जानिये क्या है? अक्षांश,सह अक्षांश,अश्व अक्षांश,देशांतर,वृहत वृत,विषुव आदि।


अक्षांश

अक्षांश वस्तुतः ग्लोब या मानचित्र पर उत्तर से दक्षिण दिशा में मापी गई कोणीय दूरियां होती हैं।

1° अक्षांश की पृथ्वी के धरातल पर दूरी 111.13 किमी होती है।

ग्लोब पर 1° के अन्तराल पर कुल अक्षांश रेखाओं की संख्या 179 है।


अक्षांश रेखायें

ग्लोब या मानचित्र पर पश्चिम से पूर्व दिशा में खिंची जाने वह काल्पनिक रेखा जो समान अक्षांशीय कोण वाले स्थानों को मिलाती है अक्षांश रेखाएं कहलाती हैं।

ये पृथ्वी के धरातल पर वास्तविक रूप में नही खिंची रहती है। ये ग्लोब या मानचित्र पर एक दूसरे के समानांतर होती है इसलिए इन्हें अक्षांश रेखाएं कहते हैं।


सह अक्षांश

किसी अक्षांश का 90° से अंतर उसका सह-अक्षांश होता है।

उदाहरण:- 30° उत्तरी अक्षांश का सह-अक्षांश 90°- 30°= 60° अक्षांश होता है।

ध्यातव्य है कि सह अक्षांश को उत्तरी तथा दक्षिणी नही लिखा जाता है।





अश्व अक्षांश

30° उत्तरी से 35° उत्तरी तथा 30° दक्षिणी से 35° दक्षिणी अक्षांशों के मध्य स्थित पेटी को अश्व अक्षांश कहा जाता है।

जहाँ उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी मिलती है जिसका कारण इन पर प्रतिचक्रवातों का उतरना हैं।


विषुव

वह तिथियां जिसमे दोनों गोलार्द्धों में दिन और रात की अवधि समान होती है विषुव कहलाती है।

सूर्य 21 मार्च तथा 23 सितंबर को विषुवत रेखा पर लंबवत चमकता है।

इन दोनों तिथियों को पूरे ग्लोब पर दिन एवं रात की अवधि समान होती है।

इसमे 21 मार्च वाले विषुव को बसन्त विषुव तथा 23 सितंबर वाले विषुव को शिशिर विषुव कहा जाता है।





देशांतर

पृथ्वी पर दो अक्षांशो के मध्य कोणीय दूरी देशांतर कहलाती है।

ये कोणीय दूरियां किसी सन्दर्भ बिंदु से निकाली जाती है।

देशांतर रेखायें

ग्लोब या मानचित्र पर उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा देशान्तर रेखा कहलाती है।

ये देशान्तर रेखायें सभी अक्षांशों को काटती है।

दो देशान्तरों के बीच का क्षेत्र को गोर (GORE) के नाम से जाना जाता है।


वृहद वृत

दो विपरीत स्थित देशांतरो को जोड़ने से एक ध्रुवीय वृत बनता है।

जैसे 0° देशान्तर में 180° देशान्तर जोड़ने से या 10° पूर्वी देशान्तर में 170° पश्चिम देशान्तर जोड़ने से एक ध्रुवीय वृत बनाने के लिये दोनों का योग 180 होना चाहिए तथा एक देशान्तर पूर्वी गोलार्द्ध तथा दूसरा पश्चिम गोलार्द्ध का होना चाहिए।

एक देशांतरीय वृत, वृहत वृत कहलाता है।

इस प्रकार 1° के अंतराल पर ध्रुवो से होकर गुजरने वाले कुल देशांतरीय वृत 180 होंगे ये सभी वृहत वृत होंगे।




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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)



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