प्रयागराज में सरस्वती कूप के विषय मे संक्षिप्त जानकारी।


प्रयागराज के संगम क्षेत्र में स्थित किले के अंदर सरस्वती कूप निर्मित है। 

मान्यता है कि सरस्वती की अदृश्य धारा यही से निकलकर गंगा और यमुना के संगम में मिल जाती है।

सरस्वती कूप से इलेक्ट्रिक मोटर की सहायता से जल निकाल कर संगमरमर के पत्थरों से प्रवाहित किया जाता है।

कांच के सीसे से ढंके कूप में ध्यान से देखने पर सरस्वती का जल साफ दिखाई देता है।

यह जल स्वच्छ और निर्मल है।


'सरस्वती कूप' के विषय मे अन्य जानकारी।


एक ऐसी ही नदी जिसके उत्पति व प्रवाह के विषय में अनेक धारणाएं हैं अब हम जानते हैं कि सरस्वती नदी को लगभग खोज ही लिया गया है। 

सन 2013 में केंद्र सरकार की ओर से विस्तृत शोध शुरू किया गया, जो अब तक जारी है। 

इसरो के अनुसार नदीतमा (सरस्वती) आज भी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के क्षेत्रों में भूमिगत होकर प्रवाहमान है।  

हालांकि आज का विषय थोड़ा हटकर है। ये समझ लीजिये कि भूमिगत 'सरस्वती नदी' के बारे में पड़ताल है। 

सरस्वती नदी का उदगम उत्तराखंड राज्य के माण्डा नामक गांव के पास से माना जाता है।


'ऐतिहासिक तथ्य जैसे दिखाई देते हैं, दरअसल वैसे होते नहीं। उनमे छुपे गूढ़ संकेतों को समझना आवश्यक है।'

सरस्वती कूप, ज्ञान कुंड, वेल ऑफ़ विज़्डम एक ही बात है। 

ये जानकारी आपको गूगल पर मुश्किल से मिलेगी कि ' वेल ऑफ़ विज़्डम' दुनिया की चुनिंदा जगहों पर पाए गए हैं। 

कुछ ख़ास क्षेत्रों में ही ऐसे 'सरस्वती कूप' पाए गए हैं। 
भारत में धार, प्रयागराज में अकबर के किले में कैद और वाराणसी में भी एक जगह इसके होने के संकेत मिले हैं।

प्रयागराज वाले सरस्वती कूप का 2013 में भारतीय सेना ने नवीनीकरण करवाया था। 

तत्कालीन सेंट्रल कमांड के जनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत के प्रयासों से अब कूप के पानी का शोध सेना द्वारा किया जा रहा है। 

काशी के बारे में अपुष्ट जानकारी है कि सरस्वती उद्यान नामक क्षेत्र में भी कहीं एक 'सरस्वती कूप' भूमिगत है। 

यहीं पर माँ सरस्वती की एक मूर्ति भी है। 


जहाँ भी ये भूमिगत जलधाराएं मिली हैं, उन्हें 'सरस्वती कूप' का नाम से जाना गया है। 

प्रयागराज में सरस्वती कूप का जल बहुत उम्दा स्तर का पाया गया है।
 
आप सोच रहे होंगे धार का 'सरस्वती कूप' कहाँ गया। 

वो यहीं है। भोजशाला परिसर के बाहर एक धर्मस्थल में कैद है 'सरस्वती कूप'। 

अब इसे 'अकल कुइयां' के नाम से जाना जाता  है। 

सरस्वती कूप का वैज्ञानिक शोध आवश्यक है, जैसा कि सेना प्रयागराज में करवा रही है।

 प्रयागराज का सरस्वती कूप 


नीचे दिए गए चित्र में दिखने वाला यंत्र उस जगह बना था, जहाँ पर भोजशाला का सरस्वती कूप है।

हालांकि अब इसे मिटा दिया गया है। 
ये फोटो कई साल पहले लिया गया था।


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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)






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