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भारत में उष्ण/गर्म झरने (Hot Springs)

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धरातल पर प्राकृतिक रूप में गर्म जल के निकास को उष्ण/गर्म झरना (Hot Springs) कहते हैं। सामान्यतया इसका सम्बन्ध ज्वालामुखी क्रिया (अतीत एवं वर्तमान) के क्षेत्रों से होता है। परन्तु कभी-कभी यह गैर ज्वालामुखी क्षेत्रों में भी पाया जाता है। इन झरनों से निकलने वाले जल में गंधक (sulphur), सुहागा (borax) आदि खनिज मिले होते हैं। भारत में उष्ण झरने मुख्यत: ग्रेनाइट, नाइस/नीस आदि आग्नेय एवं कायान्तरित शैलों में पाए जाते हैं। इनमें निम्न क्षेत्रों का उल्लेख किया जा सकता है। (1). जम्मू एवं कश्मीर- यहाँ उष्ण झरने कश्मीर घाटी, वर्द्धवान घाटी, पुगा घाटी एवं लद्दाख के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। लद्दाख के पनामिक के पास के झरने के जल का तापमान 75°C से भी अधिक पाया जाता है। पुगा घाटी के ऐसे झरनों से गन्धक एवं सुहागा प्राप्त किया जाता है। (2). हिमाचल प्रदेश– यहाँ कुल्लू, कांगड़ा एवं सतलुज घाटी में कई उष्ण झरने पाए जाते हैं। कुल्लू में मणिकर्ण झरना औषधीय महत्व का है जिससे गठिया रोग के इलाज में मदद मिलती है। कांगड़ा जनपद में ज्वालामुखी के समीप कई उष्ण झरने हैं जिनके जल में आयोडीन की प्रचुरता के

कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) के 417 पदों पर चयन हेतु विज्ञापन जारी

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प्रमुख बिंदु:- विज्ञापन संख्या - 04-परीक्षा/2024 कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) मुख्य परीक्षा (प्रा०अ०प०-2023)/04 विज्ञापन के प्रकाशन की तिथि- 21-02-2024 ऑनलाइन आवेदन/शुल्क जमा करना प्रारम्भ होने की तिथि -15-04-2024 ऑनलाइन आवेदन/शुल्क जमा )/आवेदन सबमिट करने की अंतिम तिथि- 15-05-2024 शुल्क समायोजन एवं आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि - 22-05-2024 उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए विज्ञापन संख्या-04-परीक्षा/2024, कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) मुख्य परीक्षा (प्रा0अ0प0-2023)/04 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उ0प्र0,लखनऊ के नियंत्रणाधीन कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) के 417 पदों पर चयन हेतु ऑनलाइन आवेदन माँगा है। आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह बताया गया है कि कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) मुख्य परीक्षा (प्रा0अ0प0-2023)/04 हेतु अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग उनके प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा- 2023 (Preliminary Eligibility Test - PET-2023) के स्कोर के आधार पर की जाएगी। अतः इस परीक्षा में प्रतिभाग हेतु केवल वही अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं जो प्रारम्भि

अब 12वीं तक शिक्षक बनने के लिए TET पास करना होगा जरुरी।

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अब 12वीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास होना जरूरी होगा । अभी तक राज्यों और केंद्र सरकार के स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक का शिक्षक बनने के लिए टीईटी जरूरी होता था। अब शिक्षा विभाग यह योजना बना रहा है जिसमे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत टीईटी को नौंवी से 12वीं कक्षा तक लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि सीटेट (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तर्ज पर टीईटी को भी उम्र भर के लिए मान्य करने की योजना है। इसका अर्थ है कि यदि कोई उम्मीदवार एक बार टीईटी पास कर लेता है तो वह उम्र भर मान्य रहेगा। एनसीटीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के स्कूलों के लिए सीटेट और राज्यों के स्कूलों के लिए राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) आवश्यक अर्हता होती है। सामान्य रूप से इसे ही टीईटी बोला जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली शिक्षा संरचना को चार चरणों यानी फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) में विभाजित किया गया है। इसी के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से शिक्षक पात्रता परीक्षा का विस्तार किया जा

रेलवे विभाग में बम्पर भर्तियों की शुरुआत

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हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बताया है कि रेल मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे विभाग ने एनुवल वैकेंसी प्रोग्राम (AVP) तैयार किया है। जिसमे प्रत्येक वर्ष रेलवे में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जायेगा। इस प्रोग्राम कि शुरुआत इसी वर्ष से की गई है। विस्तृत विवरण इस प्रकार हैं- एनुवल वैकेंसी प्रोग्राम 2024 के तहत जारी होने वाले विज्ञापन एवं माह- (1) ALP (असिस्टेंट लोको पायलट)- जनवरी 2024 (2) TECH (टेक्निकल)- अप्रैल 2024 (3) NTPC (नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी)- जून 2024 (4) LEVEL-1(ग्रुप -D)- अक्टूबर 2024 हाल ही में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) ने असिस्टेंट लोको पायलट के लिए 5696 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है जिसके लिए आवेदन 20 जनवरी से लिए जा रहें है तथा इसकी अंतिम तिथि 19 फ़रवरी तक है। बताया जा रहा है कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड अन्य रिक्त पदों कि जानकारी जुटाने में लगा है। AVP के तहत अप्रैल में टेक्निकल तथा जून में NTPC (स्टेशन मास्टर, असिस्टेंट स्टेशन मास्टर, टिकट निरीक्षक,गार्ड आदि) व अक्टूबर में ग्रुप -D के लिए विज्ञापन जारी किये जायेंगे। प्राप्त जा

