क्या होता है मौसम मानचित्र?

प्राचीन काल से ही मौसम का अध्ययन मानव का विषय वस्तु रहा है।

अन्वेषण युग मे विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा।
तभी भूगोलवेत्ताओं ने मौसम का अध्ययन मानचित्रण और पूर्वानुमान करना प्रारंभ कर दिया था।

आज वर्तमान समय में तकनीकी विकास के कारण मौसम का अध्ययन करना और भी आसान हो गया है।

नई तकनीकों के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान लगाने में आशातीत प्रगति हुई है।
 
मौसम मानचित्र क्या है?
(What is weather maps?)

मौसम मानचित्र के विषय मे जानने से पहले हमें मौसम के बारे में जानना चाहिए।

साधारण शब्दों में वायुमंडल की अल्पकालिक अवस्था को मौसम कहा जाता है।

यह स्पष्ट है कि मौसम वायुमंडल की क्षणिक दशा को कहते हैं।

जी०टी० ट्रीवार्था के अनुसार- "किसी स्थान की अल्पावधिक वायुमंडलीय दशाओं के सम्पूर्ण योग को मौसम कहते हैं जो दैनिक अनुभव को प्रदर्शित करता है।"

पीटरसन के अनुसार- " वायुमंडल की क्षणिक तात्कालिक अथवा वायुमंडलीय दशाओं के अल्पकालिक योग को मौसम कहते हैं।"

मौसम मानचित्र(Weather maps)

पृथ्वीतल के किसी भाग या किसी देश की मौसम सम्बन्धी सूचनाओं को प्रदर्शित करने वाले मानचित्र को मौसम मानचित्र कहा जाता है।

पहले के समय मे आज की तरह मौसम मानचित्र नही हुआ करता था उस समय अन्वेषक या व्यापारी जहाँ कही जाते थे वहां की मौसमी दशाओं को रेखांकित कर लिया करते थे और बाद में दूसरे अन्वेषक या व्यापारी उसका उपयोग किया करते थे।

ऐसा माना जाता है कि विभिन्न क्षेत्रों की मौसमी दशाओं को रेखांकित करने का कार्य सबसे पहले उस समय के नाविकों ने किया था।

सन 1688 में प्रसिद्ध विद्वान एडमंड हैली ने 30°उत्तरी अक्षांश और 30° दक्षिणी अक्षांश के बीच के क्षेत्र में व्यापारिक पवनों तथा मानसून की दिशाओं को प्रदर्शित किया। इसे ही प्रथम मौसम मानचित्र माना जाता है।

लेकिन वर्तमान समय मे मौसम मानचित्र किसी भी देश के विभिन्न केंद्रों पर स्थापित यंत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर छापे जाते हैं।

वर्तमान समय मे कृतिम उपग्रह की सहायता से मौसम सम्बन्धी आंकड़े एकत्र करना तथा पूर्वानुमान लगाना और भी आसान हो गया है।

मौसम हमेशा बदलता रहता है कृतिम उपग्रह बदलते मौसम की गतिविधियों की जानकारी प्रदान करते है।

सिनोप्टिक चार्ट क्या है?
(What is Synoptic chart?)

विभिन्न केंद्रों से मौसम के तत्वों की अनेक प्रकार की सूचनाएं एकत्र की जाती है इनकी संख्या अधिक होने के कारण मूलरूप से इनको मानचित्र पर नही दिखाया जा सकता है। इसलिए विभिन्न तत्वों और उनकी विविध विशेषताओं के लिये कोड प्रयोग में लाये जाते हैं।
ये कोड ही मौसमी चिन्ह या प्रतीक होते हैं।

इन्ही चिन्हों या प्रतीकों को यथास्थान पर रखकर मानचित्र निर्मित किया जाता है जिसे सिनोप्टिक चार्ट कहते हैं।

वास्तव में आधुनिक मौसम मानचित्र ही सिनोप्टिक चार्ट है।

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मौसम मानचित्र से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

आइसोटैक (Isotach):- मौसम मानचित्र पर पवन की समान गति वाले स्थानों को मिलाकर खींची गई रेखा आइसोटैक रेखा कहलाती है।

मौसम मानचित्र(weather maps):- वायुदाब,तापमान तथा वर्षा आदि जलवायु दशाओं को मौसम मानचित्र में दर्शाया जाता है।

हीथरग्राफ (hythergraph):- इसमे पूरे 12 महीनों के तापमान और वर्षा के सम्बंध को प्रकट करते है।


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 पं० अमित कुमार शुक्ल "गर्ग"

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