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बड़ा बदलाव : UPPCS Mains से हटाए गए ऑप्शनल के विषय अब शामिल होंगे ये विषय।

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पीसीएस मेंस से ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की अनिवार्यता समाप्त। स रकार ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।  वै कल्पिक विषय की जगह अब उत्तर प्रदेश पर आधारित सामान्य अध्ययन के दो पेपर जुड़ेंगे। सा मान्य अध्ययन के 6 पेपर, अनिवार्य हिंदी और निबंध मिलाकर कुल 8 पेपर के आधार पर साक्षात्कार हेतु मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। यह नियम प्रस्तावित परीक्षा योजना 2023 से लागू हो जाएगा। मा ना जा रहा है कि इससे स्केलिंग संबंधित विवाद समाप्त हो जाएगा।  गौरतलब है कि मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता थी। इससे विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को मानविकी विषय के अभ्यर्थियों से ज्यादा अंक मिल जाते थे। फिर स्केलिंग के नाम पर अंक घटाए बढ़ाए जाने से किसी को फायदा तो किसी को नुकसान उठाना पड़ता था।  संभावित UPPCS मेंस परीक्षा 2023 का प्रारूप:- अगर आप चाहते है कि आपको आयोग व चयनबोर्ड की भर्तियों के विज्ञापन तथा भूगोल के New Updates मिलते रहें तो आप नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करके सीधे जुड़

गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण को खतरा।

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भा रत की पवित्र नदी गंगा में A श्रेणी के 29 शहर, B श्रेणी के 23 शहर तथा 48 उपनगर अपना सीवर विसर्जित करते हैं। यदि केवल A श्रेणी के शहरों के सीवर को गंगा में गिराने से रोक दिया जाय तो 80% प्रदूषण को रोका जा सकता है।  आ ज गंगा में 100 करोड़ लीटर अपशिष्ट जल प्रवाहित किया जाता है।  केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अनुसार गंगा नदी कानपुर में अत्यधिक प्रदूषित है क्योंकि यहाँ इसमें BOD की मात्रा 12.44 से 18.60 PPM , तक पाई जाती है। भा रत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अनुसार गंगा 23% प्रदूषित हो चुकी है। वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के अनुसार गंगा के किनारे बसे प्रथम श्रेणी के 27 महानगरों की गन्दगी को गंगा में विसर्जित करने से भीषण जल प्रदूषण संकट उत्पन्न हुआ है।  का नपुर में गंगा मल-जल प्रवाह का माध्यम बन गई है। यहाँ सीवर व कूड़ा कचरा 13 नालों के द्वारा गंगा में पहुँचाया जाता है। फूलपुर (प्रयागराज) में इफ्को उर्वरक कारखाना प्रदूषित जल 5500 घन मीटर प्रति मिनट की दर से गंगा में विसर्जित करता है। गं गा नदी के जल के तापमान, क्षारीयता, कठोरता, क्लोर

निपुण भारत योजना क्या है?

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निपुण भारत : NIPUN Bharat Yojana भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए NIPUN Bharat Yojana की शुरुआत 5 जुलाई 2021 को की गई। NIPUN Bharat Mission का पूरा नाम (National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy) है। इस योजना को तत्कालीन केंन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक' ने लागू किया। इसमें राष्ट्रीय,राज्य,जिला,ब्लॉक और स्कूल (पाँच) स्तर पर कार्यान्वयन तंत्र को प्रभावी ढंग से स्थापित करने के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के साथ–साथ प्रशासनिक पहलुओं के प्रमुख तकनीकी पहलुओं को शामिल किया गया है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन एजेंसी होगी और इसका नेतृत्व मिशन निदेशक करेंगे। इस योजना को 17 भागों में विभाजित किया गया हैं। निपुण योजना का लक्ष्य:- मिशन का विजन 2026-27 तक प्राथमिक कक्षाओं में FLN के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं में एक सक्षम वातावरण बनाना है  ताकि प्रत्येक बच्चा कक्षा 3 के अंत में पढ़ने, लिखने और संख्या ज्ञान में व

प्रत्यक्षवाद क्या है?

