परीक्षा में जैव विविधता से आये प्रश्न अब गलत नही होंगे।



जैव विविधता

किसी विस्तृत क्षेत्र की पर्यावरणीय दशाओं में पौधों एवं जन्तुओ के समुदायों के जीवों की प्रजातियों की विविधता जैव विविधता कहलाता है।

इसे अंग्रेजी में Biodiversity कहते हैं।

जैवविविधता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1986 में वाल्टर जी० रोजेन ने किया।

आगे चलकर ई० ओ० विल्सन ने जैवविविधता शब्दावली का विश्व भर में ब्यापक प्रचार एवं प्रसार किया।

जैव विविधता के तत्व

1 जननिक विभिन्नता

2 प्रजाति विभिन्नता

3 कालिक विभिन्नता

4 परिस्थितिक तंत्र विभिन्नता



जैव विविधता का महत्व

जैव विविधता के महत्व का आकलन पौधों जन्तुओ एवं सूक्ष्म जीवों के जीवीय समुदायों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिलने वाले लाभों के संदर्भ में किया जाता है।


जैव विविधता हॉटस्पॉट

जैव विविधता हॉटस्पॉट नामावली का सर्वप्रथम प्रयोग 1998 में नार्मन मायर्स ने किया।

नार्मन मायर्स एक प्रसिद्ध ब्रिटिश परिस्थितिकी विद है।

नार्मन मायर्स के अनुसार जैव विविधता हॉटस्पॉट उन क्षेत्रों को कहते हैं जो पौधों जन्तुओ एवं सूक्ष्म जीवों के समृद्ध जीवीय समुदायों को धारण करते हैं तथा जिनमे स्थानिक प्रजातियों का बाहुल्य होता है।




जैव विविधता हॉटस्पॉट को मेगाडाइवर्सिटी प्रदेश या स्थान कहते हैं।

भारत मे 3 जैव विविधता हॉटस्पॉट पाए जाते हैं।

1 पश्चिमी घाट

2 उत्तरी-पूर्वी भारत

3 हिमालय क्षेत्र


जैव विविधता का संरक्षण

वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों के विनाश तथा जैव विविधता के ह्रास एवं क्षय की समस्या अब निर्धारित सीमा को पार गई है।

विश्व के अनेक देशों का ध्यान अब इस ओर आकर्षित हो रहा है तथा अनेक देश वन्य जीवों के संरक्षण एवं विकास के लिये चिंतित हैं।

वन्य जीवों की संख्या तथा जैव विविधता के संरक्षण का प्रथम विश्वस्तरीय प्रयास सन 1992 में प्रथम पृथ्वी सम्मेलन के समय किया गया।

जिसे रियो सम्मेलन के नाम से भी जानते हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में सन 1992 में इसका आयोजन किया गया।

इस सम्मेलन में 178 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

रियो सम्मेलन के निम्न प्रमुख लक्ष्य थे:-

1 पृथ्वी एवं इसके पर्यावरण की रक्षा

2 पारिस्थितिकीय संतुलन का अनुरक्षण

3 जैव विविधता को समृद्ध बनाना।



जैव विविधता ह्रास के कारण

इसके निम्नलिखित कारण है:-

A प्राकृतिक कारण

1 जलवायु परिवर्तन

2 सूखा

3 ज्वालामुखी उदगार

4 महाद्वीपीय प्रवाह एवं विभंजन

B मानवीय कारण

1 आवासों का विनाश

2 पर्यावरण प्रदूषण

3 अतिविदोहन

4 विदेशज प्रजातियों का प्रवेश

5 ग्लोबल वार्मिंग

6 रोग एवं ब्याधियां



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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)


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