क्या आपको पता है कि पृथ्वी ध्रुवों पर चपटी क्यों है?



पृथ्वी ध्रुवों पर चपटी क्यो है?

अपने ध्रुवीय अक्ष ( किली ) के परितः घूमने के कारण पृथ्वी के प्रत्येक कण पर एक अपकेंद्र बल बाहर की ओर कार्य करता है।

जिसका मान ध्रुवों पर न्यूनतम तथा विषुवत रेखा पर अधिकतम होता है।

अतः विषुवत रेखा पर पृथ्वी का बाहर की ओर संकेंद्रित हो जाता है।

साधारणतः पृथ्वी से फेंके गए प्रक्षेप्य का मार्ग परवरलयाकार होता है, परन्तु अत्यधिक ऊँचाई तक फेंके गये प्रक्षेप्यो का मार्ग दीर्घ वृत्ताकार होता है : क्यो?

साधारण ऊँचाई तक प्रक्षेप्य की पृथ्वी के केंद्र से दूरी में परिवर्तन पृथ्वी की त्रिज्या की तुलना में नगण्य होता है।

अतः प्रक्षेप्य लगभग एक समान गुरुत्वाकर्षण बल के अंतर्गत गति करता है जिस कारण इसका पथ परवलयाकार होता है परन्तु अत्यधिक ऊँचाई तक जाने वाले प्रक्षेप्यो पर गुरुत्वाकर्षण बल, प्रक्षेप्य की पृथ्वी केंद्र से दूरी के वर्ग में व्युत्क्रमानुपात में घटता जाता है।

इस प्रकार के परिवर्ती बल के अंतर्गत किसी प्रक्षेप्य के मार्ग दीर्घ वृत्ताकार होता है।



गुरुत्व क्या है?

न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम में गुरुत्वाकर्षण वह आकर्षण बल है जो किन्ही दो वस्तुओं के बीच कार्य करता है।

यदि इन वस्तुओं में एक पृथ्वी हो तो गुरुत्वाकर्षण को गुरुत्व कहते हैं।

अतः गुरुत्व वह आकर्षण बल है जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है ।

स्पष्ट है कि गुरुत्व गुरुत्वाकर्षण का एक विशिष्ट उदाहरण है।

इसी बल के कारण मुक्त रूप से फेंकी हुई वस्तुएं पृथ्वी की सतह पर आकर गिरती हैं।



पृथ्वी का आकार

पृथ्वी का आकार पृथ्व्याकार (Geoid) है।

Geoid वह सतह है जो स्थल खण्डों की औसत ऊँचाई (अर्थात समुद्र तल तथा उस स्थलखण्ड के मध्य से हो कर ) तथा महासागरों और सागरों की औसत गहराई
 (अर्थात किसी स्थान के सागर तल तथा सागर नितल ) के मध्य से होकर गुजरती है।

इस प्रकार पृथ्वी पूरी तरह गोल नही है बल्कि दोनों ध्रुवों पर कुछ चपटी है।

भूमध्य रेखा पर उसकी त्रिज्या ध्रुवों की त्रिज्या से लगभग 21 km अधिक है।

हम जानते है कि g का मान पृथ्वी की त्रिज्या पर निर्भर हैै।

नोट:- 1 पृथ्वी तल के ऊपर जाने पर g का मान घटता है।

2 पृथ्वी तल से नीचे जाने पर भी g का मान घटता है।





IMP:-

1 गुरुत्वीय त्वरण का मात्रक न्यूटन/किग्रा० होता है।

2 पृथ्वी तल पर g के मान में परिवर्तन हेतु मुुख्य रूप से 
पृथ्वी का अक्षीय घूर्णन उत्तरदायी है।

3 पृथ्वी पर g का मान सबसे कम भूूमध्य रेखा पर होता है।

4 पृथ्वी पर g का प्रमाणिक मान 45°अक्षांश के समुद्र तल पर माना जाता है।

5 पृथ्वी पर g का प्रमाणिक मान 9.8 मीटर/ सेकेंड2 होता है।


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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S./Geography
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

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