जानिए प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से क्यों बाहर कर दिया गया?

प्लूटो ग्रह का निष्कासन।

फरवरी 1930 में क्लाइड डब्ल्यू टॉमबॉग द्वारा अमेरिकी वेधशाला में खोजे गए ग्रह प्लूटो को दुनिया के शीर्ष खगोलविदों ने ग्रहों के पवित्र बिरादरी से ही बाहर कर दिया।

अंतरिक्ष नामकरण के लिये एकमात्र अधिकृत संस्था अंतरराष्ट्रीय खगोलशास्त्रीय संघ ने 24 अगस्त 2006 को यह घोषणा की कि सौरमंडल में केवल 8 ही ग्रह रहेंगे और प्लूटो के नौवें ग्रह होने का दर्जा समाप्त कर दिया गया है।

निष्कासन के कारण।

ग्रह की स्पष्ट वैज्ञानिक परिभाषा के अभाव में अन्य आठ ग्रहों से उल्लेखनीय भिन्नता के बावजूद प्लूटो सन 1930 से ही नव ग्रहों में शुमार किया जाता रहा।

लगभग सात दशकों तक इसकी पहचान पर किसी ने उंगली नही उठाई ।
वैज्ञानिक अनुसंधानो के परिणाम स्वरूप जब सौर मंडल में कई नए पिंड खोजे गए तो उनकी पहचान के साथ प्लूटो के ग्रहीय परिकल्पना पर भी सवाल उठने लगे ।

 अंतरिक्ष नामकरण के लिये एकमात्र अधिकृत संस्था अंतरराष्ट्रीय खगोलशास्त्रीय संघ ने एक समिति को ग्रहों को परिभाषित करने का जिम्मा सौंपा था इस समिति ने ग्रहों की जो नवीन परिभाषा दी वह इस प्रकार हैं :-

(1) अब वही अंतरिक्षीय पिंड ग्रह कहलायेगें जो सूर्य की परिक्रमा करते हों।
(2) उनकी कक्षा अपने पड़ोसी के मार्ग को न काटे।
(3) अपने गुरुत्वाकर्षण के लिये उनका न्यूनतम द्रव्यमान इतना हो कि वह लगभग गोलाकार हो।

अतः प्लूटो उपर्युक्त मापदंडों पर खरा नही उतरता है इसलिये इसे ग्रहों की श्रेणी से बेदखल कर दिया गया है।


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