भारत मे ऊर्जा संसाधन से आये प्रश्न गलत नही होंगे।


भारत मे ऊर्जा संसाधन या शक्ति संसाधन

किसी देश मे शक्ति के संसाधनों का विकास वहाँ के औद्योगिक विकास की एक महत्वपूर्ण घटक है।

शक्ति या ऊर्जा के स्त्रोत

{A} परम्परागत स्त्रोत (अनव्यकरणीय)

ये वे ऊर्जा स्रोत है जिनकी उपलब्धता सीमित है।

जिनका दुबारा उपयोग नही किया जा सकता।

इन्हें परम्परागत ऊर्जा में शामिल करते हैं।

1 कोयला
2 पेट्रोलियम (खनिज तेल)
3 प्राकृतिक गैस
4 परमाणु खनिज (यूरेनियम व थोरियम)



{B} गैर परम्परागत स्त्रोत (नव्यकरणीय)

ये वे ऊर्जा स्रोत है जिनका सतत उपयोग व पुनः उपयोग किया जा सकता है।

1 सौर ऊर्जा
2 पवन ऊर्जा
3 जल विधुत ऊर्जा
4 भूतापीय ऊर्जा
5 बायोमास ऊर्जा
6 ज्वारीय ऊर्जा
7 ओटेक ऊर्जा
8 लहर ऊर्जा
10 नगरीय कचरा ऊर्जा



भारत मे ऊर्जा संसाधन के कुछ प्रमुख स्रोत निम्नलिखित है:-


                 कोयला

कोयला भारत मे शक्ति का सबसे प्रमुख साधन है।

यह शक्ति प्राप्त करने व ईंधन (औधोगिक) का प्रमुख साधन है।

ये वहीं विभिन्न उद्योगों के लिये कच्चे माल का स्त्रोत भी है।

इसे काला सोना उपनाम से जाना जाता है।

आधुनिक ढंग से कोयला निकालने का प्रथम प्रयास 1774 में प०बंगाल के रानीगंज में हुआ।

भारत के कुल संचित भंडार का 96% कोयला गोंडवाना चट्टानों में पाया जाता है।

जिसका निर्माण कार्बोनिफेरस और पर्मियन काल मे हुआ।

शेष बाकी कोयला टर्शियरी काल का है।




गोंडवाना कोयला क्षेत्र:-

दामोदर, सोन, महानदी, गोदावरी, पेंच, वर्धा आदि नदी घाटियों का कोयला क्षेत्र इस संरचना क्रम में पाया जाता है।

टर्शियरी कोयला क्षेत्र:-

मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर।



कोयले का प्रकार:-

1 एंथ्रासाइट

सर्वोत्तम किस्म का कोयला है जिसमे कार्बन की मात्रा 80 से 85% होती है।

जलते समय इससे धुंआ नही निकलता है।

इसका उपनाम कठोर कोयला, उच्च कोयला है।

2 बिटुमिनस

यह मध्यम श्रेणी का कोयला है।

इसमे कार्बन की मात्रा 47 से 72% होती है।

उपनाम- काला कोयला

भारत मे अधिकतर कोयला इसी श्रेणी का है।

यह गोंडवाना काल का कोयला है।

3 लिग्नाइट

यह निम्न श्रेणी का कोयला है।

रंग-- भूरा

इसमे कार्बन की मात्रा 30 से 50% होती है।

उपनाम-- भूरा कोयला

4 पीट कोयला

यह अभी कोयला बना नही है।

बनने की मध्यवर्ती अवस्था मे है।

इसमे लकड़ी के अंश ज्यादा है।

उपनाम-- निम्न कोयला

इसमे नमी की मात्रा अधिक होती है।

कार्बन की मात्रा 40% से कम होती है।

प्रमुख कोयला क्षेत्र:-

1 दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र

2 सोन घाटी कोयला क्षेत्र

3 महानदी घाटी कोयला क्षेत्र

4 गोदावरी घाटी कोयला क्षेत्र

5 वर्धा घाटी कोयला क्षेत्र

6 सतपुड़ा कोयला क्षेत्र

7 राजमहल कोयला क्षेत्र



खनिज तेल व प्राकृतिक गैस

खनिज तेल तथा प्राकृतिक गैस टर्शियरी युग के जीवाश्म प्रधान शैलो में मिलते हैं।

चट्टानों के वलन के कारण ये अपनति भाग में पाए जाते हैं।

भारत मे खनिज तेल की प्रथम जानकारी तब मिली जब असम में रेल लाइन बिछाई जा रही थी।



तेल क्षेत्रों का वितरण:-

(A) असम

1 डिंगबोई क्षेत्र
2 नाहरकटिया
3 मोरान हुंगरी जन क्षेत्र
4 रुद्रसागर लकवा क्षेत्र
5 सूरमा घाटी क्षेत्र

(B) गुजरात

1 अलंकेश्वर तेल क्षेत्र
2 खम्भात तथा ल्युनेक क्षेत्र
3 कलोल क्षेत्र
4 मेहसाना क्षेत्र
5 नवागांव क्षेत्र
6 कोसाम्बा क्षेत्र
7 सानन्द क्षेत्र

(C) प०अपतटीय क्षेत्र

1 मुंबई हाई क्षेत्र
2 बसीन क्षेत्र
3 अलियाबेट क्षेत्र

(D) पूर्वी तटीय क्षेत्र

(E) कावेरी बेसिन तेल क्षेत्र




                   प्राकृतिक गैस

प्राकृतिक गैस प्रायः खनिज तेल के पास पाई जाती है।

प्राकृतिक गैस का वितरण:-

1 असम मेघालय क्षेत्र
2 गुजरात क्षेत्र
3 खम्भात की खाड़ी क्षेत्र
4 मुंबई हाई क्षेत्र
5 रावा संरचना क्षेत्र
6 तमिलनाडु का पेरानगुलम क्षेत्र



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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

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