ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण को खतरा
ग्लोबल वार्मिंग ग्लोबल वार्मिंग अर्थात भूमंडलीय ऊष्मीकरण। अगर आसान शब्दो मे कहें तो इसका अर्थ है पृथ्वी का गर्म होना। ग्लोबल वार्मिंग को वैश्विक तापन, भूमंडलीय ऊष्मीकरण आदि नामों से जाना है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या वायुमंडल में मानव द्वारा छोड़ी जाने वाली हानिकारक गैसों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, cfc, आदि गैसों से उत्पन्न होती है। इन गैसों की मात्रा लगातार बढ़ने से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है ग्लेशियर पिघल रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग का प्रभावी होना चिंताजनक विषय है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है । ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव की वजह से वनस्पति, पेड़-पौधे ,जीव -जंतु के जीवन चक्र में भी काफी प्रभाव होता हुआ दिखाई दे रहा है। ग्लोबिंग वार्मिंग की वजह से जहां ग्लेशियरों का लगातार पिघलना जारी है वहीं लगातार समुद्र जल स्तर में वृद्धि भी होती हुई दिखाई दे रही है। यह भविष्य के लिए संपूर्ण मानव जाति के लिए अच्छे संकेत नहीं है। आमतौर पर ग्लोबिंग वार्मिंग का बढ़ना जहरीली गैसों का उत्सर्जन माना जा रहा है । ग्लोबल वार्मिंग होने की वजह