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अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पीजीटी भूगोल के विषय मे डाउट क्लियर करें।

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पीजीटी भूगोल के विषय मे डाउट क्लियर करें। हाल ही में 29 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज द्वारा टीजीटी, व पीजीटी के लिये विज्ञप्ति जारी की गई। आपको पता होगा यह भर्ती 4 साल बाद दुबारा आई है। इस बार के भर्ती परीक्षा में कोई बड़ा बदलाव नही किया गया है पिछले कि परीक्षा के भांति इस बार भी वही प्रक्रिया रहेगी कुछ बदलाव जरूर हुए हैं जिनमे इस बार गरीब सवर्ण वर्ग के लोगों के लिये 10% आरक्षण के प्रावधान को जोड़ा गया है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर फैलाये जा रहे भ्रामक प्रचार का शिकार हो रहे हैं।  अतः आप लोग किसी के बहकावे में न आएं किसी भी जानकारी के लिये बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.upsessb.org पर जाएं और वहाँ दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें। यू०पी०पीजीटी के बारे में कुछ जानकारी हम आपको यहाँ साझा कर रहें हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज द्वारा विज्ञापन संख्या 02/2020 के माध्यम से पीजीटी के रिक्त 2595 पदों पर विषयवार विज्ञप्ति जारी की गई है जिसमे योग्यता निम्न चित्र तालिका में दर्शाया गया है।

भारत के प्रमुख संस्थान।

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                                     भारत के प्रमुख संस्थान केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान      मैसूर केंद्रीय भवन निर्माण अनुसंधान        रुड़की केंद्रीय कांच तथा मृतिका अनुसंधान संस्थान                कोलकाता केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान     दुर्गापुर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण।      नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण       नई दिल्ली रास्ट्रीय भू भौतिकी अनुसंधान संस्थान    हैदराबाद दृष्टि विकलांग हेतु राष्ट्रीय संस्थान     देहरादून परिस्थितिकी विज्ञान केंद्र        बैंगलुरू केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान।      देहरादून भारतीय लौह अनुसंधान संस्थान    रांची केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान केंद्र       धनबाद भारतीय सर्वेक्षण विभाग      देहरादून भारतीय मौसम वेधशाला       पुणे भारतीय भू चुम्बकीय संस्थान            मुंबई भारतीय खगोल संस्थान      बैंगलुरू राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान     पणजी डीजल लोकोमोटिव वर्क्स        वाराणसी केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान    नई दिल्ली केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान    चेन्नई केंद्रीय औषधि अनुसंधा

कृषि के विशिष्ट प्रकार।

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               कृषि के विशिष्ट प्रकार   विटीकल्चर (Viticulture) अंगूरों का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन विटी कल्चर कहलाता है। पिसीकल्चर (Piseiculture ) व्यापारिक स्तर पर मछली उत्पादन पिसी कल्चर कहलाता है। सेरीकल्चर (Sericulture) रेशम के उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पाला जाना सेरी कल्चर कहलाता है। हार्टीकल्चर (Horticulture) फलों फूलों एवं सब्जियों की कृषि को हार्टीकल्चर कहा जाता है। एपीकल्चर (Apiculture) व्यापारिक स्तर पर शहद के उत्पादन हेतु मधुमक्खी पालन की क्रिया को एपी कल्चर कहा जाता है। सिल्वीकल्चर (Silviculture) यह वानिकी की एक शाखा है जिसमे वनों के संरक्षण एवं संवर्धन की क्रिया शामिल है। फ्लोरीकल्चर (Floriculture) व्यापारिक स्तर पर फूलों की कृषि को फ्लोरीकल्चर कहा जाता है। अर्बरीकल्चर (Arboriculture) वृक्षो तथा झाड़ियों की कृषि। मैरीकल्चर (Maryculture) समुद्री जीवों का उत्पादन। ऑलेरीकल्चर (Olericilture) जमीन पर फैलने वाली सब्जियों की कृषि। ओलिवीकल्चर (Oliviculture) जैतून की कृषि। एरोपोनिक (Aeroponic) पौधों को हवा में उगाना । वर्मीकल्चर (varmiculture) केंचुआ पालन। मोरीकल

