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जानिए BharOS क्या है, इसके क्या लाभ है

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Bharos क्या है? ‘आत्मनिर्भर भारत' की मिसाल Bharos जिसे 'भरोस' भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को 'आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म JandK ऑपरेशंस ने बनाया है। अभी तक एप्पल के अलावा बाकी लगभग सभी स्मार्टफोन मे एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है।  Bharos ऑपरेटिंग सिस्टम भारत में 100 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा।  यह स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। अभी तक हम केवल एंड्रॉयड या ios को ही मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में जानते थे। आज मेक इन इंडिया के तहत भारत ने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।  Bharos है अधिक सुरक्षित डेवलपर्स ने कहा है कि Bharos सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में Android और iOS दोनों से बेहतर है। Android तरह, BharOS भी "नेटिव ओवर द एयर" (NOTA) अपडेट प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि सॉफ्टवेयर अपडेट स्वचालित रूप से

क्या है ओ.टी.आर. (OTR) व्यवस्था। : UPPSC

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OTR(वन टाइम रजिस्ट्रेशन) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा में पारदर्शिता आदि को लेकर हमेशा कुछ न कुछ आवश्यक कदम उठाए जाते हैं हाल ही में आयोग ने आवेदन के लिए एकल अवसरीय पंजीकरण (ओ०टी०आर०) व्यवस्था शुरु की है तथा साथ ही आयोग के द्वारा नयी वेबसाइट की भी शुरुआत की गई है।  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए चयन हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक, सरल, सुगम बनाने की दृष्टि से एकल अवसरीय पंजीकरण (ओ०टी०आर०) की सुविधा शुरू की है।  इस सुविधा के प्रारम्भ होने से अभ्यर्थियों को बहुत सारे लाभ हैं। जैसे :- (1) अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा भविष्य में विज्ञापित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के लिये अपनी शैक्षिक अर्हता एवं मूलभूत सूचनाओं से सम्बन्धित अभिलेख का विवरण बार-बार भरे जाने की आवश्यकता नहीं होगी। (2) नये आवेदन पत्र भरने में समय की बचत के साथ ही अभ्यर्थियों के धन की भी बचत होगी और स्वयं समीक्षा कर उन्हें त्रुटि सुधार का अवसर रहेगा। (3) जल्दबाजी में गलत सूचना भरने के कारण या अंतिम समय में तकनीकी परेशानियों से

शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव : नए शिक्षा आयोग का गठन।

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नए शिक्षा आयोग का गठन 2023 उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों के समयबद्ध चयन/भर्ती के लिये एक नए आयोग (उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग)   का गठन करने जा रही है। जिसमे इस आयोग के द्वारा प्राथमिक (बेसिक) शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा ,और तकनीकी शिक्षा के संस्थानों में योग्य शिक्षकों की भर्ती की जायेगी। साथ ही साथ यह आयोग अब उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) प्राइमरी और जूनियर की भी परीक्षा का आयोजन करेगा। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिये अलग अलग बोर्ड, प्राधिकारी और आयोग संचालित है  जैसे बेसिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा तथा माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती (TGT, PGT, Principal) माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड प्रयागराज व राजकीय इंटर कॉलेजों में LT, प्रवक्ता की भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज द्वारा संपन्न कराई जाती है। उच्च शिक्षा में शिक्षक भर्ती (असिस्टेंट प्रोफेसर) के लिये उच्चत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज तथा राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज द्वारा

Speed Test Geography (22)

