भारत में उष्ण/गर्म झरने (Hot Springs)
धरातल पर प्राकृतिक रूप में गर्म जल के निकास को उष्ण/गर्म झरना (Hot Springs) कहते हैं।
सामान्यतया इसका सम्बन्ध ज्वालामुखी क्रिया (अतीत एवं वर्तमान) के क्षेत्रों से होता है।
परन्तु कभी-कभी यह गैर ज्वालामुखी क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
इन झरनों से निकलने वाले जल में गंधक (sulphur), सुहागा (borax) आदि खनिज मिले होते हैं।
भारत में उष्ण झरने मुख्यत: ग्रेनाइट, नाइस/नीस आदि आग्नेय एवं कायान्तरित शैलों में पाए जाते हैं।
इनमें निम्न क्षेत्रों का उल्लेख किया जा सकता है।
(1). जम्मू एवं कश्मीर-
यहाँ उष्ण झरने कश्मीर घाटी, वर्द्धवान घाटी, पुगा घाटी एवं लद्दाख के क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
लद्दाख के पनामिक के पास के झरने के जल का तापमान 75°C से भी अधिक पाया जाता है।
पुगा घाटी के ऐसे झरनों से गन्धक एवं सुहागा प्राप्त किया जाता है।
(2). हिमाचल प्रदेश–
यहाँ कुल्लू, कांगड़ा एवं सतलुज घाटी में कई उष्ण झरने पाए जाते हैं।
कुल्लू में मणिकर्ण झरना औषधीय महत्व का है जिससे गठिया रोग के इलाज में मदद मिलती है।
कांगड़ा जनपद में ज्वालामुखी के समीप कई उष्ण झरने हैं जिनके जल में आयोडीन की प्रचुरता के कारण गलगण्ड (घेघा) रोग के उपचार में सुविधा होती है।
(3). बिहार-झारखण्ड-
बिहार से राजगिरि तथा झारखण्ड में हजारी बाग और सन्थाल परगना में बड़ी संख्या में उष्ण झरने पाए जाते हैं।
यहाँ हजारीबाग के सूरजकुण्ड, बेलकापी, सिद्धपुर, लुगरथा, पिण्डारकुण्ड, द्वारी; संथाल परगना के नूनबिल, तातापानी, सिद्धपुर एवं ततलोई; मुंगेर के पंचवट, ऋगीरिषि, जन्म कुण्ड, भीमबन्द,झुरका, ऋषि कुण्ड, रामेश्वर कुण्ड, सीताकुण्ड एवं लक्ष्मी कुण्ड, तथा नालंदा के राजगिर एवं तपोवन झरने विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
जिनका तापमान 50°C से 70°C तक पाया जाता है।
इनमें से कुछ झरनों में गंधक एवं सुहागा प्राप्त होता है।
(4). मध्य प्रदेश-
यहाँ होशंगाबाद में अनहोनी एवं बेमनी; ग्वालियर में सिपरी; छिन्दवाड़ा में अनहोनी धोना; एवं पूर्णाघाटी में सलबन्दी प्रमुख उष्ण झरने हैं।
जिनमें गन्धक खनिज पाया जाता है।
(5). गुजरात-
गुजरात राज्य के पंचमहल जनपद में तवा एवं लसुन्दरा एवं बडोदरा में ऊनी प्रमुख उष्ण झरने हैं। तवा झरना पवित्र माना जाता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग स्नान करने आते हैं।
(6). महाराष्ट्र -
यहाँ थाणे जनपद में वज्रावल एवं पिरगांव के बीच उष्ण झरने की एक 80 किलोमीटर लम्बी पेटी पाई जाती है।
जिसमें अवलोली, गणेशपुरी, निम्बोली आदि प्रमुख झरने स्थित हैं।
इनके जल का औसत तापमान 50°C पाया जाता है।
(7). उत्तराखण्ड -
उत्तराखण्ड में देहरादून के पास का सहस्र धारा क्षेत्र उष्ण झरनों के लिए प्रसिद्ध है, जिनके जल में गंधक के अंश पाये जाते हैं।
इस क्षेत्र में चूना पत्थर के अनियंत्रित खदान से अनेक झरने सूखते जा रहे हैं।
गंगोत्री एवं यमुनोत्री क्षेत्रों में पवित्र उष्ण झरने पाये जाते हैं।
(8). राजस्थान -
राजस्थान में ताल ब्रीच (अलवर से 22 किमी० द० प०) एवं नारायणी (जयपुर के समीप) प्रमुख उष्ण जल के सोते हैं।
(9). हरियाणा-
यहाँ सोहना (दिल्ली से 3 किमी० दक्षिण) प्रसिद्ध झरना है।
जिसके जल में गंधक घुला पाया जाता है।
(10). सिक्किम –
सिक्किम में गर्म जल के कई झरने पाये जाते हैं। जिनमें फुट साचू (रंगित नदी के पूर्व), रालोंग साचू (रंगित नदी के पश्चिम) एवं युमतांग (लाचुंग नदी के पूर्वी तट के सहारे) विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
इसके अलावा उष्ण झरने असम, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं केरल आदि में भी पाये जाते हैं।
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पं० अमित कुमार शुक्ल "गर्ग"
Amit Kumar Shukla
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