विश्व की गर्म एवं ठंडी हवाएं।

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विश्व की गर्म एवं ठंडी हवाएं स्थानीय गर्म हवाएं फॉन/फाहन Fohn जोरदार झोंके वाली शुष्क एवं गर्म हवा है। यह हवा दक्षिणी आल्पस के सहारे ऊपर उठती है एवं वर्षा के पश्चात आल्पस पर्वत के उत्तरी ढाल पर नीचे उतरती है। चिनूक Chinook अमेरिका एवं कनाडा में यह पवन रॉकी पर्वत श्रेणी के पूर्वी ढाल पर नीचे उतरती है। चिनूक शब्द का अर्थ है :- हिमभक्षी अर्थात यह बर्फ को पिघलाने वाली हवा है। लू Loo उत्तरी भारत एवं पाकिस्तान के मैदानों में मई - जून में प्रवाहित होने वाली गर्म एवं शुष्क हवा है। हरमट्टन Harmattan यह पश्चिमी अफ्रीका के सहारा से उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम दिशा में चलने वाली गर्म एवं अति शुष्क हवा है। इसे डॉक्टर हवा भी कहते हैं। यह तेज रफ्तार वाली धूल से भरी वायु है। बर्ग Berg दक्षिण अफ्रीका में यह फॉन के समान एक गर्म एवं शुष्क हवा है। जो आंतरिक पठारी भाग से तटवर्ती क्षेत्र की ओर चलती है। सिमूम Simoom अरब एवं सहारा के मरुस्थल में चलने वाली यह एक उष्ण, शुष्क एवं दमघोंटू हवा है। ये हवाएं बालुओं से भरी होती है जिसके कारण दृश्यता काफी कम हो जाती है। काराबुरान Kara buran यह मध्य एशिया

ओजोन थेरेपी

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            ओजोन थेरेपी [1] इस थेरेपी का प्रारंभ 1920 में हुआ एवं 1930 के दशक में अमेरिका ने इसे कानूनी मान्यता प्रदान कर दिया। [2] इस थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण का प्रयोग किया जाता है। [3] कैंसर के रोगियों के लिए ओजोन थेरेपी एक दर्दरहित उपचार है। [4] ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधन तंत्र रेडिएशन और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संरक्षा प्रदान करता है। [5] ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है। ओजोन थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण को मनुष्य के शरीर के लाभ हेतु प्रयोग किया जाता है।  ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है, इसलिए यह ऑक्सीडेटिव मानसिक तनाव को कम कर सकता है।   ओजोन का यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक तंत्र विकिरण और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संतुलित करता है।  चाहे शरीर में शीघ्र थकान होने की शिकायत हो, सुस्ती अनुभव होती हो, छाती में दर्द की समस्या हो या उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राल वृद्धि, मधुमेह आदि की चिंता हो, या कैंसर से लेकर एचआईवी जैसे घातक रोगों में, ओजोन थेरेपी इन

हरित इमारतें/ग्रीन बिल्डिंग(Green buildings) और ग्रीन रेटिंग (Green Rating)

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     हरित इमारतें/ग्रीन बिल्डिंग                 (Green buildings) [1]  जिन इमारतों में पर्यावरण मित्र तरीकों को अपनाया जाता है उन्हें ग्रीन इमारतें कहते है। [2]  ग्रीन बिल्डिंग में ऊर्जा और बचत का पूरा पूरा ध्यान दिया  जाता है। [3]  भारत मे बनने वाली नई आवासीय इमारतों एवं कार्यालयों को ग्रीन इमारतें बनाने का प्रयास किया जा रहा है। [4]  बिजली बचत के लिये इमारतों में काँच की खिड़कियों एवं काँच के दीवारों का प्रयोग किया जाता है। [5]  ऊर्जा बचत के लिए सोलर पैनलों का प्रयोग किया जा रहा है।     ग्रीन रेटिंग (Green Rating) [1]  भवन अपने पूरे जीवन-चक्र की अवधि में पर्यावरण पर वृहद प्रभाव डालते हैं। यही कारण है कि "नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय" द्वारा देश मे पर्यावरण तथा ऊर्जा संरक्षण मित्र भवनों के निर्माण को बढ़ावा देने हेतु "गृह" GRIHA (Green Rating for Integrated Habitat Assisment ) का प्रस्ताव रखा गया है। [2]  ग्रीन रेटिंग के अंतर्गत भवनों के गुणात्मक तथा मात्रात्मक आधार पर उनके पर्यावरण के अनुकूल होने की ऊर्जा संरक्षण

इको क्लब व इको मार्क क्या है?

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                                 इको क्लब (Eco Club) [1] इको क्लब का प्रारंभ केंद्र सरकार ने किशोरों में पर्यावरण संरक्षण हेतु अनुकूल आदतें डालने के लिए किया है। [2]  क्लब के सदस्यों को पर्यावरण संरक्षण और परिरक्षण का ज्ञान , दृश्य श्रव्य उपकरणों, प्रश्नोत्तरी, व्याख्यानों आदि सुगम वैज्ञानिक परीक्षणों के सहयोग से सम्पन्न कराया जाता है। [3]  इको क्लब के अंतर्गत विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों को पर्यावरण के सम्बन्ध में पढ़ाया जाता है।                                    इको मार्क (Eco Mark) [1] इसका प्रारंभ जनवरी 1992 में किया गया। [2] यह एक प्रतीक चिन्ह है जो ऐसे उत्पादन पर दिया जाता है जो पर्यावरणीय हानि रहित हो। [3]  भारतीय मानक ब्यूरो के ISI मार्क की तरह इको मार्क पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। मुख्य रूप से इस प्रकार के प्रश्न संघ लोक सेवा आयोग व राज्य लोक सेवा आयोग के साक्षात्कार में पूछे जाते हैं। कुछ जगह इस प्रश्न को प्रारम्भिक परीक्षाओं में पूछा गया है। इस लिये यह प्रश्न बहुत ही उपयोगी है। वेबसाइट देखने के लिये आप सबका हृदय से आभार।