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Geography speed test (22) हमने एक  Free Program  तैयार किया है जिसमे आपको इस वेबसाइट पर हमेशा  5 MCQs  उत्तर व व्याख्या सहित मिलेंगे। अगर आप चाहते है कि आपको  भर्तियों के विज्ञापन  तथा भूगोल के  New Updates  मिलते रहें तो आप नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करके सीधे जुड़ सकते है।   फ़ेसबुक के लिये लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://www.facebook.com/groups/285249377017310/?ref=share_group_link वाट्सएप के लिए लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://chat.whatsapp.com/LBEa6YIu5zM5rvWB0J5hsj टेलीग्राम के लिये लिंक 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 https://t.me/bhugolvetta   आइए देखते है आज के प्रश्न (1). अंतर्राष्ट्रीय तारीख-रेखा कौन-सी है? (a) भूमध्य रेखा (b) 90° पूर्वी देशांतर (c) 0° देशांतर (d) 180° देशांतर उत्तर:- (d) व्याख्या:-  अंतर्राष्ट्रीय तारीख (तिथि) रेखा 180° देशान्तर को माना जाता है, जो कि प्रशांत महासागर के पास स्थित है।  इस रेखा को किसी देश से गुजरते नहीं खींचा गया है क्योंकि इसी रेखा पर समय को 24 घंटे में समायोजित किया जाता है।  अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक द

भूगोल किसे कहते हैं? (भूगोल का अर्थ एवं परिभाषा)

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भूगोल का अर्थ:- भूगोल यूनानी (ग्रीक) भाषा के शब्द Geo+Graphien से मिलकर बना है। जिसमें Geo का अर्थ पृथ्वी तथा Graphien का अर्थ वर्णन होता है। भूगोल की परिभाषा: - भूगोल भूतल की क्षेत्रीय विभिन्नताओं का वह अध्ययन है जिसके अंतर्गत भूमि उपयोग, उद्योग,जनसंख्या आदि का अध्ययन किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो भूगोल मानव और पर्यावरण के बीच अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन है। वर्तमान समय मे जिस भूगोल का अध्ययन-अध्यापन किया जाता है वह मौलिक रुप से विगत दो सौ वर्षों में यूरोपीय देशों जर्मनी,फ्रांस,ब्रिटेन आदि में विकसित विज्ञान है जो यूरोपीय प्रभुत्व के प्रसार के साथ-साथ विश्व में फैलता गया। इसके पहले प्राचीन काल में भारत,चीन,मिस्र,यूनान,रोम,अरब आदि कई देशों में भौगोलिक ज्ञान का प्रारंभ में विकास हुआ किंतु एक विज्ञान के रूप में भूगोल का अध्ययन उन्नीसवीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ जब इसे एक स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता मिली। भूगोल को एक अलग अध्ययन के रूप में स्थापित करने का श्रेय प्रसिद्ध यूनानी विद्वान इरैटोस्थनीज को जाता है जिन्होंने भूगोल के लिये सर्वप्रथम ज्योग्राफिका शब्द का प्रयोग

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत।

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महाद्वीपीय विस्थाप न सिद्धांत प्रो. अल्फ्रेड वेगनर जर्मनी के एक प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूगर्भशास्त्री थे। प्राचीनकाल में जलवायु संबंधी परिवर्तनों को स्पष्ट करने के लिये उन्होंने विश्व के समस्त महाद्वीपों का गहन अध्ययन किया। इस अध्ययन में उन्होंने महाद्वीपों के बीच आश्चर्यजनक समानता देखी, अतः महासागरों की तली तथा महाद्वीपों की स्थिरता की प्रचलित संकल्पना को गलत साबित करने के लिये वेगनर ने महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत का प्रतिपादन किया। वेगनर का मानना था कि कार्बनिफेरस युग में समस्त स्थल भाग आपस में एक पिंड के रूप में जुड़े हुए थे जिसमें स्थल भाग को वेगनर द्वारा पैंजिया नाम दिया गया। तथा पैंजिया के चारों ओर एक विशाल जलीय भाग था, जिसका नामकरण वेगनर ने पैंथालासा के रूप में किया।  पैंजिया का उत्तरी भाग लारेशिया/अंगारालैंड तथा दक्षिणी भाग गोण्डवानालैंड के नाम से जाना गया।  आगे चलकर पैंजिया का विभाजन हो गया तथा स्थल भाग एक-दूसरे से अलग हो गए, विभाजन दो दिशाओं में प्रवाह के रूप में हुआ। उत्तर की ओर या भूमध्यरेखा की ओर प्रवाह गुरुत्व बल तथा प्लवनशीलता  बल के द्वारा हुआ