पारिस्थितिकी तंत्र।
पारिस्थितिकी तंत्र
पारिस्थितिकी वह विज्ञान है जो किसी क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न जीवों के परस्पर सम्बंधों एवं भौतिक पर्यावरण से उनके सम्बंधों का अध्ययन करता है।
पौधें ,जंतु एवं अन्य जीव तथा भौतिक पर्यावरण एक साथ मिलकर पारिस्थितिक तंत्र एवं परितंत्र बनाते हैं।
किसी क्षेत्र में रहने वाले जीव एक दूसरे को प्रभावित करते हैं क्योंकि इनमें आपस मे तथा भौतिक पर्यावरण के साथ पदार्थ एवं ऊर्जा का आदान प्रदान होता रहता है।
परिस्थितिक तंत्र के दो घटक है।
1 जैव
2 अजैव
पारिस्थितिकी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1869 में अर्नेस्ट हैकल ने किया था।
परिस्थितिकी तंत्र शब्द का प्रयोग सर्व प्रथम 1935 में ए०जी०टांसले ने किया था।
पारिस्थितिकी तंत्र के प्रकार
1 स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र
2 जलीय पारिस्थितिकी तंत्र
स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र
इसमे स्थल पर निवास करने वाले जीव ,जंतु आते हैं।
जलीय परिस्थितिकी तंत्र
इसके अंतर्गत जल में रहने वाले जीव जंतु आते हैं।
परिस्थितिकी पिरामिड
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अमित कुमार शुक्ल
Blogger/C.S./G.A.S .प्रयागराज
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