विश्व के घास के मैदान।

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  विश्व के घास के मैदान। उष्ण घास के मैदान। कर्क व मकर रेखा के मध्य घास के मैदान  [1] कैम्पोज         ब्राजील    (द०अमेरिका) [2] सेल्वाज         ब्राजील व पेरू     (द० अमेरिका) [3] लानोज         वेनेजुएला      (द० अमेरिका) [4] सवाना         अफ्रीका     (मध्य पूर्व) शीतोष्ण घास के मैदान।   कर्क रेखा से उत्तर व मकर रेखा से दक्षिण के ठंडे प्रदेशो के घास के मैदान। 1 प्रेयरीज      अमेरिका व कनाडा 2 पम्पाज       अर्जेंटीना (द०अमेरिका) 3 वेल्ड        द० अफ्रीका 4 पुस्ताज।      यूरोप 5 स्टेपीज       यूरोप व एशिया के सम्मिलित क्षेत्रों में 6 मंचूरिया       चीन (एशिया) 7 डाउन्स       ऑस्ट्रेलिया 8 केंटवरी       न्यूज़ीलैंड। घास के मैदान से प्रश्न प्रायः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तथा कर्मचारी चयन आयोग व माध्यमिक शिक्षा परिषद ,शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ साथ रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित पिछले परीक्षाओं में पूछे गए हैं। उच्च स्तरीय परीक्षाओं में इससे प्रश्न अधिकांशतः मिलान के रूप में दिए/पूछे जाते हैं। जिसमे एक कॉलम में घास के मैदान तथा दूसरे कॉलम में दे

विश्व की प्रमुख जनजातियां।

 विश्व की प्रमुख जनजातियां। जनजातियां                क्षेत्र [1]   एस्किमो                 कनाडा व ग्रीनलैंड के टुंड्रा प्रदेश [2]   लैप                        यूरोप के टुंड्रा प्रदेश [3]   समोएड्स               एशियाई टुंड्रा [4]   तातार                     साइबेरिया [5]   माओरी                   न्यूज़ीलैंड [6]  एबोर्जीन्स              प० व मध्य ऑस्ट्रेलिया [7]    बांटू                       द०व मध्य अफ्रीका [8]   बर्बर                     उत्तरी अफ्रीका [9]   बिन्दीबू                 पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया [10]   फिन्स                 यूरोपीय टुंड्रा  [11]   हैमाइट्स             उ०प०अफ्रीका [12]   ख़िरगीज             मध्य एशिया व स्टेपी क्षेत्र [13]   किकूयू                केनिया [14]  मसाई                  पूर्वी अफ्रीका [15]   पिग्मी                   कांगो बेसिन [16]   पापुआन्स             न्यू गिनी [17]   रेड इंडियन           उत्तरी अमेरिका [18]   वेददा                   श्रीलंका [19]   सेमांग                 मलेशिया [20]   पूनॉन                  बोर्नियो [21]   बु

विश्व के प्रमुख पठार।

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विश्व के प्रमुख पठार (1) बोलिविया पठार:- यह बोलिविया देश मे स्थित अन्तरापर्वतीय पठार है। इस पठार में टिन खनिज पाया जाता है। यहाँ केटावी प्रमुख टिन की खान है। (2) पेटागोनिया पठार:- यह गिरिपदीय पठार है जिसे पर्वतपदीय पठार भी कहते हैं।यह अर्जेंटीना के दक्षिण में स्थित है। (3) मोंटेग्रासो पठार:- यह पठार पराग्वे और उरुग्वे नदी का जलविभाजक है।यह ब्राजीलियन उच्च भूमि का पश्चिमी विस्तार है। (4) ब्राजील का पठार:- यह ब्राजील देश मे है ब्राजीलियन उच्चभूमि के नाम से जाना जाता है। (5) इथियोपिया का पठार:- यह पठार इथियोपिया, केन्या, तंजानिया की सीमा पर स्थित है। इसको अन्य नामों जैसे अभिसिनिया का पठार,पूर्वी उच्च भूमि,पूर्वी अफ्रीकी उच्च भूमि के नाम से भी जाना जाता है। (6) कटंगा पठार:- यह पठार कांगो तथा जेम्बेजी नदी का जलविभाजक है।यह कांगो बेसिन के दक्षिण में है। यहाँ तांबे का सर्वाधिक उत्पादन होता है। (7) किम्बरले पठार:- यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी प्रान्त में है।इसका निर्माण ज्वालामुखी उदवेदन से हुआ है। (8) बर्कले/क्वींसलैंड पठार:- यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी प्रान्त में है क्वींसलैंड राज्य तक