Speed Test Geography (32)

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टेस्ट सीरीज के क्रम में यह 32 वाँ टेस्ट है  पिछले सभी टेस्ट सीरीज़ के प्रश्नोत्तर एवं उनकी व्याख्या सहित उत्तर के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक  करें: - 👇👇👇👇👇👇👇 टेस्ट सीरीज़ (भूगोल) आइये आज के प्रश्नों को देखते हैं- Q1:- वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में भारत को कौन सा स्थान प्राप्त हुआ है? (a) 107 वाँ  (b) 102 वाँ  (c) 111 वाँ  (d) 105 वाँ उत्तर :- (c) व्याख्या :- वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI - 2023) में भारत को 111वां स्थान प्राप्त हुआ है। भारत का GHI स्कोर 28.7 है। जबकि गत वर्ष भारत को 107वां स्थान (121 देशों में) प्राप्त हुआ था। GHI - 2023 में भारत का अपने पड़ोसी देशों - चीन (1-20),श्रीलंका (60वां स्थान), नेपाल (69वां स्थान), बांग्लादेश (81वां स्थान) तथा पाकिस्तान (102वां स्थान) की तुलना में निचली रैंक प्राप्त हुई है। Q2:- कावेरी नदी का उद्गम स्थल है? (a) सह्याद्रि पहाड़ी  (b) ब्रह्मगिरि पहाड़ी  (c) गवालीगढ़ पहाड़ी  (d) अमरकंटक पहाड़ी  उत्तर :- (b) व्याख्या :- कावेरी नदी (Kaveri River) कर्नाटक के कोडागु (कुर्ग) जिले में ब्रह्मगिरि पहाड़ी से निकल कर लगभग 800 किमी. लंबाई त

संस्कृति मंत्रालय करेगा 'अनंत सूत्र - द एंडलेस थ्रेड' का प्रदर्शन

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'अनंत सूत्र - द एंडलेस थ्रेड' से देश के हर कोने से लगभग 1,900 साड़ियों और पर्दों का प्रदर्शन होगा, जो परेड में एक मुख्य आकर्षण रहेगा। इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड का एक मुख्य आकर्षण 'अनंत सूत्र' होगा, जिसके तहत भारत के विभिन्न प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों की साड़ियों का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा। इसका प्रदर्शन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जायेगा  जिसमे दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आगंतुकों के स्टैंड के पीछे 1900 से अधिक साड़ियाँ और महिलाओं की पोशाकें प्रदर्शित की जाएंगी। 'अनंत सूत्र' के रूप में प्रस्तुत भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की साड़ियों और कपड़ों का प्रदर्शन 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का अनूठा अनुपम उदाहरण है।   'अनंत सूत्र' भारत के सांस्कृतिक वैभव और विरासत का प्रतीक है, जिसमें अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उन लाखों बुनकरों की कला का प्रदर्शन किया जाएगा, जिन्होंने पीढ़ियों से इस विरासत को संजो कर रखा है। इस प्रदर्शन में क्यूआर कोड भी दर्शाए जायेंगे, जिन्हें स्कैन करके लोग उत्पादों में इस्तेमाल क

उत्तर प्रदेश का प्रतीक चिह्न (राजकीय चिह्न)

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उत्तर प्रदेश राज्य का प्रतीक चिन्ह बनाने की शुरुआत 1916 में हुई थी जब रॉयल सोसाइटी इन दी यूनाइटेड किंगडम ने इसको औपचारिक स्वीकृति दी थी। यह प्रतीक मूल रूप से आगरा और अवध के तत्कालीन संयुक्त प्रांतों (स्वतंत्रता के बाद जिसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया) के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस डिजाइन में एक सितारा भी था जिसको बाद में हटा दिया गया था। चिन्ह को औपचारिक रूप से अपनाने के लिये श्री गोविन्द बल्लभ पंत ने लंबा संघर्ष किया था। 1930 के शुरुआती वर्षो में राज्य के अँग्रेज़ गवर्नर सर हैरी ग्रैहम हेग थे और वो इस चिन्ह को अपनाने के विरोध में थे। लेकिन गोविन्द बल्लभ पंत अपनी बात पर अड़ गये थे और आखिरकार 9 अगस्त 1938 , में सरकार ने उनकी मांग को मान लिया था। स्वतंत्रता के बाद भी इस चिन्ह को बदला नही गया। प्रतीक में दो मछलियां अवध प्रांत की प्रतीक है (जो माहिब मारतीब के नाम से जानी जाती थी)। प्रतीक चिह्न में प्रयागराज संगम की तीन लहरें गंगा,यमुना और सरस्वती , नदियों की प्रतीक है और तीर धनुष की जोड़ी भगवान श्री राम का प्रतिनिधित्व करती है। मणि सर क्लासेज प्रयागराज में LT ग्रेड