सौरमण्डल


सौरमण्डल
सूर्य और उसका परिक्रमा करने वाले ग्रहों, उपग्रहों, उल्कायें, क्षुद्रग्रहों, पुच्छल तारों तथा अन्य धूलि -मेंघ को संयुक्त रूप से सौरमंडल कहा जाता है।

वर्तमान में मान्य रूप में सौरमंडल में  8 ग्रह हैं।

सौरमंडल में सूर्य का प्रभुत्व है, सौरमंडल के समस्त ऊर्जा का स्त्रोत भी सूर्य ही है।

सूर्य :-
सूर्य सौरमंडल का प्रधान है। सूर्य ही पृथ्वी पर जीवन का स्रोत है।
सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है।

यह एक गैसीय गोला है जिसमे हाइड्रोजन  71 प्रतिशत, हीलियम 26.5 प्रतिशत, एवं अन्य तत्व 2.5 प्रतिशत होता है।

सूर्य के बाहरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सें० है। तथा केंद्र में तापमान 15,000,000 डिग्री सें० है।

सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किमी है , जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 110 गुना है।
सूर्य हमारी पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है।

1आन्तरिक ग्रह :-

बुध :-
सूर्य के सबसे नजदीक एवं सबसे छोटा ग्रह है।
सूर्य से इसकी दूरी 5.8 करोड़ किमी है इसका कोई उपग्रह नही है।
यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय मे पूरी करता है।

क्या आप जानते है?
सूर्य के नजदीक स्थित होने के कारण इसे देख पाना कठिन है, क्योंकि सूर्य का तेज प्रकाश इसमे बाधक है।
कभी - कभी सूर्यास्त के समय गेरुई लाली में थोड़ी देर के लिये छोटे ग्रह बुध को देखा जा सकता है।
इसी तरह कभी - कभी यह सुबह भी दिखाई देता है। यह क्षितिज के पीछे ठीक उसी स्थान पर निकलता है जहाँ शीघ्र ही सूर्योदय होगा।

शुक्र :- 
यह पृथ्वी का निकटम ग्रह है, यह सबसे चमकीला एवं सबसे गर्म ग्रह है। 
जिसे भोर का तारा ,शाम का तारा भी कहा जाता है।
इसे पृथ्वी का बहन भी कहते हैं। इसके पास भी कोई उपग्रह नही है।

शुक्र पर सक्रिय ज्वालामुखी भी पाए जाते है । जिसके कारण वायुमंडल में सल्फर डाई ऑक्साइड के घने बादल पाए जाते हैं।

पृथ्वी :- 
पृथ्वी हमारे लिये सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यही पर जीवों का अस्तित्व है।

हमारी पृथ्वी अन्य ग्रहों से अलग है क्योंकि इसके वायुमंडल में ऑक्सीजन की प्रचुरता है। पृथ्वी का एक उपग्रह चन्द्रमा है।
जल की उपस्थिति के कारण इसे नीले ग्रह के नाम से भी जानते हैं।

मंगल :- 
मंगल सौरमंडल में सूर्य से दूरी के क्रम में चौथे एवं आकार में सातवें स्थान पर आता है।
सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 687 दिन लगते हैं।

सौरमण्डल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंपिया जो माउंट एवरेस्ट से तीन गुना अधिक ऊंचा है इसी ग्रह पर स्थित है।
सौरमण्डल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी भी इसी ग्रह पर स्थित है।
मंगल ग्रह पर रेत और धूल की बहुलता है।

2 वाह्य ग्रह :-


बृहस्पति :- 
यह सौरमण्डल का सबसे बड़ा ग्रह है जो सूर्य से 77.83 करोड़ किमी की दूरी पर है।

यह अपने अक्ष पर सौरमण्डल का सबसे तेज गति से घूर्णन करने वाला ग्रह है, जो 9 घण्टे 55 मिनट में अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करता है।
बृहस्पति के वायुमंडल में हल्की गैसें जैसे हाइड्रोजन, हीलियम,, मीथेन तथा अमोनिया पाई जाती है।

शनि :-
यह सौरमण्डल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है इसका औसत व्यास 120000 किमी है।
इसके वायुमंडल में मीथेन एवं अमोनिया के बादल पाए जाते है।

इसकी प्रमुख विशिष्टता इसके चारों ओर पाए जाने वाले हजारों छल्ले हैं।

इसके अध्ययन के लिये 1998 में कैसिनी नामक उपग्रह अमेरिकी द्वारा छोड़ा गया था।

शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है।

अरुण :- 
यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है जिसकी खोज 1781 में की गई।
यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर होता है।
इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं।
इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है ।
इसका तापमान 18 डिग्री से० है।
यह सूर्य की एक परिक्रमा 84 वर्ष में पूरा करता है।

वरुण :- 
यह आकार में चौथा सबसे बड़ा ग्रह है जिसका व्यास 49424 किमी है।
इसकी खोज 1846 ई में हुई थी।
यह पृथ्वी से द्रव्यमान में 17 गुना अधिक है।

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अमित कुमार शुक्ल "गर्ग"
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
Prayagraj {Allahabad}

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