केवल प्रयागराज में ही होता है इसके आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक कई अलग-अलग कारण है। मुख्य रूप से अगर हम देखें तो इन चारों स्थान में सबसे अधिक क्षेत्रफल प्रयागराज में है करोड़ों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी समागम को ठहरने के लिए यहां पर्याप्त जगह है। साथ ही मैदानी इलाका होने के कारण यहां अस्थाई टेंट, सड़क, प्लाटून पुल, बिजली के खम्भे लगाने और पीने के पानी के लिए अस्थाई पाइपलाइन बिछाना आसान होता है। कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों और नक्षत्रों की विशिष्ट स्थिति के आधार पर किया जाता है। कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति एक विशिष्ट स्थिति में होते हैं लेकिन जब बृहस्पति मकर राशि में और सूर्य व चंद्रमा अन्य शुभ स्थानों पर होते हैं, तब महाकुंभ का समय बनता है और यह संयो...