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प्रत्यक्षवाद/वास्तविकवाद   यह एक दार्शनिक विचारधारा है जिसका प्रतिपादन 1830 के दशक में प्रसिद्ध फ्रांसिसी विद्वान ऑगस्ट काम्टे ने किया था। ऑगस्ट काम्टे को समाजशास्त्र का जनक माना जाता है इनकी पुस्तक 'पाजिटीव फिलास्पी एक दार्शनिक सोच पर आधारित पुस्तक है। प्रत्यक्षवाद के अन्य नाम :- वास्तविकवाद, वस्तुनिष्ठवाद, सकारात्मकवाद, आनुभाविकवाद प्रत्यक्षवादियों ने 1830 के दशक में एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसे वियना सर्किल के नाम से जाना गया। प्रत्यक्षवाद के यथार्थ की स्थिति में "तथ्य स्वयं साधन बनते है " प्रत्यक्षवाद के अनुसार- विवेक से,प्रमाणों से प्राप्त ज्ञान ही वास्तविक ज्ञान है। प्रत्यक्षवाद की विशेषताएं   यह एक दार्शनिक विचारधारा है जो तर्क व अनुभव पर आधारित है। इसमें तथ्यों को प्रेक्षण द्वारा परखा जाता है प्रत्यक्षवाद धर्म और परम्पराओं के विरुद्ध खड़ी एक सोच है। यह विचारधारा आदर्शवाद का विरोधी है। इस विचार धारा के अनुसार हमारी इन्द्रीयां जो कुछ भी अनुभव करती है वही सत्य है, वही ज्ञान है, वही प्रत्यक्षवाद है। यह विचारधारा वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है।

जानिए BharOS क्या है, इसके क्या लाभ है

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Bharos क्या है? ‘आत्मनिर्भर भारत' की मिसाल Bharos जिसे 'भरोस' भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को 'आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म JandK ऑपरेशंस ने बनाया है। अभी तक एप्पल के अलावा बाकी लगभग सभी स्मार्टफोन मे एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है।  Bharos ऑपरेटिंग सिस्टम भारत में 100 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा।  यह स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। अभी तक हम केवल एंड्रॉयड या ios को ही मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में जानते थे। आज मेक इन इंडिया के तहत भारत ने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।  Bharos है अधिक सुरक्षित डेवलपर्स ने कहा है कि Bharos सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में Android और iOS दोनों से बेहतर है। Android तरह, BharOS भी "नेटिव ओवर द एयर" (NOTA) अपडेट प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि सॉफ्टवेयर अपडेट स्वचालित रूप से

क्या है ओ.टी.आर. (OTR) व्यवस्था। : UPPSC

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OTR(वन टाइम रजिस्ट्रेशन) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा में पारदर्शिता आदि को लेकर हमेशा कुछ न कुछ आवश्यक कदम उठाए जाते हैं हाल ही में आयोग ने आवेदन के लिए एकल अवसरीय पंजीकरण (ओ०टी०आर०) व्यवस्था शुरु की है तथा साथ ही आयोग के द्वारा नयी वेबसाइट की भी शुरुआत की गई है।  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए चयन हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक, सरल, सुगम बनाने की दृष्टि से एकल अवसरीय पंजीकरण (ओ०टी०आर०) की सुविधा शुरू की है।  इस सुविधा के प्रारम्भ होने से अभ्यर्थियों को बहुत सारे लाभ हैं। जैसे :- (1) अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा भविष्य में विज्ञापित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के लिये अपनी शैक्षिक अर्हता एवं मूलभूत सूचनाओं से सम्बन्धित अभिलेख का विवरण बार-बार भरे जाने की आवश्यकता नहीं होगी। (2) नये आवेदन पत्र भरने में समय की बचत के साथ ही अभ्यर्थियों के धन की भी बचत होगी और स्वयं समीक्षा कर उन्हें त्रुटि सुधार का अवसर रहेगा। (3) जल्दबाजी में गलत सूचना भरने के कारण या अंतिम समय में तकनीकी परेशानियों से

शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव : नए शिक्षा आयोग का गठन।

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नए शिक्षा आयोग का गठन 2023 उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों के समयबद्ध चयन/भर्ती के लिये एक नए आयोग (उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग)   का गठन करने जा रही है। जिसमे इस आयोग के द्वारा प्राथमिक (बेसिक) शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा ,और तकनीकी शिक्षा के संस्थानों में योग्य शिक्षकों की भर्ती की जायेगी। साथ ही साथ यह आयोग अब उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) प्राइमरी और जूनियर की भी परीक्षा का आयोजन करेगा। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिये अलग अलग बोर्ड, प्राधिकारी और आयोग संचालित है  जैसे बेसिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा तथा माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती (TGT, PGT, Principal) माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड प्रयागराज व राजकीय इंटर कॉलेजों में LT, प्रवक्ता की भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज द्वारा संपन्न कराई जाती है। उच्च शिक्षा में शिक्षक भर्ती (असिस्टेंट प्रोफेसर) के लिये उच्चत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज तथा राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज द्वारा